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डिजिटल इंडिया का दावा फेलः सरयू प्रखंड में नहीं है मोबाइल नेटवर्क, लोग हो रहे हैं परेशान - लातेहार मोबाइल टावर समाचार

डिजिटल इंडिया लातेहार जिला के नवनिर्मित सरयू प्रखंड में पूरी तरह फेल है. इस प्रखंड के लोगों को आज भी मोबाइल से बात करने के लिए अपने घर से कई किलोमीटर दूर जाकर नेटवर्क को तलाशना पड़ता है.

people of saryu block has upset by problem of mobile network in latehar
डिजिटल इंडिया का दावा फेल !
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Published : Dec 24, 2020, 5:50 PM IST

लातेहारः सरकार भले ही डिजिटल इंडिया के नाम पर अपनी पीठ थपथपा ले. सरकार का डिजिटल इंडिया का दावा फेल सुदूर अंचल में फेल साबित होता नजर आ रहा है. लातेहार जिले के नवनिर्मित सरयू प्रखंड इसका बड़ा उदाहरण है. जहां लोगों को बात करने के लिए कई किलोमीटर का सफर करना पड़ता है.

SPECIAL REPORT: डिजिटल इंडिया का दावा फेल !

नेटवर्क से वंचित लोग

लातेहार के सरयू का इलाका पूरी तरह उग्रवादियों के गढ़ के रूप में पूरे राज्य में कुख्यात था. सरयू को उग्रवाद की राजधानी भी कहा जाने लगा था. उग्रवादियों के भय के कारण इस इलाके का विकास पूरी तरह रुका हुआ था. धीरे-धीरे जब उग्रवादियों का साम्राज्य ध्वस्त होने लगा तो सरयू में भी विकास अंगड़ाई लेने लगी. सरकार ने भी सरयू एक्शन प्लान बनाकर पूरे इलाके में विकास की नई योजनाएं लाई. इलाके में सड़क बनाई गईं. लेकिन डिजिटल इंडिया की बात से सरयू के लोग आज भी वंचित रह गए.

बात करने के लिए भी जाना पड़ता है कई किलोमीटर
सरयू और इसके आसपास के गांव के लोगों ने भी मोबाइल खरीद लिए हैं. उन्हें मोबाइल से बात करने के लिए टावर की तलाश करना पड़ता है. लोगों को अपने गांव से कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. ग्रामीण गोपाल कुमार ने कहा कि गांव में नेटवर्क नहीं रहने से उन लोगों को 5 किलोमीटर दूर घाटी में आना पड़ता है. वहीं धीरेंद्र सिंह ने बताया कि उन लोगों को मोबाइल से बात करने के लिए अपने गांव डबरी से 10 किलोमीटर दूर नेटवर्क की तलाश में आना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक परेशानी रात में होती है. इमरजेंसी में भी मोबाइल से बात नहीं हो पाती है. ग्रामीण रमेश सिंह ने कहा कि अगर गांव में टावर की व्यवस्था हो जाए तो ग्रामीणों को काफी सुविधा होगी.

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नेटवर्क की तलाश में लोग आते हैं घाटी

इसे भी पढ़ें- नेतरहाट को नई पहचान दे रहा है राजू, आधूनिक तकनीक और व्यवसायिक खेती से किसानों को कराया रूबरू



नाम के लिए है बीएसएनएल का नेटवर्क
लगभग 10 किलोमीटर की परिधि में फैले सरयू प्रखंड में नाम के लिए बीएसएनएल का नेटवर्क है. सच्चाई यह है कि यहां महीने में 25 दिन से अधिक बीएसएनएल का नेटवर्क फेल ही रहता है. ग्रामीण असगर अली ने बताया कि बीएसएनएल सिर्फ नाम के लिए है. ग्रामीणों को इससे कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है.

नेटवर्क कंपनी से की गई है बात- डीसी
इस संबंध में पूछने पर लातेहार के डीसी अबु इमरान ने कहा कि कुछ इलाकों में नेटवर्क की समस्या की जानकारी उन्हें है. इसके लिए कंपनियों से बातचीत की जा रही है. कंपनियों की ओर से प्रस्ताव आते ही उन्हें तत्काल एनओसी दिया जाएगा.

लातेहारः सरकार भले ही डिजिटल इंडिया के नाम पर अपनी पीठ थपथपा ले. सरकार का डिजिटल इंडिया का दावा फेल सुदूर अंचल में फेल साबित होता नजर आ रहा है. लातेहार जिले के नवनिर्मित सरयू प्रखंड इसका बड़ा उदाहरण है. जहां लोगों को बात करने के लिए कई किलोमीटर का सफर करना पड़ता है.

SPECIAL REPORT: डिजिटल इंडिया का दावा फेल !

नेटवर्क से वंचित लोग

लातेहार के सरयू का इलाका पूरी तरह उग्रवादियों के गढ़ के रूप में पूरे राज्य में कुख्यात था. सरयू को उग्रवाद की राजधानी भी कहा जाने लगा था. उग्रवादियों के भय के कारण इस इलाके का विकास पूरी तरह रुका हुआ था. धीरे-धीरे जब उग्रवादियों का साम्राज्य ध्वस्त होने लगा तो सरयू में भी विकास अंगड़ाई लेने लगी. सरकार ने भी सरयू एक्शन प्लान बनाकर पूरे इलाके में विकास की नई योजनाएं लाई. इलाके में सड़क बनाई गईं. लेकिन डिजिटल इंडिया की बात से सरयू के लोग आज भी वंचित रह गए.

बात करने के लिए भी जाना पड़ता है कई किलोमीटर
सरयू और इसके आसपास के गांव के लोगों ने भी मोबाइल खरीद लिए हैं. उन्हें मोबाइल से बात करने के लिए टावर की तलाश करना पड़ता है. लोगों को अपने गांव से कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. ग्रामीण गोपाल कुमार ने कहा कि गांव में नेटवर्क नहीं रहने से उन लोगों को 5 किलोमीटर दूर घाटी में आना पड़ता है. वहीं धीरेंद्र सिंह ने बताया कि उन लोगों को मोबाइल से बात करने के लिए अपने गांव डबरी से 10 किलोमीटर दूर नेटवर्क की तलाश में आना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक परेशानी रात में होती है. इमरजेंसी में भी मोबाइल से बात नहीं हो पाती है. ग्रामीण रमेश सिंह ने कहा कि अगर गांव में टावर की व्यवस्था हो जाए तो ग्रामीणों को काफी सुविधा होगी.

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नेटवर्क की तलाश में लोग आते हैं घाटी

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नाम के लिए है बीएसएनएल का नेटवर्क
लगभग 10 किलोमीटर की परिधि में फैले सरयू प्रखंड में नाम के लिए बीएसएनएल का नेटवर्क है. सच्चाई यह है कि यहां महीने में 25 दिन से अधिक बीएसएनएल का नेटवर्क फेल ही रहता है. ग्रामीण असगर अली ने बताया कि बीएसएनएल सिर्फ नाम के लिए है. ग्रामीणों को इससे कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है.

नेटवर्क कंपनी से की गई है बात- डीसी
इस संबंध में पूछने पर लातेहार के डीसी अबु इमरान ने कहा कि कुछ इलाकों में नेटवर्क की समस्या की जानकारी उन्हें है. इसके लिए कंपनियों से बातचीत की जा रही है. कंपनियों की ओर से प्रस्ताव आते ही उन्हें तत्काल एनओसी दिया जाएगा.

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