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MNREGA Scam In Latehar: आंगनबाड़ी केंद्र बनाए बगैर कर ली लाखों की निकासी, डीडीसी ने दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का दिया निर्देश

लातेहार में मनरेगा योजना में अनियमितता के मामले में तीन लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश डीडीसी आलोक शिकारी कच्छप ने दिया है. मामला आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण से जुड़ा हुआ है. भवन का निर्माण कार्य पूरा किए बगैर लाखों का घोटाला किया गया है. मामला बालूमाथ थाना क्षेत्र का है.

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MNREGA Scam In Latehar
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 11, 2023, 2:21 PM IST

लातेहारः जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र में मनरेगा घोटाला का मामला प्रकाश में आया है. यहां आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण के नाम पर अवैध रूप से राशि की निकासी कर ली गई और अब तक आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण पूरा नहीं किया गया है. वहीं मामले में जांच के बाद लातेहार डीडीसी आलोक शिकारी कच्छप ने दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें-लातेहार में मनरेगा घोटाला: लाभुक को जानकारी भी नहीं और योजनाओं को दिखाया गया पूरा, बीडीओ ने दिए जांच के आदेश

आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण में लाखों का घोटालाः दरअसल, लातेहार जिले के बालूमाथ प्रखंड के बालूमाथ में आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण की स्वीकृति मनरेगा योजना से दी गई थी. इसके तहत आंगनबाड़ी निर्माण के लिए 6 लाख, 79 हजार, 993 रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई थी. मुखिया और पंचायत सेवक के द्वारा योजना का संचालन किया जा रहा था, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण का कार्य पूरा किए बिना ही पैसे के निकासी कर ली गई. इधर, जब अवैध रूप से पैसे निकासी की सूचना प्रशासनिक पदाधिकारियों को हुई तो लातेहार डीडीसी के निर्देश पर आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्य की जांच की गई. जब इसकी मापी की गई तो पता चला कि यहां सिर्फ 3 लाख, 28 हजार रुपए का एमबी बुक किया गया है और इतना ही कार्य हुआ है. जबकि अवैध रूप से 6 लाख, 38 हजार से अधिक राशि की निकासी कर ली गई है. मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद डीडीसी ने इस पर संज्ञान लेते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश बीडीओ को दिया है.

मुखिया ,पंचायत सेवक और वेंडर से राशि वसूली का निर्देशः डीडीसी ने निर्देश दिया है कि अवैध रूप से जो पैसे की निकासी की गई है. राशि की वसूली दोषी मुखिया, पंचायत सेवक और वेंडर से की जाएगी. इसके अलावे तीनों दोषियों पर स्थानीय थाना में प्राथमिक की दर्ज की जाएगी. डीडीसी ने बीडीओ को भेजे गए पत्र में कहा है कि पूरे मामले में पंचायत के मुखिया नरेश उरांव, पंचायत सेवक गोपाल सिंह और वेंडर राजेश प्रजापति सूर्या इंटरप्राइजेज दोषी है. तीनों के खिलाफ स्थानीय थाना में प्राथमिक की दर्ज करें.

वेंडर की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर हो रहा है मनरेगा घोटालाः ज्ञात हो कि लातेहार जिले के विभिन्न प्रखंडों में वेंडर की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर मनरेगा योजना में घोटाला किया जा रहा है. वेंडर के द्वारा अवैध रूप से बिना सामान आपूर्ति किए ही वाउचर दिए जाते हैं. इसके बाद वाउचर के एवज में उनके खाते में पैसे भेज दिए जाते हैं. इन पैसों की बंदरबांट होती है. पूर्व में भी इस प्रकार के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं और दोषियों पर कार्रवाई भी हुई है. जिले के मनिका और गारू प्रखंड में तो इस प्रकार के कई मामले सामने आए हैं. ऐसे ही मामले में गारू प्रखंड के सभी मुखिया, सभी पंचायत सेवकों और सभी रोजगार सेवकों पर प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी थी. वेंडर पर भी प्राथमिक हुई थी. लातेहार में कई ऐसे वेंडर हैं जो फर्जी तरीके से वाउचर काटते हैं. यदि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच हो जाए तो लातेहार जिले में एक बड़े घोटाला का पर्दाफाश हो सकता है.

लातेहारः जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र में मनरेगा घोटाला का मामला प्रकाश में आया है. यहां आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण के नाम पर अवैध रूप से राशि की निकासी कर ली गई और अब तक आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण पूरा नहीं किया गया है. वहीं मामले में जांच के बाद लातेहार डीडीसी आलोक शिकारी कच्छप ने दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है.

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आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण में लाखों का घोटालाः दरअसल, लातेहार जिले के बालूमाथ प्रखंड के बालूमाथ में आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण की स्वीकृति मनरेगा योजना से दी गई थी. इसके तहत आंगनबाड़ी निर्माण के लिए 6 लाख, 79 हजार, 993 रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई थी. मुखिया और पंचायत सेवक के द्वारा योजना का संचालन किया जा रहा था, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण का कार्य पूरा किए बिना ही पैसे के निकासी कर ली गई. इधर, जब अवैध रूप से पैसे निकासी की सूचना प्रशासनिक पदाधिकारियों को हुई तो लातेहार डीडीसी के निर्देश पर आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्य की जांच की गई. जब इसकी मापी की गई तो पता चला कि यहां सिर्फ 3 लाख, 28 हजार रुपए का एमबी बुक किया गया है और इतना ही कार्य हुआ है. जबकि अवैध रूप से 6 लाख, 38 हजार से अधिक राशि की निकासी कर ली गई है. मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद डीडीसी ने इस पर संज्ञान लेते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश बीडीओ को दिया है.

मुखिया ,पंचायत सेवक और वेंडर से राशि वसूली का निर्देशः डीडीसी ने निर्देश दिया है कि अवैध रूप से जो पैसे की निकासी की गई है. राशि की वसूली दोषी मुखिया, पंचायत सेवक और वेंडर से की जाएगी. इसके अलावे तीनों दोषियों पर स्थानीय थाना में प्राथमिक की दर्ज की जाएगी. डीडीसी ने बीडीओ को भेजे गए पत्र में कहा है कि पूरे मामले में पंचायत के मुखिया नरेश उरांव, पंचायत सेवक गोपाल सिंह और वेंडर राजेश प्रजापति सूर्या इंटरप्राइजेज दोषी है. तीनों के खिलाफ स्थानीय थाना में प्राथमिक की दर्ज करें.

वेंडर की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर हो रहा है मनरेगा घोटालाः ज्ञात हो कि लातेहार जिले के विभिन्न प्रखंडों में वेंडर की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर मनरेगा योजना में घोटाला किया जा रहा है. वेंडर के द्वारा अवैध रूप से बिना सामान आपूर्ति किए ही वाउचर दिए जाते हैं. इसके बाद वाउचर के एवज में उनके खाते में पैसे भेज दिए जाते हैं. इन पैसों की बंदरबांट होती है. पूर्व में भी इस प्रकार के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं और दोषियों पर कार्रवाई भी हुई है. जिले के मनिका और गारू प्रखंड में तो इस प्रकार के कई मामले सामने आए हैं. ऐसे ही मामले में गारू प्रखंड के सभी मुखिया, सभी पंचायत सेवकों और सभी रोजगार सेवकों पर प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी थी. वेंडर पर भी प्राथमिक हुई थी. लातेहार में कई ऐसे वेंडर हैं जो फर्जी तरीके से वाउचर काटते हैं. यदि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच हो जाए तो लातेहार जिले में एक बड़े घोटाला का पर्दाफाश हो सकता है.

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