लातेहार: झारखंड सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना प्राथमिकता में शामिल किया है लेकिन सरकार की यह प्राथमिकता लातेहार के खैराट गांव में पूरी तरह से फेल नजर आ रही है. यह गांव आज भी डिजिटल के इस युग में बुनियादी सुविधाओं से वंचित है, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है.
लातेहार के पांडेयपुरा पंचायत अंतर्गत खैराट गांव जिला मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर है. लातेहार-मोंगर पथ पर स्थित इस गांव में लगभग 25 परिवार रहते हैं. जिला मुख्यालय से काफी पास रहने के बावजूद भी इस गांव में आज तक विकास के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है.
गांव तक पहुंचने के लिए ना तो सड़क बनाई गई है और ना ही इस गांव में एक भी चापाकल या सरकारी कुआं है. ऐसे में ग्रामीणों को साल भर सड़क और पानी की समस्या से जूझना पड़ता है.
महज 1 किलोमीटर सड़क भी नहीं बन पाई
खैराट गांव तक पहुंचने के लिए लातेहार-मोंगर पथ से 1 किलोमीटर कच्ची सड़क से गुजारना पड़ता है. सड़क की स्थिति इतनी खराब है, कि यहां किसी वाहन का चलना लगभग नामुमकिन है. बाइक के सहारे किसी प्रकार लोग गांव पहुंचते हैं. तीन पहिया या चार पहिया वाहन तो इस गांव में पहुंच ही नहीं सकते हैं. ऐसे में मात्र 1 किलोमीटर खराब सड़क रहने के कारण गांव के लोग विकास से पूरी तरह वंचित रह गए हैं.
इसे भी पढ़ें: yaas cyclone effect: बेमौसम बारिश ने तोड़ी किसानों की कमर, फसल हुई बर्बाद
पानी की नहीं है कोई सुविधा
गांव में पीने के पानी की भी कोई भी सुविधा नहीं है. ग्रामीण गांव से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित औरंगा नदी से पानी लाकर पीते हैं. बरसात में तो ग्रामीणों को पानी के लिए काफी परेशानी होती है. ऐसे में ग्रामीण गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.
ग्रामीणों को है प्रशासन से शिकायत
ग्रामीण महिला सोना देवी, बिरजू भूईयां, ललिता देवी आदि ने कहा कि गांव में आज तक कभी ना तो सड़क बनाई गई और ना ही पानी की व्यवस्था की गई, जिसके कारण साल भर काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लोगों ने बताया कि गांव के लोगों को बीमार पड़ने पर चारपाई के सहारे लगभग 1 किलोमीटर दूर पर स्थित सड़क पर लाया जाता है, उसके बाद वहां से वाहन की सुविधा मिलती है.
इसे भी पढ़ें: जर्जर है गांव को शहर से जोड़ने वाली सड़क, 20 गांव के ग्रामीण हैं परेशान
वन भूमि बनी विकास में बाधा
खैराट गांव में पहुंचने के लिए जो कच्ची सड़क गुजरती है, वह वन भूमि में स्थित है, जिसके कारण बिना वन विभाग की अनुमति से यहां पक्की सड़क बनाना संभव नहीं है. गांव तक सड़क बनवाने के लिए अब तक न तो प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई की गई और न ही जनप्रतिनिधियों ने ही कोई कदम उठाए है.
प्रशासन करेगा व्यवस्था
वहीं लातेहार के प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक ने कहा कि यदि मिट्टी मौरम से सड़क बनाना संभव होगा तो जल्द ही इस पर कार्रवाई होगी, दूसरा विभाग से भी समन्वय स्थापित कर गांव का विकास कराया जाएगा.