लातेहार: स्वच्छ भारत, स्वच्छ स्कूल, स्वस्थ समाज आदि स्लोगन इन दिनों जगह-जगह पर लिखे मिलते हैं. शहरी क्षेत्रों को तो स्वच्छ रखने के लिए सफाईकर्मी नियुक्त किए गए हैं लेकिन स्कूल की सफाई कैसे की जाए इसकी कोई व्यवस्था अलग से नहीं की गई. ऐसे में जिले के लगभग सभी स्कूलों में खेल मैदान से लेकर शौचालय सफाई तक की व्यवस्था शिक्षकों के जिम्मे सौंप दी गई है.
इस संबंध में पोचरा हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक लक्ष्मण राम ने कहा कि स्कूल में सफाईकर्मी का कोई प्रावधान नहीं है. वे लोग ही शौचालयों की सफाई करवाते हैं. कई बार तो भारी समस्या उत्पन्न हो जाती है. वही उदयपुरा हाई स्कूल के प्राचार्य वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि उनके विद्यालय में भी सफाईकर्मी की नियुक्ति नहीं है. बाहरी मजदूरों को बुलाकर ही वे लोग 15 दिन में शौचालय की सफाई करवाते हैं.
सफाई के लिए कोई राशि नहीं
झारखंड शिक्षक संघ के जिला महासचिव अजय कुमार ने कहा कि जिले के किसी भी विद्यालय में अलग से सफाईकर्मी की नियुक्ति नहीं की गई है. ऐसे में स्कूलों की सफाई की जिम्मेवारी शिक्षकों के भरोसे ही छोड़ दी गई है. उन्होंने कहा कि सफाई के लिए अलग से कोई राशि भी नहीं दी जाती है, जिससे शिक्षकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
स्कूल के छात्र-छात्रा ने बताया कि वे लोग शौचालय का उपयोग करते हैं. इन दिनों स्कूल में बच्चे कम हैं इसलिए शौचालय साफ है. बच्चों ने कहा कि वे लोग खुद भी प्रयास करते हैं कि शौचालय को गंदा न करें.
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विद्यालय विकास फंड से करना है सफाई
इस संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी राम प्रसाद यादव ने बताया कि संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत सभी विद्यालयों में शौचालय का निर्माण कराया गया है. वही शिक्षकों से अपील की गई है कि वे छात्रों को शौचालय के उपयोग के प्रति जागरूक करें ताकि छात्रों के सहारे समाज के अन्य लोग भी शौचालय के उपयोग के प्रति जागरूक हो. उन्होंने कहा कि विद्यालय विकास के मध्य में मिलने वाली राशि से ही स्कूल में सफाई व्यवस्था रखने का निर्देश शिक्षकों को दिया गया है. उन्होंने स्वीकार किया कि विद्यालयों में अलग से सफाईकर्मी की नियुक्ति नहीं की गई है.