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दहशत में आतंक फैलाने वाले नक्सली, हिंसा का रास्ता छोड़ मजदूरी करने को हुए मजबूर

कभी बंदूक के दम पर दहशत फैलाने वाले नक्सली खुद खौफ में हैं. लगातार बढ़ रही पुलिस की दबिश और सुरक्षाबलों की कार्रवाई के बाद नक्सलियों को सिर छिपाने के लिए भी जगह नहीं मिल रही है. यही वजह है कि अब कई नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर मजदूरी कर रहे हैं.

Naxalites are now leaving violence
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Published : Apr 22, 2023, 5:04 PM IST

Updated : Apr 22, 2023, 6:15 PM IST

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लातेहार: कभी अपनी बंदूक के बल पर क्षेत्र में एकछत्र राज्य स्थापित करने वाले नक्सली इन दिनों पुलिसिया अभियान के कारण काफी कमजोर हो गए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों को अपना साम्राज्य समझने वाले नक्सलियों को अब छिपने के लिए सुरक्षित स्थान तक नहीं मिल रहा है. ऐसे में कई नक्सली बंदूक छोड़कर बाहरी राज्यों में मजदूर के रूप में पलायन करने को मजबूर हो गए हैं.

ये भी पढ़ें: Search Operation in Latehar: माओवादियों पर एक्शन से छोटे नक्सली संगठनों में हड़कंप, सुरक्षित स्थानों पर हो रहे एकत्रित

लातेहार जिला नक्सलियों का गढ़ माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से पुलिसिया अभियान में आई तेजी के कारण नक्सलियों के सुरक्षित ठिकाने ध्वस्त हो गए हैं. बूढ़ा पहाड़ के इलाके में पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों की धमक के बाद तो नक्सलियों के लिए अब सिर छिपाने की जगह भी खोजने में परेशानी हो रही है. इधर, पुलिस के द्वारा भी नक्सलियों के सभी संभावित ठिकानों पर लगातार छापामारी की जा रही है. ऐसे में खुद को बचाने के लिए नक्सली अब बंदूक छिपाकर इस इलाके को छोड़कर भागने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं. इसी क्रम में यह सूचना मिल रही है कि कई नक्सली बाहरी राज्यों में जाकर मजदूरी का काम भी करने लगे हैं.

पुलिसिया अभियान से टूट गई नक्सलियों की कमर: लातेहार एसपी अंजनी अंजन के नेतृत्व में पुलिस वालों के द्वारा नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाई जा रही है. बुलबुल और बूढ़ा पहाड़ का इलाका नक्सलियों के सबसे सेफ जोन के रूप में समझा जाता था. लेकिन पुलिस और सुरक्षाबलों के द्वारा संयुक्त रूप से नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाकर इस इलाके को नक्सलियों से काफी हद तक मुक्त कर दिया गया. इन इलाकों से पुलिसवालों ने नक्सलियों के द्वारा छिपाए गए बड़े पैमाने पर हथियार और गोला बारूद भी बरामद किए हैं. भारी मात्रा में हथियार जब्त होने से नक्सलियों को बड़ा नुकसान हुआ और नक्सली धीरे-धीरे कमजोर होते चले गए.

पुलिस की लगातार की जा रही कार्रवाई के कारण नक्सलियों से जुड़े हुए छोटे नक्सलियों के हौसले टूटने लगे और वह लोग हथियार छोड़कर क्षेत्र से भागने को विवश हो गए. हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें स्पष्ट हुआ है कि नक्सली बाहरी राज्यों में जाकर मजदूरी कर रहे हैं. 1 सप्ताह पहले ही लातेहार में माओवादियों का एरिया कमांडर गिरफ्तार हुआ जो मजदूरी करने बाहरी राज्य में चला गया था.

दूसरे राज्यों में जाकर करने लगे मजदूरी: पुलिस के अनुसार कई नक्सली इन दिनों दूसरे राज्यों में जाकर आम मजदूरों की तरह मजदूरी कर रहे हैं. लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि लातेहार का इलाका अब नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त हो रहा है, यह एक अच्छा संकेत है. एसपी ने एक बार फिर नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर सरकार के आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाने की अपील की. उन्होंने कहा कि नक्सली पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दें और समाज के मुख्यधारा से जुड़े. एसपी ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुलिस हर संभव मदद करने को तैयार है. नक्सलियों के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है. संभावना जताई जा रही है कि कई नक्सली आत्मसमर्पण करने के लिए पुलिस से संपर्क साधने के प्रयास में हैं.

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लातेहार: कभी अपनी बंदूक के बल पर क्षेत्र में एकछत्र राज्य स्थापित करने वाले नक्सली इन दिनों पुलिसिया अभियान के कारण काफी कमजोर हो गए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों को अपना साम्राज्य समझने वाले नक्सलियों को अब छिपने के लिए सुरक्षित स्थान तक नहीं मिल रहा है. ऐसे में कई नक्सली बंदूक छोड़कर बाहरी राज्यों में मजदूर के रूप में पलायन करने को मजबूर हो गए हैं.

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लातेहार जिला नक्सलियों का गढ़ माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से पुलिसिया अभियान में आई तेजी के कारण नक्सलियों के सुरक्षित ठिकाने ध्वस्त हो गए हैं. बूढ़ा पहाड़ के इलाके में पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों की धमक के बाद तो नक्सलियों के लिए अब सिर छिपाने की जगह भी खोजने में परेशानी हो रही है. इधर, पुलिस के द्वारा भी नक्सलियों के सभी संभावित ठिकानों पर लगातार छापामारी की जा रही है. ऐसे में खुद को बचाने के लिए नक्सली अब बंदूक छिपाकर इस इलाके को छोड़कर भागने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं. इसी क्रम में यह सूचना मिल रही है कि कई नक्सली बाहरी राज्यों में जाकर मजदूरी का काम भी करने लगे हैं.

पुलिसिया अभियान से टूट गई नक्सलियों की कमर: लातेहार एसपी अंजनी अंजन के नेतृत्व में पुलिस वालों के द्वारा नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाई जा रही है. बुलबुल और बूढ़ा पहाड़ का इलाका नक्सलियों के सबसे सेफ जोन के रूप में समझा जाता था. लेकिन पुलिस और सुरक्षाबलों के द्वारा संयुक्त रूप से नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाकर इस इलाके को नक्सलियों से काफी हद तक मुक्त कर दिया गया. इन इलाकों से पुलिसवालों ने नक्सलियों के द्वारा छिपाए गए बड़े पैमाने पर हथियार और गोला बारूद भी बरामद किए हैं. भारी मात्रा में हथियार जब्त होने से नक्सलियों को बड़ा नुकसान हुआ और नक्सली धीरे-धीरे कमजोर होते चले गए.

पुलिस की लगातार की जा रही कार्रवाई के कारण नक्सलियों से जुड़े हुए छोटे नक्सलियों के हौसले टूटने लगे और वह लोग हथियार छोड़कर क्षेत्र से भागने को विवश हो गए. हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें स्पष्ट हुआ है कि नक्सली बाहरी राज्यों में जाकर मजदूरी कर रहे हैं. 1 सप्ताह पहले ही लातेहार में माओवादियों का एरिया कमांडर गिरफ्तार हुआ जो मजदूरी करने बाहरी राज्य में चला गया था.

दूसरे राज्यों में जाकर करने लगे मजदूरी: पुलिस के अनुसार कई नक्सली इन दिनों दूसरे राज्यों में जाकर आम मजदूरों की तरह मजदूरी कर रहे हैं. लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि लातेहार का इलाका अब नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त हो रहा है, यह एक अच्छा संकेत है. एसपी ने एक बार फिर नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर सरकार के आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाने की अपील की. उन्होंने कहा कि नक्सली पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दें और समाज के मुख्यधारा से जुड़े. एसपी ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुलिस हर संभव मदद करने को तैयार है. नक्सलियों के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है. संभावना जताई जा रही है कि कई नक्सली आत्मसमर्पण करने के लिए पुलिस से संपर्क साधने के प्रयास में हैं.

Last Updated : Apr 22, 2023, 6:15 PM IST
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