लातेहार: जिले के जगलदगा गांव कभी चोरी और अपराध के लिए बदनाम था, लेकिन आज यह गांव खेती के लिए प्रसिद्ध हो गया है. गांव की जो कभी बंजर जमीन थी थी, उनमें भी फसल लहलहाने लगे हैं. ग्रामीण खेती के साथ-साथ पशुपालन में भी जुड़ गए. जिस गांव के नाम से लोग डरते थे उसी गांव में अब खेती को देखने के लिए अक्सर लोग जाते हैं और वहां से प्रेरणा लेते हैं.
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जगलदगा गांव लातेहार जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी पर लातेहार- रांची मुख्य पथ पर स्थित है. 10 साल पहले तक इस गांव की पहचान चोरी, सड़क लूट और अपराधिक घटनाओं को लेकर थी. रांची से डाल्टेनगंज की ओर जाने वाले लोग जगलदगा से गुजरने के दौरान सहम जाते थे. हमेशा यहां लूटमार होती रहती थी. गांव के अधिकांश लोग रोजगार की तलाश में पलायन करते थे, जिसका लाभ अपराधी उठाते थे. यह गांव लूट का अड्डा बन गया था.
ग्रामीणों ने गांव की पहचान बदलने का लिया संकल्प
गांव की बदनामी से ग्रामीणों को काफी ग्लानि महसूस होती थी, जिसके बाद लोगों ने अपने गांव की पहचान बदलने का संकल्प लिया. ग्रामीणों ने सबसे पहले सड़क लूट की घटना को रोकने का प्रयास शुरू किया. पुलिस की मदद से ग्रामीणों ने ग्राम रक्षा दल का गठन किया और रात भर सड़क पर पहरा देना शुरू कर दिया. इस दौरान ग्रामीणों ने कुछ चोरों को पकड़ कर पुलिस के हवाले भी कर दिया. ग्रामीणों के सक्रियता से अपराधियों के हौसले धीरे-धीरे पस्त होने लगे. गांव को अपराध मुक्त बनाने के बाद यहां के किसान गांव की पहचान बदलने के लिए खेती में जुट गए. गांव के कुछ लोगों ने कृषि विभाग जाकर खेती में मदद करने की गुहार लगाई, जिसके बाद कृषि विभाग के पदाधिकारी गांव पहुंचे और सर्वे किया, जिसमें पाया कि गांव में बेहतर खेती हो सकती है. विभाग ने ग्रामीणों को उन्नत खेती का प्रशिक्षण दिया और कुछ खेती में भी मदद की. उसके बाद गांव में बदलाव शुरू हो गया. 2 साल के अंदर ही गांव कृषि हब के रूप में बदल गया. गांव की खेत जो कभी बंजर पड़ी रहती थी, उसमें भी फसल लहलहाने लगे.
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पशुपालन से भी जुड़े जगलदगा गांव के लोग
जगलदगा गांव के लोग खेती के साथ-साथ पशुपालन से भी जुड़ गए. ग्रामीण जुगलाल सिंह, पिंटू सिंह ने बताया कि गांव को बाहरी अपराधियों ने बदनाम कर दिया था. अपराधियों को भगाने के लिए लोगों ने ग्राम रक्षा दल का गठन किया, दिन रात परिश्रम कर अपराधिक घटनाओं को रोका गया. वहीं ग्रामीण देव कमल सिंह ने बताया कि अशिक्षा के कारण गांव के लोग काफी पिछड़े थे, लेकिन अब धीरे-धीरे शिक्षा का प्रसार होने लगा है और लोग जागरूक भी हुए हैं, अगर सरकारी स्तर पर ग्रामीणों को थोड़ी और मदद दी जाए तो लोग काफी बेहतर कर सकेंगे.
प्रेरणादायी हैं जगलदगा के लोग
इस संबंध में लातेहार डीसी अबू इमरान ने कहा कि इस गांव के ग्रामीणों ने समाज के सामने एक मिसाल पेश किया है. उन्होंने कहा कि गांव के अधिकांश लोग अच्छे होते हैं, बस कुछ लोग के कारण गांव की बदनामी होती है, लेकिन गांव के अच्छे लोग अगर प्रयास करें तो सब कुछ बदल सकता है.