लातेहार: जिले के ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट की समस्या कोई नई नहीं है. गर्मी के मौसम में पानी की कमी से ग्रामीण परेशान रहते हैं, लेकिन इस बार तो मार्च महीने में ही ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की जद्दोजहद आरंभ हो गई. सदर प्रखंड के तूरी टोला गांव के कई परिवार चुआंड़ी के पानी से अपनी प्यास बुझाने को विवश हो गए हैं. पेयजल संकट का जायजा लेने के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता जितेंद्र कुजूर तूरी टोला गांव पहुंचे.
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ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण करने के दौरान कार्यपालक अभियंता जितेंद्र कुजूर जब तूरी टोला गांव पहुंचे तो वहां के हालात देखकर वे हतप्रभ रह गए. हालांकि, अच्छी बात यह है कि जिले के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता जितेंद्र कुजूर अपनी पूरी टीम के साथ गांव का दौरा कर पेयजल संकट के समाधान के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं.
दरअसल, लातेहार सदर प्रखंड के सासंग पंचायत के तूरी टोला में रहने वाले लोग आज भी पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. कहने के लिए तो सरकार के स्तर से हर घर में नल जल योजना के तहत पानी पहुंचाई जा रही है, लेकिन यह टोला आज भी इस योजना से वंचित रह गया है. गांव में दो चापाकल भी लगाए गए हैं, लेकिन गर्मी के आगाज के साथ ही दोनों चापाकल ग्रामीणों का साथ छोड़ चुके हैं. ऐसे में ग्रामीण गांव से लगभग 1 किलोमीटर दूर स्थित खेत में बह रहे एक चुआंड़ी के पानी से अपनी प्यास बुझाने को विवश हैं. रोज सुबह ग्रामीणों की भीड़ चुआंड़ी के पास लगती है और घंटों जद्दोजहद के बाद ग्रामीण महिलाएं पानी भरकर घर लौटती हैं.
हालात देख अधिकारी भी हुए हतप्रभ: ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट का जायजा लेने के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता अपनी टीम के साथ लगातार क्षेत्र का भी दौरा कर रहे हैं. इसी क्रम में वे तूरी टोला भी पहुंचे. तूरी टोला के ग्रामीणों से मिलकर उन्होंने पेयजल की उपलब्धता के संबंध में जानकारी ली तो पता चला कि इस गांव के कई परिवार चुआंड़ी से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जो चापाकल लगाए गए हैं, उनमें पानी नहीं के बराबर निकलता है. ऐसे में मजबूरी में वे लोग चुआंड़ी से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाते हैं.
तत्काल गांव में एक चापाकल लगाने का दिया आदेश: कार्यपालक अभियंता ने तत्काल गांव में एक चापाकल लगाने का आदेश दिया. साथ ही इस पूरे गांव को जल्द ही नल जल योजना के तहत आच्छादित करने का भी निर्णय लिया. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि गांव में पेयजल संकट ना हो इसके लिए विभाग पूरी तरह कटिबद्ध है. पेयजल संकट से ग्रामीणों को निजात दिलाने के लिए विभाग लगातार प्रयासरत है.