लातेहार: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव रद्द करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय टाना भगत कमेटी की ओर से मंगलवार को लातेहार समाहरणालय का घेराव किया गया है. टाना भगत समुदाय के लोगों का कहना है कि जब तक पंचायत चुनाव को रद्द नहीं किया जाता, तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. समाहरणालय परिसर में बड़ी संख्या में टाना भगत समुदाय के लोग जुटे हुए हैं.
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दरअसल, टाना भगत समुदाय के लोगों का कहना है कि पांचवीं अनुसूची के तहत अनुसूचित जिलों में होने वाले पंचायत चुनाव में सिर्फ आदिवासी परिवार के लोग ही भाग ले सकते हैं. प्रावधान में यह स्पष्ट है कि अनुसूचित जिलों में जब भी पंचायत चुनाव हो तो उसमें सभी पदों के लिए सिर्फ आदिवासी समुदाय के लोग ही हिस्सेदारी करेंगे. लेकिन पिछले कई दिनों से लगातार मांग किए जाने के बावजूद सरकार की ओर से इस पर कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. ऊपर से पंचायत चुनाव को रद्द भी नहीं किया जा रहा है. मजबूरी में सभी लोग मंगलवार से लातेहार समाहरणालय का घेराव करने पहुंचे हैं. इस संबंध में टाना भगत समुदाय के सचिव बहादुर टाना भगत ने कहा कि जब तक पंचायत चुनाव रद्द नहीं किया जाएगा तब तक हम लोग इसी प्रकार धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे.
कई दिनों से दे रहे हैं अल्टीमेटम: टाना भगत समुदाय के सचिव बहादुर टाना भगत ने बताया कि वे लोग पिछले 1 साल से सरकार को लगातार अल्टीमेटम देते आ रहे हैं. उन लोगों की सिर्फ एक ही मांग है कि पांचवीं अनुसूची के तहत ही पंचायत चुनाव कराया जाए लेकिन, सरकार उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं कर रही है. ऐसे में उन लोगों के समक्ष अब मात्र आंदोलन ही एक विकल्प बचा है. टाना भगत समुदाय के लोग अड़े हुए रहे कि जब तक राज्यपाल आंदोलन स्थल पर उपस्थित होकर यह घोषित नहीं करेंगे कि झारखंड में पंचायत चुनाव को रद्द किया गया है ,तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
समाहरणालय को कर दिया है सील: मंगलवार को बड़ी संख्या में पहुंचे टाना भगत समुदाय के लोगों ने पूरे समाहरणालय को लगभग सील कर दिया है. पारंपरिक घंटा और शंख के साथ पहुंचे टाना भगत उपायुक्त कार्यालय कक्ष के सामने धरना पर बैठ गए हैं. हालांकि, जिले के कई अधिकारी टाना भगत समुदाय के लोगों को मनाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन, वे किसी की बात सुनने को तैयार नहीं हैं. टाना भगत समुदाय के लोगों के इस अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन से सरकारी कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं.
प्रत्याशियों को हुई परेशानीः मंगलवार को पंचायत चुनाव के पहले चरण के लिए स्क्रूटनी का कार्य होना था जबकि दूसरे चरण के चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी थी. ऐसे में सभी कार्यालय को आंदोलनकारियों के द्वारा बंद कर दिया जाने से नॉमिनेशन का कार्य भी प्रभावित रहा. हालांकि बाद में प्रशासनिक अधिकारियों ने वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए एसपी कार्यालय के प्रांगण में नामांकन और स्क्रूटनी के प्रक्रिया पूरी की. इस दौरान नामांकन कराने आए प्रत्याशियों में भी आक्रोश देखा गया. एक प्रत्याशी ने तो कहा कि पंचायत चुनाव बिल्कुल होना चाहिए.