लातेहार: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को भारत और झारखंड सरकार ने महिलाओं को सम्मान योजना के रूप में प्रस्तुत किया था. लेकिन यह योजना लातेहार में बेईमानी का शिकार हो गया. उज्जवला योजना के तहत कागजों में ही महिलाओं को गैस बांट कर वाहवाही लूट ली गई. भारत सरकार के द्वारा लॉकडाउन को लेकर उज्जवला योजना के लाभुकों के खाते में पैसे भेजे जाने के बाद इसका खुलासा हुआ.
दरअसल, लातेहार के आरागुंडी पंचायत की लगभग 12 से अधिक महिलाओं के नाम से कागजों में ही उज्जवला योजना के तहत गैस सिलेंडर और चूल्हा वितरण किया गया. कागज में तो महिलाओं के नाम से गैस और चूल्हा दोनों आवंटित किए जाने का जिक्र कर दिया गया. लेकिन सच्चाई यह थी कि इन महिलाओं को न गैस मिला न चूल्हा.
नहीं लगी भनक
जानकारी के अभाव में 1 साल तक महिलाओं को पता भी नहीं चल पाया कि उनके नाम से गैस और सिलेंडर निकल भी चुके हैं. इधर लॉकडाउन के कारण भारत सरकार ने जब उज्जवला योजना के लाभुकों के खाते में आठ-आठ सौ रुपए भेजे तो इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ.
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जानिए लाभुक ने क्या कहा
गांव की महिला गीता देवी, लाभुक महिला संगीता के पति समेत कई अन्य लाभुकों ने बताया कि उनके खाते में गैस खरीदने के लिए 800 रूपए भारत सरकार से आए हैं. लेकिन उन लोगों को आज तक ना गैस मिला है ना सिलेंडर. काफी पता करने पर जानकारी मिली की एक साल पहले ही उनके नाम से इंडियन गैस एजेंसी में गैस आवंटित कर दी गई है.
1 साल पहले जमा किए थे फॉर्म
लाभुकों ने बताया कि 1 साल पहले वे लोग उज्जवला योजना का फॉर्म भरकर जमा किया था. उसके बाद गैस दुकान संचालक उनसे कहता रहा कि उनके नाम से गैस आवंटित नहीं हुआ है. इधर जब उनके नाम से गैस सिलेंडर खरीदने के लिए पैसे आए तो वे लोग फिर अपने गैस का पता लगाने डीलर के पास गए. लेकिन डीलर कुछ भी स्पष्ट बताने से इनकार किया, बाद में पता चला कि उनके नाम से इंडियन गैस एजेंसी में सिलेंडर आवंटित कर दिए गए हैं. 1 साल बाद भी उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया.
डीसी करवा रहे हैं डीएसओ से जांच
इस संबंध में पूछने पर लातेहार डीसी जिसान कमर ने कहा कि मामले की जानकारी उन्हें भी मिली है. इस पूरे मामले की जांच में लातेहार जिला आपूर्ति पदाधिकारी से करवा रहे हैं. महिलाओं के सम्मान के नाम पर उनके साथ धोखा और बेईमानी की गई है. ऐसे में जरूरत इस बात की है कि प्रशासनिक अधिकारी पूरे मामले की जांच करवाएं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें, ताकि लाभुकों को उनका हक मिल सके.