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किसानों के साथ धोखा: खेत में लगाए गए सोलर पैनल और पंप, फिर भी नहीं हो पा रही खेतों की सिंचाई, जानिए क्या है वजह

Bad condition of solar based irrigation schemes. लातेहार में सरकारी योजनाओं का बुरा हाल है. सिंचाई के लिए सोलर पैनल और पंप तो लगा दिए गए. लेकिन इसके बाद भी किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं. इसके पीछे वजह है कि ठेकेदारों में खराब गुणवत्ता वाले पंप लगा दिए हैं. अब इस मामले में डीसी ने जांच के आदेश दिए हैं.

Bad condition of solar based irrigation schemes
Bad condition of solar based irrigation schemes
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 29, 2023, 5:19 PM IST

Updated : Nov 29, 2023, 5:26 PM IST

खेत में लगाए गए सोलर पैनल और पंप, फिर भी नहीं हो पा रही खेतों की सिंचाई

लातेहार: सरकार भले ही आदिवासियों की विकास के लिए कई प्रकार की योजनाएं चल रही है. लेकिन योजनाओं को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी जिन लोगों की है, वह उसमे खरा नहीं उतर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला लातेहार जिले के मंगरा पंचायत में प्रकाश में आया है. यहां आदिवासियों के विकास के नाम पर जमकर धांधली की गई है.

लातेहार जिले के मंगरा पंचायत में केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत आदिवासी समुदाय के लोगों को कृषि कार्य में सहायता पहुंचाने के लिए सोलर आधारित सिंचाई की योजना स्वीकृत की गई थी. इसके तहत पंचायत में कुल 14 यूनिट सिंचाई योजना विभिन्न स्थानों पर लगाई जा रही थी. लेकिन लाभुकों का आरोप है कि संवेदक के द्वारा निम्न गुणवत्ता वाले मोटर पंप लगाए जाने के कारण यह योजना ग्रामीणों के लिए लाभदायक साबित नहीं हो पा रहा है.

ग्रामीण परमेश्वर सिंह बताते हैं कि सोलर आधारित मोटर पंप तो लगा दिया गया है, लेकिन इससे खेतों को सिंचाई करना असंभव है. उन्होंने कहा कि दिनभर मोटर चलाने के बाद भी मात्र 1 से दो कट्ठा जमीन की ही सिंचाई हो पा रही है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार आदिवासियों का सचमुच विकास करना चाहती है तो कम से कम बेहतर सामान उपलब्ध कराएं. वहीं लाभुक मनोरमा देवी ने कहा कि नाम मात्र के लिए यह योजना लगाई गई है. उन्होंने कहा कि सही सामान नहीं लगाने के कारण योजना का लाभ मिलना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और ग्रामीणों को उचित सामान मिलना चाहिए.

कई योजना पड़ी है अधूरी: मंगरा गांव में ही सोलर आधारित सिंचाई की कई योजनाएं अधूरी पड़ी हुई हैं. लाभुकों का कहना है कि मात्र स्टैंड खड़ा कर दिया गया है. पूछने पर सही जवाब भी नहीं मिलता है कि कब तक सिंचाई योजना चालू की जाएगी.

सामान की गुणवत्ता पर एजेंसी भी उठ चुका है सवाल: यहां सबसे हैरान करने वाले बात यह है कि 5 एचपी का सोलर पंप आपूर्ति करने के लिए आपूर्तिकर्ता ने जिस एजेंसी के पेपर टेंडर के समय लगाया था, उसे एजेंसी के संचालक ने लातेहार उपायुक्त को पत्र लिखकर सूचित किया है कि एजेंसी के द्वारा आपूर्तिकर्ता को सोलर पंप आपूर्ति नहीं की गई है. एजेंसी के संचालक ने उपायुक्त से पत्र के माध्यम से कहा है कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. एजेंसी के द्वारा यह भी संभावना जताई सोलर सिंचाई योजना में गुणवत्तापूर्ण सोलर पंप नहीं लगाए गए हैं.

मामले की हो रही है जांच-डीसी: इस संबंध में पूछने पर लातेहार डीसी हिमांशु मोहन ने कहा कि मामले की जानकारी उन्हें भी हुई है. इस संबंध में एक पत्र भी उन्हें प्राप्त हुआ है. उनके द्वारा पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. जांच के बाद जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई भी की जाएगी. डीसी ने कहा कि योजनाओं में गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई होगी.

खेत में लगाए गए सोलर पैनल और पंप, फिर भी नहीं हो पा रही खेतों की सिंचाई

लातेहार: सरकार भले ही आदिवासियों की विकास के लिए कई प्रकार की योजनाएं चल रही है. लेकिन योजनाओं को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी जिन लोगों की है, वह उसमे खरा नहीं उतर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला लातेहार जिले के मंगरा पंचायत में प्रकाश में आया है. यहां आदिवासियों के विकास के नाम पर जमकर धांधली की गई है.

लातेहार जिले के मंगरा पंचायत में केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत आदिवासी समुदाय के लोगों को कृषि कार्य में सहायता पहुंचाने के लिए सोलर आधारित सिंचाई की योजना स्वीकृत की गई थी. इसके तहत पंचायत में कुल 14 यूनिट सिंचाई योजना विभिन्न स्थानों पर लगाई जा रही थी. लेकिन लाभुकों का आरोप है कि संवेदक के द्वारा निम्न गुणवत्ता वाले मोटर पंप लगाए जाने के कारण यह योजना ग्रामीणों के लिए लाभदायक साबित नहीं हो पा रहा है.

ग्रामीण परमेश्वर सिंह बताते हैं कि सोलर आधारित मोटर पंप तो लगा दिया गया है, लेकिन इससे खेतों को सिंचाई करना असंभव है. उन्होंने कहा कि दिनभर मोटर चलाने के बाद भी मात्र 1 से दो कट्ठा जमीन की ही सिंचाई हो पा रही है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार आदिवासियों का सचमुच विकास करना चाहती है तो कम से कम बेहतर सामान उपलब्ध कराएं. वहीं लाभुक मनोरमा देवी ने कहा कि नाम मात्र के लिए यह योजना लगाई गई है. उन्होंने कहा कि सही सामान नहीं लगाने के कारण योजना का लाभ मिलना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और ग्रामीणों को उचित सामान मिलना चाहिए.

कई योजना पड़ी है अधूरी: मंगरा गांव में ही सोलर आधारित सिंचाई की कई योजनाएं अधूरी पड़ी हुई हैं. लाभुकों का कहना है कि मात्र स्टैंड खड़ा कर दिया गया है. पूछने पर सही जवाब भी नहीं मिलता है कि कब तक सिंचाई योजना चालू की जाएगी.

सामान की गुणवत्ता पर एजेंसी भी उठ चुका है सवाल: यहां सबसे हैरान करने वाले बात यह है कि 5 एचपी का सोलर पंप आपूर्ति करने के लिए आपूर्तिकर्ता ने जिस एजेंसी के पेपर टेंडर के समय लगाया था, उसे एजेंसी के संचालक ने लातेहार उपायुक्त को पत्र लिखकर सूचित किया है कि एजेंसी के द्वारा आपूर्तिकर्ता को सोलर पंप आपूर्ति नहीं की गई है. एजेंसी के संचालक ने उपायुक्त से पत्र के माध्यम से कहा है कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. एजेंसी के द्वारा यह भी संभावना जताई सोलर सिंचाई योजना में गुणवत्तापूर्ण सोलर पंप नहीं लगाए गए हैं.

मामले की हो रही है जांच-डीसी: इस संबंध में पूछने पर लातेहार डीसी हिमांशु मोहन ने कहा कि मामले की जानकारी उन्हें भी हुई है. इस संबंध में एक पत्र भी उन्हें प्राप्त हुआ है. उनके द्वारा पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. जांच के बाद जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई भी की जाएगी. डीसी ने कहा कि योजनाओं में गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई होगी.

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Last Updated : Nov 29, 2023, 5:26 PM IST
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