लातेहारः 21वीं सदी में जहां इंसान चांद और मंगल को छू रहा है, वहीं कुछ लोग ओझा गुनी और भूत प्रेत के अंधविश्वास की मकड़जाल में फंसे हुए हैं. अंधविश्वास के चक्कर में फंसे लोग हत्या जैसे जघन्य अपराध करने से भी पीछे नहीं हटते हैं. कुछ ऐसा ही मामला लातेहार में प्रकाश में आया. यहां ओझा गुनी के शक में एक अधेड़ की 9 लोगों ने मिलकर जघन्य हत्या कर दी थी. पुलिस ने सभी 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया .
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दरअसल, सदर प्रखंड के डटम गांव के रहने वाले टोंक नारायण सिंह कुछ दिन पहले लापता हो गए थे. उनकी गुमशुदगी की प्राथमिकी परिजनों ने लातेहार थाने में दर्ज कराई थी. मामले को लेकर पुलिस ने टीम गठित कर छानबीन शुरू की. छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि डटम गांव निवासी वीरेंद्र सिंह और मुकेश सिंह अक्सर टोंक नारायण सिंह पर ओझा गुनी होने का शक करते थे और अक्सर इसको लेकर उनसे विवाद करते थे. संदेह के आधार पर पुलिस ने मुकेश सिंह और वीरेंद्र सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ आरंभ की. पूछताछ के क्रम में दोनों ने स्वीकार किया कि टोंक नारायण सिंह की हत्या उन लोगों ने कुछ अन्य लोगों के सहयोग से कर दी है.
इसलिए की हत्याः आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उनके घर अक्सर कुछ ना कुछ अनहोनी घटित होती थी. उनका कहना था कि टोंक नारायण सिंह हमेशा ओझा गुनी का काम करता था. ऐसे में उन्हें संदेह था कि टोंक नारायण सिंह के कारण ही उनके घर में इस प्रकार की घटना घट रही है. इसको लेकर उन लोगों ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर टोंक नारायण सिंह की हत्या की योजना बनाई.
आरोपियों ने बताया कि गत 26 फरवरी को टोंक नारायण सिंह बगल के गांव से अपने घर लौट रहा था. इसी दौरान उन्हें पकड़ कर नदी किनारे ले गए और चाकू और पत्थर से मारकर उनकी हत्या कर दी. एसडीपीओ संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि आरोपियों ने हत्या के बाद सबूत छुपाने का भी प्रयास किया. सबसे पहले टोंक नारायण सिंह की हत्या के बाद उनके शव को नदी किनारे ही बालू में दफन कर दिया गया. उसके 2 दिन बाद मृतक के शव को बालू से निकाल कर एक वाहन से चामा जंगल में ले गए और उसे जला दिया.
अन्य अभियुक्तों के भी हुई गिरफ्तारीः गिरफ्तार आरोपी मुकेश सिंह और वीरेंद्र सिंह की निशानदेही पर घटना में संलिप्त अन्य अपराधियों रामकुमार सिंह, हेम नारायण सिंह, अनिल भुईयां, नितेश कुमार यादव, सुनील उरांव, शशि गोप और दिलीप कुमार सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. इसी के साथ एसडीपीओ संतोष कुमार मिश्रा ने ग्रामीणों से अनुरोध किया है कि भूत प्रेत और ओझा गुनी जैसे मामलों में न पड़ें. भूत प्रेत और ओझा गुनी सिर्फ अंधविश्वास है. वास्तविक जीवन में इस प्रकार का कोई मामला नहीं होता है.