लातेहारः इस जिला को प्रकृति ने कई अनुपम सौगात दिए हैं. इन्हीं सौगातों में एक है, सदर प्रखंड के सालोडीह गांव का प्राकृतिक गर्म कुंड. इस कुंड की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां सालों भर एक समान मोटे धार से पानी गिरता है. अगर इस कुंड के पानी का सदुपयोग हो जाए तो लातेहार की हजारों एकड़ भूमि हरी-भरी हो जाएगी और इस प्राकृतिक कुंड का संरक्षण भी हो सकेगा.
इसे भी पढ़ें- अनोखा गर्म कुंडः सर्दी में भी यहां का पानी रहता है गर्म, जानिए आखिर क्या है इसका रहस्य
लातेहार का प्राकृतिक गर्म कुंड प्रकृति का वरदान है. दरअसल सालोडीह गांव में एक ऐसा जलकुंड है, जहां से सालों भर खुद-ब-खुद पानी गिरते रहता है. पानी की धार भी इतनी मोटी होती है कि देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि किसी मोटर पंप से पानी निकाला जा रहा है. इस कुंड के कारण गांव के आसपास के भूमि पर स्थानीय किसान सालों भर खेती भी कर लेते हैं. ग्रामीणों के लिए कुंड ऐसा वरदान है जो इस गांव पर सुखाड़ और अकाल काफी असर नहीं होता. स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि यह कुंड गांव के लिए वरदान के समान है. इसके पानी से ग्रामीण स्नान करने के अलावा खेतों को सिंचाई भी करते हैं. गांव में जब पेयजल की बेहतर व्यवस्था नहीं थी तो पूरे गांव के लोग इसी पानी को पीते भी थे. इस जलकुंड के कारण गांव में सालों भर कुछ न कुछ खेती होती रहती है.
पानी को रोकने के लिए डैम बने तो धरती हो जाएगी हरी-भरीः ग्रामीण सिकंदर अगरिया ने बताया कि इस कुंड के पानी को रोकने के लिए अगर डैम का निर्माण कर दिया जाए तो आसपास के गांव के हजारों एकड़ भूमि पूरी तरह सिंचित हो जाएगी. उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले इस कुंड से सिंचाई के साधन विकसित करने का प्रयास प्रशासन के द्वारा किया गया था, पर वह प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन पूरी गंभीरता के साथ इस कुंड को सिंचाई के साधन के रूप में विकसित करने के प्रति कार्य करें तो यह गांव में कृषि क्रांति के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि होगी. वहीं ग्रामीण महिला ममता देवी ने बताया कि इस कुंड के पानी से गांव के किसान सालों भर खेती करते हैं. ऐसे में यह जल कुंड ग्रामीणों के लिए काफी लाभदायक है.
कृषि विभाग से समन्वय स्थापित कर विकसित की जाएगी सिंचाई के साधनः इस संबंध में पूछने पर लातेहार प्रखंड विकास पदाधिकारी मेघनाथ उरांव ने कहा कि उनका प्रयास होगा कि कृषि विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर इस जलकुंड को सिंचाई के साधन के रूप में विकसित किया जाए. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वे वरीय अधिकारियों को भी अवगत कराएंगे. प्रकृति ने जो उपहार दिए हैं उपहारों का सदुपयोग कर उसे जनहित के कार्य में लाया जाए तो लातेहार जिला झारखंड के उन्नत जिलों में से एक होगा.