लातेहारः जिले के महुआडांड़ अनुमंडल मुख्यालय में सोमवार को छेछारी परगना के सदस्यों ने जमकर हंगामा करते हुए कई सरकारी कार्यालयों में तालाबंदी (Lockout in government offices) कर दी. प्रदर्शनकारी रात भर सरकारी कार्यालयों के बाहर जमे रहे और मंगलवार को भी कार्यालय नहीं खोलने दे रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने पांचवी अनुसूची से संबंधित ग्रामीणों के द्वारा लगाए गए बोर्ड को बिना किसी पूर्व सूचना के उखाड़ दिया है. ऐसे में जब तक बोर्ड को पुनः उसी स्थान पर नहीं लगाया जाता, तब तक उन लोगों का आंदोलन जारी रहेगा. प्रशासन के द्वारा लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है परंतु प्रदर्शनकारी कुछ भी सुनने को तैयार है.
दरअसल महुआडांड़ के इलाके में कुछ दिन पूर्व छेछारी परगना के सदस्यों(Member of Chhechari Pargana) के द्वारा कई स्थानों पर बोर्ड लगाया गया था. बोर्ड में लिखा गया था कि पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में लागू विधि, जिसमें भारत का संविधान अनुच्छेद 13 (3)क के तहत रूढ़ी या प्रथा ही विधि बल है यानी सविधान की शक्ति है. अनुच्छेद 19 (5) के तहत पांचवी अनुसूची जिलों या क्षेत्रों में कोई भी बाहरी गैर रूढ़ी प्रथा व्यक्तियों का स्वतंत्र रूप से भ्रमण करना, निवास करना और घूमना फिरना वर्जित करता है. भारत के संविधान अनुच्छेद 19(6)के तहत कोई भी बाहरी व्यक्ति का पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में व्यवसाय करना, कारोबार, रोजगार पर प्रतिबंध है.
पांचवी अनुसूचित जिलों या क्षेत्रों में भारत का संविधान अनुच्छेद 244 (1) भाग (ख) के तहत सांसद या विधानमंडल का कोई भी सम्मानीय कानून लागू नहीं है. भनक लगते ही प्रशासन ने बोर्ड को हटाया इधर जैसे ही प्रशासन को यह सूचना मिली कि इस प्रकार का बोर्ड महुआडांड़ के विभिन्न इलाकों में लगाए गए हैं तो प्रशासन सजग हुई और सभी बोर्ड को हटा दिया गया. सभी बोर्ड को जब्त कर थाना में रख दिया गया.
परगना के सदस्यों का आंदोलन हुआ आरंभः इधर प्रशासन के द्वारा जब पांचवी अनुसूची से संबंधित बोर्ड को हटा दिया गया तो छेछारी परगना के सदस्य(Member of Chhechari Pargana) आक्रोशित हो गए और रविवार को ही आंदोलन आरंभ कर दिए. हालांकि रविवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों को किसी प्रकार समझा कर भेजा गया. परंतु सोमवार को सभी लोग फिर से आंदोलन करने महुआडांड़ पहुंच गए और प्रखंड कार्यालय समेत अन्य कार्यालयों में तालाबंदी कर दी. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बृजमोहन मिंज, मरयानूस आदि ने बताया कि प्रशासन के द्वारा बोर्ड को बिना किसी पूर्व सूचना के हटाया गया है. इसी कारण उनका आंदोलन हो रहा है और यह आंदोलन चलता रहेगा.
बेबस बने रहे अधिकारीः प्रदर्शन कर रहे लोगों के द्वारा प्रखंड कार्यालय समेत अन्य कार्यालयों में तालाबंदी कर दी गई है. इस दौरान प्रशासन बेबस बना रहा. प्रशासनिक अधिकारी आंदोलनकारियों को समझाने का प्रयास भी किए. परंतु आंदोलनकारी ना तो अधिकारियों की बात सुने और ना ही सरकारी कार्यालय का ताला खोला.
आम लोगों में आक्रोशः आंदोलनकारियों के द्वारा प्रखंड कार्यालय समेत कुछ अन्य कार्यालयों में भी कामकाज ठप कराया जाने से आम लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है. प्रखंड कार्यालय में कुछ काम कराने पहुंचे ग्रामीणों ने जब देखा कि प्रखंड कार्यालय में ताला बंद है. आंदोलनकारी आंदोलन कर रहे हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है. कुछ लोगों ने ताना मारते हुए कहा कि यदि कोई दूसरा सरकारी कार्यालय में ऊंची आवाज में भी बात कर लेते उस पर प्रशासनिक अधिकारी तुरंत एक्शन ले कर दंडित तक कर देते हैं. परंतु यहां सरकारी काम को पूरी तरह ठप करा दिया गया है और प्रशासन तमाशाबीन बना हुआ है.