लातेहार: जिले का गारू और सरयू का क्षेत्र पहचान का मोहताज नहीं है. यह क्षेत्र कभी नक्सलियों की राजधानी के रूप में पूरे देश में चर्चित थी. हालांकि नक्सलियों का वर्चस्व तो इस इलाके से धीरे-धीरे काफी हद तक कम हो गया, लेकिन यहां के लोगों की समस्या बरकरार रही. यहां सबसे ज्यादा समस्या मोबाइल नेटवर्क की है. जिसकी वजह से यहां के लोगों का जीवन मौजूदा वक्त में डिजिटल इंडिया के सपने से काफी दूर है.
इस इलाके में लगभग 50 हजार की आबादी निवास करती है, जो सरकार के डिजिटल इंडिया के दावों की पोल खोल रही है. सरयू के असगर अली ने कहा कि गांव में नेटवर्क नहीं रहने की वजह से लोगों का स्मार्ट मोबाइल भी खिलौना बनकर रह जाता है. उन्हें फोन करने के लिए 4 किलोमीटर दूर घाटी में जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि कभी-कभी सिर्फ बीएसएनएल का नेटवर्क ही काम करता है.
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वहीं, मोहम्मद अली के मुताबिक, इलाके में नेटवर्क नहीं होने से लोगों को बेहद परेशानी हो रही है. नेटवर्क की वजह से इन इलाकों में सरकारी काम भी पूरी तरह बाधित रहते हैं. लोगों को पेंशन, छात्रवृत्ति, आधार समेत कई कामों के लिए भी लातेहार जाना पड़ता है. इससे बैंकिंग के कामों में बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
इसको लेकर लातेहार जिला परिषद अध्यक्ष सुनीता कुमारी ने कहा कि गांव में नेटवर्क को लेकर सरकार को पत्र लिखा गया है. जिला परिषद वित्त अंकेक्षण और दूरसंचार उप-समिति के सभापति विनोद उरांव ने कहा कि वर्तमान में सभी सरकारी काम ऑनलाइन ही हो रहे हैं. ऐसे में नेटवर्क की समस्या की वजह से इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भारी परेशानी हो रही है. इसके लिए वो लोग सरकार को पत्र भी लिख चुके हैं.