लातेहारः सबका साथ, सबका विकास और सब का विश्वास की बात करने वाली मोदी सरकार के कार्यकाल में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है. सरकारी उदासीनता और उपेक्षा से नाराज लातेहार के सभी 142 पंचायत समिति सदस्यों ने शुक्रवार को सामूहिक इस्तीफा दे दिया. पंचायत समिति सदस्यों के इस्तीफे से जिले में पंचायती राज व्यवस्था अधर में लटक गई है.
गौरतलब है कि जिले के पंचायत समिति सदस्यों ने पहले ही सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि वे लोग सरकारी उपेक्षा के कारण सामूहिक इस्तीफा दे देंगे. पंचायत समिति सदस्यों का आरोप है कि साढ़े 3 साल गुजर जाने के बाद भी सरकार ने आज तक ना तो उन्हें विकास के लिए कोई फंड दिया गया और ना ही उनकी आवाज को ही सुना गया है. संघ के जिला अध्यक्ष संजीव कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार ने लगातार पंचायत समिति सदस्यों की उपेक्षा की है.
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सरकारी उपेक्षा के कारण पंचायत समिति के सदस्य ना तो जन आकांक्षाओं को पूरी कर पा रहे हैं और न ही कोई विकास ही कर पा रहे हैं. ऐसे में सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफा के जरिए आम जनता के बीच सरकार की कमियों को उजागर किया है. पंचायत समिति सदस्यों के सामूहिक इस्तीफा देने से पंचायती व्यवस्था पर सवाल उठ रहा है.