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Latehar Crime News: पलामू टाइगर रिजर्व एरिया में धड़ल्ले से हो रही पेड़ों की कटाई, वन विभाग पर अब लग रहे ये आरोप

पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र में धड़ल्ले से पेड़ काटे जा रहे हैं. यह स्थान गारू रेंज कार्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इससे वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

Palamu Tiger Reserve Area
पलामू टाइगर रिजर्व एरिया में तस्करों का आतंक
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Published : Apr 29, 2023, 4:40 PM IST

देखें स्पेशल रिपोर्ट

लातेहार: पलामू टाइगर रिजर्व के एरिया में पेड़ से पत्ता तोड़ना भी अपराध होता है. लेकिन इसी पलामू टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में इन दिनों तस्करों के द्वारा धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई की जा रही है. पिछले कई महीनों से फल फूल रहे इस अवैध कारोबार ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. दरअसल पलामू टाइगर रिजर्व के गारू पश्चिमी वन क्षेत्र में इन दिनों धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई की जा रही है.

ये भी पढ़ें: दंतेवाड़ा नक्सली हमले बाद लातेहार पुलिस अलर्ट, सीमावर्ती इलाकों पर विशेष नजर

अब तक 200 से अधिक पेड़ों की कटाई: गारू प्रखंड के सूरकुमी गांव से सटे बेसनाटांड़ के जंगलों में तस्करों के द्वारा पिछले कई दिनों से पेड़ों की जमकर कटाई की जा रही है. स्थिति यह हो गई है कि इस इलाके का बड़ा भाग धीरे-धीरे मैदान का रूप लेता जा रहा है. स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो अब तक 200 से अधिक पेड़ों की कटाई इस इलाके में हो चुकी है. यह इलाका गारू रेंज कार्यालय से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इसके बावजूद तस्करों की हौसला इतना बुलंद है कि बेधड़क पेड़ों की कटाई कर रहे हैं.

प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष ने लगाया आरोप: इधर इस संबंध में गारू के प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष कमरुद्दीन खलीफा ने आरोप लगाया है कि तस्करों ने जिस प्रकार पेड़ों की कटाई की है, उसमें कहीं न कहीं वन विभाग की लापरवाही भी सामने आ रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि पीटीआर क्षेत्र में जंगलों की रक्षा करना वन अधिकारियों का पहला कर्तव्य होता है. यहां जिस प्रकार से पेड़ काटे जा रहे हैं और अधिकारी उदासीन बने हुए हैं, उससे कई प्रकार के सवाल भी उठ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग को लेकर वे वरीय अधिकारियों से शिकायत भी करेंगे. उन्होंने कहा कि जंगलों का इस प्रकार का कटना ना तो समाज के लिए अच्छा है और ना ही पर्यावरण के लिए. इसलिए इस धंधे में शामिल सभी लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई करने की जरूरत है.

रेंजर ने कहा जब्त की गई है लकड़ियां: इधर इस संबंध में रेंजर तरुण कुमार ने कहा कि पेड़ों की कटाई की सूचना उन्हें पिछले दो-तीन दिनों से मिल रही थी. सूचना के बाद कटे हुए पेड़ों को जब्त कर कार्रवाई की गई. उन्होंने बताया कि पेड़ों को जब्त करने के दौरान तस्करों के परिजनों ने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मियों के साथ जमकर नोकझोंक भी की गई. तस्कर के परिजन लाठी-डंडे के साथ वहां जमे हुए थे. इसके बावजूद विभाग के द्वारा लकड़ियों को जब्त किया गया. उन्होंने कहा कि पेड़ों की कटाई के धंधे में लिप्त अपराधियों पर कार्रवाई की जाएगी. सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने कटे हुए पेड़ों को जब्त कर कार्रवाई की गई. परंतु विभाग यदि इस मामले में पहले से सजग होता तो इन पेड़ों को कटने से बचाया जा सकता था.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

लातेहार: पलामू टाइगर रिजर्व के एरिया में पेड़ से पत्ता तोड़ना भी अपराध होता है. लेकिन इसी पलामू टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में इन दिनों तस्करों के द्वारा धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई की जा रही है. पिछले कई महीनों से फल फूल रहे इस अवैध कारोबार ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. दरअसल पलामू टाइगर रिजर्व के गारू पश्चिमी वन क्षेत्र में इन दिनों धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई की जा रही है.

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अब तक 200 से अधिक पेड़ों की कटाई: गारू प्रखंड के सूरकुमी गांव से सटे बेसनाटांड़ के जंगलों में तस्करों के द्वारा पिछले कई दिनों से पेड़ों की जमकर कटाई की जा रही है. स्थिति यह हो गई है कि इस इलाके का बड़ा भाग धीरे-धीरे मैदान का रूप लेता जा रहा है. स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो अब तक 200 से अधिक पेड़ों की कटाई इस इलाके में हो चुकी है. यह इलाका गारू रेंज कार्यालय से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इसके बावजूद तस्करों की हौसला इतना बुलंद है कि बेधड़क पेड़ों की कटाई कर रहे हैं.

प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष ने लगाया आरोप: इधर इस संबंध में गारू के प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष कमरुद्दीन खलीफा ने आरोप लगाया है कि तस्करों ने जिस प्रकार पेड़ों की कटाई की है, उसमें कहीं न कहीं वन विभाग की लापरवाही भी सामने आ रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि पीटीआर क्षेत्र में जंगलों की रक्षा करना वन अधिकारियों का पहला कर्तव्य होता है. यहां जिस प्रकार से पेड़ काटे जा रहे हैं और अधिकारी उदासीन बने हुए हैं, उससे कई प्रकार के सवाल भी उठ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग को लेकर वे वरीय अधिकारियों से शिकायत भी करेंगे. उन्होंने कहा कि जंगलों का इस प्रकार का कटना ना तो समाज के लिए अच्छा है और ना ही पर्यावरण के लिए. इसलिए इस धंधे में शामिल सभी लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई करने की जरूरत है.

रेंजर ने कहा जब्त की गई है लकड़ियां: इधर इस संबंध में रेंजर तरुण कुमार ने कहा कि पेड़ों की कटाई की सूचना उन्हें पिछले दो-तीन दिनों से मिल रही थी. सूचना के बाद कटे हुए पेड़ों को जब्त कर कार्रवाई की गई. उन्होंने बताया कि पेड़ों को जब्त करने के दौरान तस्करों के परिजनों ने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मियों के साथ जमकर नोकझोंक भी की गई. तस्कर के परिजन लाठी-डंडे के साथ वहां जमे हुए थे. इसके बावजूद विभाग के द्वारा लकड़ियों को जब्त किया गया. उन्होंने कहा कि पेड़ों की कटाई के धंधे में लिप्त अपराधियों पर कार्रवाई की जाएगी. सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने कटे हुए पेड़ों को जब्त कर कार्रवाई की गई. परंतु विभाग यदि इस मामले में पहले से सजग होता तो इन पेड़ों को कटने से बचाया जा सकता था.

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