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शिक्षकों पर निर्भर है शौचालय की सफाई, नहीं हैं स्कूलों में सफाईकर्मी - लातेहार स्कूल में शौचालय की व्यवस्था

लातेहार के लगभग सभी स्कूलों में शौचालय की सफाई के लिए सफाईकर्मी नहीं हैं, जिस कारण शौचालय की सफाई शिक्षकों के लिए सिर दर्द बन गया है. सफाई का सारा जिम्मा शिक्षकों को सौंप दिया है. ऐसे में सरकार को इस और ध्यान देने की जरूरत है.

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Published : Jan 25, 2021, 7:56 PM IST

Updated : Jan 27, 2021, 5:53 PM IST

लातेहार: स्वच्छ भारत, स्वच्छ स्कूल, स्वस्थ समाज आदि स्लोगन इन दिनों जगह-जगह पर लिखे मिलते हैं. शहरी क्षेत्रों को तो स्वच्छ रखने के लिए सफाईकर्मी नियुक्त किए गए हैं लेकिन स्कूल की सफाई कैसे की जाए इसकी कोई व्यवस्था अलग से नहीं की गई. ऐसे में जिले के लगभग सभी स्कूलों में खेल मैदान से लेकर शौचालय सफाई तक की व्यवस्था शिक्षकों के जिम्मे सौंप दी गई है.

देखें स्पेशल खबर
दरअसल, लातेहार जिले में लगभग 1200 स्कूल हैं. इनमें से लगभग सभी स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था की गई है लेकिन किसी भी स्कूल में सफाईकर्मी की नियुक्ति आज तक नहीं हो पाई. ऐसे में स्कूलों की सफाई एक बड़ी समस्या बनी रहती है. स्कूल के प्रांगण और कमरों की तो सफाई छात्र-छात्राओं से किसी प्रकार करवा ली जाती है, लेकिन स्कूलों के शौचालयों की सफाई शिक्षकों के लिए सिरदर्द बना रहता है. सफाई के अभाव में कई विद्यालयों में तो शौचालय का उपयोग ही नहीं होता. विद्यालयों में दिखावे के लिए शौचालय बने रहते हैं.हाई स्कूलों में भी नहीं है सफाईकर्मीप्राथमिक और मध्य विद्यालय की तो बात ही अलग है. यहां उत्क्रमित हाई स्कूलों में भी सफाईकर्मी की नियुक्ति नहीं हो पाई है. हाई स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र -छात्राओं को शौचालय की अत्यधिक आवश्यकता होती है. इन स्कूलों में शौचालय का उपयोग भी बच्चों द्वारा किया जाता है लेकिन सफाई की समस्या यहां हमेशा बनी रहती है. शौचालयों की सफाई की व्यवस्था शिक्षकों के जिम्मे होती है. ऐसे में शिक्षकों को शौचालयों की सफाई के लिए बाहरी मजदूर को बुलाया जाता है. उसके बाद ही शौचालय की सफाई हो पाती है. हालांकि फंडिंग के अभाव में शिक्षकों को शौचालय की सफाई करवाने में कई बार तो अपने जेब से पैसे देने पड़ते हैं.

इस संबंध में पोचरा हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक लक्ष्मण राम ने कहा कि स्कूल में सफाईकर्मी का कोई प्रावधान नहीं है. वे लोग ही शौचालयों की सफाई करवाते हैं. कई बार तो भारी समस्या उत्पन्न हो जाती है. वही उदयपुरा हाई स्कूल के प्राचार्य वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि उनके विद्यालय में भी सफाईकर्मी की नियुक्ति नहीं है. बाहरी मजदूरों को बुलाकर ही वे लोग 15 दिन में शौचालय की सफाई करवाते हैं.

सफाई के लिए कोई राशि नहीं

झारखंड शिक्षक संघ के जिला महासचिव अजय कुमार ने कहा कि जिले के किसी भी विद्यालय में अलग से सफाईकर्मी की नियुक्ति नहीं की गई है. ऐसे में स्कूलों की सफाई की जिम्मेवारी शिक्षकों के भरोसे ही छोड़ दी गई है. उन्होंने कहा कि सफाई के लिए अलग से कोई राशि भी नहीं दी जाती है, जिससे शिक्षकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

स्कूल के छात्र-छात्रा ने बताया कि वे लोग शौचालय का उपयोग करते हैं. इन दिनों स्कूल में बच्चे कम हैं इसलिए शौचालय साफ है. बच्चों ने कहा कि वे लोग खुद भी प्रयास करते हैं कि शौचालय को गंदा न करें.

ये भी पढ़े- कोहरे की चादर में लिपटा रामगढ़, दुर्घटना की बढ़ी संभावना, जागरूक करने का किया जा रहा प्रयास

विद्यालय विकास फंड से करना है सफाई
इस संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी राम प्रसाद यादव ने बताया कि संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत सभी विद्यालयों में शौचालय का निर्माण कराया गया है. वही शिक्षकों से अपील की गई है कि वे छात्रों को शौचालय के उपयोग के प्रति जागरूक करें ताकि छात्रों के सहारे समाज के अन्य लोग भी शौचालय के उपयोग के प्रति जागरूक हो. उन्होंने कहा कि विद्यालय विकास के मध्य में मिलने वाली राशि से ही स्कूल में सफाई व्यवस्था रखने का निर्देश शिक्षकों को दिया गया है. उन्होंने स्वीकार किया कि विद्यालयों में अलग से सफाईकर्मी की नियुक्ति नहीं की गई है.

लातेहार: स्वच्छ भारत, स्वच्छ स्कूल, स्वस्थ समाज आदि स्लोगन इन दिनों जगह-जगह पर लिखे मिलते हैं. शहरी क्षेत्रों को तो स्वच्छ रखने के लिए सफाईकर्मी नियुक्त किए गए हैं लेकिन स्कूल की सफाई कैसे की जाए इसकी कोई व्यवस्था अलग से नहीं की गई. ऐसे में जिले के लगभग सभी स्कूलों में खेल मैदान से लेकर शौचालय सफाई तक की व्यवस्था शिक्षकों के जिम्मे सौंप दी गई है.

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दरअसल, लातेहार जिले में लगभग 1200 स्कूल हैं. इनमें से लगभग सभी स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था की गई है लेकिन किसी भी स्कूल में सफाईकर्मी की नियुक्ति आज तक नहीं हो पाई. ऐसे में स्कूलों की सफाई एक बड़ी समस्या बनी रहती है. स्कूल के प्रांगण और कमरों की तो सफाई छात्र-छात्राओं से किसी प्रकार करवा ली जाती है, लेकिन स्कूलों के शौचालयों की सफाई शिक्षकों के लिए सिरदर्द बना रहता है. सफाई के अभाव में कई विद्यालयों में तो शौचालय का उपयोग ही नहीं होता. विद्यालयों में दिखावे के लिए शौचालय बने रहते हैं.हाई स्कूलों में भी नहीं है सफाईकर्मीप्राथमिक और मध्य विद्यालय की तो बात ही अलग है. यहां उत्क्रमित हाई स्कूलों में भी सफाईकर्मी की नियुक्ति नहीं हो पाई है. हाई स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र -छात्राओं को शौचालय की अत्यधिक आवश्यकता होती है. इन स्कूलों में शौचालय का उपयोग भी बच्चों द्वारा किया जाता है लेकिन सफाई की समस्या यहां हमेशा बनी रहती है. शौचालयों की सफाई की व्यवस्था शिक्षकों के जिम्मे होती है. ऐसे में शिक्षकों को शौचालयों की सफाई के लिए बाहरी मजदूर को बुलाया जाता है. उसके बाद ही शौचालय की सफाई हो पाती है. हालांकि फंडिंग के अभाव में शिक्षकों को शौचालय की सफाई करवाने में कई बार तो अपने जेब से पैसे देने पड़ते हैं.

इस संबंध में पोचरा हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक लक्ष्मण राम ने कहा कि स्कूल में सफाईकर्मी का कोई प्रावधान नहीं है. वे लोग ही शौचालयों की सफाई करवाते हैं. कई बार तो भारी समस्या उत्पन्न हो जाती है. वही उदयपुरा हाई स्कूल के प्राचार्य वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि उनके विद्यालय में भी सफाईकर्मी की नियुक्ति नहीं है. बाहरी मजदूरों को बुलाकर ही वे लोग 15 दिन में शौचालय की सफाई करवाते हैं.

सफाई के लिए कोई राशि नहीं

झारखंड शिक्षक संघ के जिला महासचिव अजय कुमार ने कहा कि जिले के किसी भी विद्यालय में अलग से सफाईकर्मी की नियुक्ति नहीं की गई है. ऐसे में स्कूलों की सफाई की जिम्मेवारी शिक्षकों के भरोसे ही छोड़ दी गई है. उन्होंने कहा कि सफाई के लिए अलग से कोई राशि भी नहीं दी जाती है, जिससे शिक्षकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

स्कूल के छात्र-छात्रा ने बताया कि वे लोग शौचालय का उपयोग करते हैं. इन दिनों स्कूल में बच्चे कम हैं इसलिए शौचालय साफ है. बच्चों ने कहा कि वे लोग खुद भी प्रयास करते हैं कि शौचालय को गंदा न करें.

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विद्यालय विकास फंड से करना है सफाई
इस संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी राम प्रसाद यादव ने बताया कि संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत सभी विद्यालयों में शौचालय का निर्माण कराया गया है. वही शिक्षकों से अपील की गई है कि वे छात्रों को शौचालय के उपयोग के प्रति जागरूक करें ताकि छात्रों के सहारे समाज के अन्य लोग भी शौचालय के उपयोग के प्रति जागरूक हो. उन्होंने कहा कि विद्यालय विकास के मध्य में मिलने वाली राशि से ही स्कूल में सफाई व्यवस्था रखने का निर्देश शिक्षकों को दिया गया है. उन्होंने स्वीकार किया कि विद्यालयों में अलग से सफाईकर्मी की नियुक्ति नहीं की गई है.

Last Updated : Jan 27, 2021, 5:53 PM IST
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