लातेहारः नक्सली हमले में शहीद हुए 4 जवानों को लेकर जेएमएम के राष्ट्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने खेद व्यक्त करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री और केंद्र के गृह मंत्री पर तीखे तंज कसे है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के दावे खोखले हैं. जिस तरह सरकार नक्सल समाप्ति के आंकड़े दे रही है, उन आकड़ों को लातेहार में शहीद हुए जवानों ने झूठा साबित कर दिया है.
दिख रही बीजेपी की बौखलाहट
इसके साथ ही उन्होंने पुलिस प्रशासन पर ही सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को भी सरकार की सुरक्षा पर भरोसा नहीं है. इसलिए उन्होंने राज्य के पूर्व पुलिस प्रमुख एमके दास को सिक्योरिटी ऑब्जर्वर के रूप में रखा है. यह निश्चित रूप से सरकार की लापरवाही को दर्शाता है. वहीं, उन्होंने विश्रामपुर के बीजेपी प्रत्याशी रामचंद्र चंद्रवंशी और बिरंचि नारायण के वायरल वीडियो को लेकर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस प्रकार से वोटर्स के साथ मारपीट और गाली-गलौज जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, यह बीजेपी की बौखलाहट को दिखा रहा है.
प्याज के जरिए लोगों को बहका रही बीजेपी
सुप्रियो भट्टाचार्य ने बीजेपी सरकार पर प्याज वितरण को लेकर भी तीखे वार किए हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह शहर के विभिन्न इलाकों में ट्रक लगाकर 35 रुपए किलो प्याज बेचने का काम सरकार कर रही है. ये चुनाव में मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन करता है. जबकि प्याज का बाजार दर 90 से 100 रुपए किलो है. उसके बावजूद भी बीजेपी कम दरों में प्याज बेच कर लोगों को गुमराह कर रही है. उन्होंने कहा कि प्याज को कम दरों में बेचकर वोटर्स को लुभाने की कोशिश है और वोट लेने के लिए बीजेपी के काले धन को जनता के बीच बांटने का काम है. वहीं, उन्होंने चुनाव आयोग से अपील करते हुए कहा कि अगर भारत के लोकतंत्र को बचाना है तो चुनाव आयोग को भारतीय जनता पार्टी पर कड़ी नजर रखनी पड़ेगी.
प्रधानमंत्री कार्यालय बना राजनीतिक भ्रष्टाचार का केंद्र
सुप्रियो भट्टाचार्य ने महाराष्ट्र में भाजपा और एनसीपी के सरकार बनने को लेकर कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए झारखंड में भी कहीं खरीद-फरोख्त का काम फिर से शुरू ना हो जाए. उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के शपथ के बाद किए गए ट्वीट को लेकर तंज कसते हुए कहा कि जिस प्रकार से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने का धन्यवाद दिया है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रधानमंत्री कार्यालय अब राजनीतिक भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है.