ETV Bharat / state

बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है टाना भगतों का गांव निंद्रा, आजादी की जंग में दी थी कुर्बानी

लातेहार में टाना भगतों (Tana Bhagat of Latehar) के निंद्रा गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. स्थिति यह है कि गांव में पीने के पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. ग्रामीण रोजगार की तलाश मे पलायन करने को मजबूर हैं. इसके बावजूद सरकार टाना भगतों के गांव पर ध्यान नहीं दे रही है.

Tana Bhagat of Latehar
टाना भगतों के गांव निंद्रा में बुनियादी सुविधाओं का अभाव
author img

By

Published : Jan 25, 2022, 2:04 PM IST

लातेहारः जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर निंद्रा गांव, जो टाना भगत बहुल गांव है. महात्मा गांधी के विचारों को आत्मसात करने वाले टाना भगतों ने स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बिरसा टाना भगत, शनि टाना भगत, थोलवा टाना भगत, ढिबरा टाना भगत, साधु टाना भगत, एतवा टाना भगत, मक्कू टाना भगत, छोटया टाना भगत, भोला टाना भगत आदि ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. लेकिन टाना भगतों के गांव में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. निंद्रा गांव के टाना भगत मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी परेशान हो रहे हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

यह भी पढ़ेंःडेढ़ साल बाद पर्यटकों के लिए खुला बेतला नेशनल पार्क, आसपास का इलाका हुआ गुलजार

9 सपूतों को आजादी की बलिवेदी पर कुर्बान कर देने वाला निंद्रा गांव आज भी बदहाल है. गांव में रहने वाले टाना भगत आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए जुझ रहे हैं. इस गांव में ना ही बेहतर सड़क है और ना ही पीने के पानी की समुचित व्यवस्था है. इसके साथ ही सिंचाई की सुविधाएं भी बेहतर नहीं हैं. हालांकि गांव में बिजली पहुंची है. लेकिन ग्रामीणों को बिजली कनेक्शन लेने में बिचौलियों की मदद लेनी पड़ रही है और बिचौलिये लूट मचाए हुए हैं. ग्रामीण कहते हैं कि बिजली कनेक्शन देने के नाम पर 3 हजार रुपया वसूला जा रहा है. गांव की महिला प्रभावती देवी कहती हैं कि आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी आज तक गांव में बुनियादी सुविधा नहीं पहुंची है. उन्होंने कहा कि हमलोग इंतजार करते हैं कि कोई मंत्री एक दिन गांव में आएंगे और बदहाली दूर करेंगे. ग्रामीण विशु भगत ने कहा कि गांव में सिंचाई की बेहतर व्यवस्था नहीं है. रोजगार के लिए ग्रामीणों को दूरदराज जाना पड़ता है. रोजगार की सुविधा नहीं होने से बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन करने को मजबूर होते हैं.

निंद्रा गांव लातेहार और रांची की सीमा पर स्थित है. मैक्लुस्कीगंज से इसकी दूरी 7 किलोमीटर है, जहां ट्रेन और सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं. रांची से सड़क मार्ग के माध्यम से मैक्लुस्कीगंज होते हुए इस गांव में पहुंच सकते हैं. जबकि लातेहार से चंदवा होते हुए सीधे इस गांव में पहुंचा जा सकता है. लातेहार जिला परिषद अध्यक्ष सुनीता कुमारी ने कहा कि यह गांव ऐतिहासिक है. इस गांव की बदहाली दूर होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस गांव के नौ स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है.

देखें स्पेशल स्टोरी


लातेहार उपायुक्त अबु इमरान ने कहा कि शहीदों के गांव को सम्मान देना और उसका विकसित करना सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन की भी पहली प्राथमिकता है. जल्द ही गांव में तमाम बुनियादी सुविधाएं पहुंचाई जाएगी. बता दें कि शहीदों का यह गांव आज भी सम्मान के इंतजार में सरकार और प्रशासन की राह देख रहा है. लेकिन शहादत को सम्मान नहीं मिल रहा है.

लातेहारः जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर निंद्रा गांव, जो टाना भगत बहुल गांव है. महात्मा गांधी के विचारों को आत्मसात करने वाले टाना भगतों ने स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बिरसा टाना भगत, शनि टाना भगत, थोलवा टाना भगत, ढिबरा टाना भगत, साधु टाना भगत, एतवा टाना भगत, मक्कू टाना भगत, छोटया टाना भगत, भोला टाना भगत आदि ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. लेकिन टाना भगतों के गांव में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. निंद्रा गांव के टाना भगत मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी परेशान हो रहे हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

यह भी पढ़ेंःडेढ़ साल बाद पर्यटकों के लिए खुला बेतला नेशनल पार्क, आसपास का इलाका हुआ गुलजार

9 सपूतों को आजादी की बलिवेदी पर कुर्बान कर देने वाला निंद्रा गांव आज भी बदहाल है. गांव में रहने वाले टाना भगत आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए जुझ रहे हैं. इस गांव में ना ही बेहतर सड़क है और ना ही पीने के पानी की समुचित व्यवस्था है. इसके साथ ही सिंचाई की सुविधाएं भी बेहतर नहीं हैं. हालांकि गांव में बिजली पहुंची है. लेकिन ग्रामीणों को बिजली कनेक्शन लेने में बिचौलियों की मदद लेनी पड़ रही है और बिचौलिये लूट मचाए हुए हैं. ग्रामीण कहते हैं कि बिजली कनेक्शन देने के नाम पर 3 हजार रुपया वसूला जा रहा है. गांव की महिला प्रभावती देवी कहती हैं कि आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी आज तक गांव में बुनियादी सुविधा नहीं पहुंची है. उन्होंने कहा कि हमलोग इंतजार करते हैं कि कोई मंत्री एक दिन गांव में आएंगे और बदहाली दूर करेंगे. ग्रामीण विशु भगत ने कहा कि गांव में सिंचाई की बेहतर व्यवस्था नहीं है. रोजगार के लिए ग्रामीणों को दूरदराज जाना पड़ता है. रोजगार की सुविधा नहीं होने से बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन करने को मजबूर होते हैं.

निंद्रा गांव लातेहार और रांची की सीमा पर स्थित है. मैक्लुस्कीगंज से इसकी दूरी 7 किलोमीटर है, जहां ट्रेन और सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं. रांची से सड़क मार्ग के माध्यम से मैक्लुस्कीगंज होते हुए इस गांव में पहुंच सकते हैं. जबकि लातेहार से चंदवा होते हुए सीधे इस गांव में पहुंचा जा सकता है. लातेहार जिला परिषद अध्यक्ष सुनीता कुमारी ने कहा कि यह गांव ऐतिहासिक है. इस गांव की बदहाली दूर होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस गांव के नौ स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है.

देखें स्पेशल स्टोरी


लातेहार उपायुक्त अबु इमरान ने कहा कि शहीदों के गांव को सम्मान देना और उसका विकसित करना सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन की भी पहली प्राथमिकता है. जल्द ही गांव में तमाम बुनियादी सुविधाएं पहुंचाई जाएगी. बता दें कि शहीदों का यह गांव आज भी सम्मान के इंतजार में सरकार और प्रशासन की राह देख रहा है. लेकिन शहादत को सम्मान नहीं मिल रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.