लातेहार: झारखंड मुक्ति मोर्चा के बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम ने रविवार को लातेहार में आयोजित झारखंड बचाओ मोर्चा के मंडल स्तरीय सम्मेलन में भाग लिया. इस दौरान विधायक ने अपनी ही सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली (Lobin Hembram statements against Hemant Sarkar). उन्होंने कहा कि सरकार अपने वादों को निभाने में असफल हुई है, इसलिए वह सरकार को आईना दिखा रहे हैं.
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दरअसल, झारखंड राज्य में लागू सीएनटी, एसपीटी और पेसा कानून जैसे मामलों को धरातल पर उतारने और 1932 के खतियान को झारखंड में लागू कराने जैसी मांग को लेकर विधायक लोबिन हेंब्रम के नेतृत्व में 53 संगठनों के द्वारा एक संयुक्त मोर्चा बनाया गया है. इस मोर्चे का नाम झारखंड बचाओ मोर्चा रखा गया. झारखंड बचाओ मोर्चा के तहत रविवार को लातेहार में प्रमंडल स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस सम्मेलन में विधायक लोबिन हेंब्रम समेत अन्य वक्ताओं ने वर्तमान की सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार ने चुनाव से पूर्व जनता से जो वादे किए थे, उन वादों को पूरा करने में अब तक असफल है. इन्हीं मुद्दों को लेकर सरकार को आईना दिखाने के लिए अब जनता को जागरूक होने की जरूरत है.
जनता को झुनझुना दिखा रही है सरकार: कार्यक्रम के बाद ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए विधायक लोबिन हेंब्रम ने झारखंड सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य भले ही बिहार से अलग हो गया, लेकिन आज तक बिहार झारखंड से अलग नहीं हो पाया. झारखंड का निर्माण जिस उद्देश्य के साथ हुआ था, उसे पूरा करने में सरकार पूरी तरह विफल रही है. झारखंड और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों का गठन एक साथ हुआ था, लेकिन छत्तीसगढ़ में पेसा कानून लागू कर दिया गया, जबकि झारखंड में इस कानून को लेकर अभी तक किसी प्रकार की कोई गतिविधि भी आरंभ नहीं हुई है. दूसरी ओर 1932 का खतियान लागू करने के लिए वर्तमान की सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कहा था. लेकिन लोगों को मात्र झुनझुना दिखाने के लिए 1932 का खतियान लागू करने की बात कही गई. सरकार की मंशा साफ नहीं रहने के कारण 1932 का खतियान राज्य में लागू नहीं हो सका.
खतियान नहीं रोजगार की लड़ाई है: विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि 1932 का खतियान सिर्फ एक समुदाय की जागीर नहीं है. झारखंड के जो भी मूल निवासी हैं, वह चाहे किसी भी जाति धर्म के रहे, उन्हें 1932 के खतियान होने के बाद तृतीय और चतुर्थ वर्ग के सरकारी नौकरी में विशेष लाभ मिल पाएगा. हमारी मांग यही है कि जो भी लोग यहां के मूल निवासी हैं उन्हें अन्य राज्यों के तर्ज पर झारखंड में भी स्थानीयता को आधार मानते हुए तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरी दी जाए. परंतु सरकार की कमजोर इच्छाशक्ति के कारण यह मांग भी पूरी नहीं हो पा रही है.
खतियान जोहार यात्रा पर किया कटाक्ष: विधायक लोबिन हेंब्रम ने मुख्यमंत्री के द्वारा आयोजित खतियान जोहार यात्रा पर भी जमकर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि झारखंड के मूल निवासियों को 1932 को आधार मानकर स्थानीयता का लाभ दिलाने में यह सरकार विफल हो गई. इसके बावजूद मुख्यमंत्री खतियान जोहार यात्रा निकाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिजली पानी सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं तो हर सरकार देती है, परंतु हमने जनता से वादा किया था कि झारखंड में लागू सीएनटी, एसपीटी और पेसा जैसे कानून को पूरी सख्ती से लागू किया जाएगा, लोकिन अपने मूल वादों को ही सरकार पूरी तरह भूल गई है.
विरोध नहीं बल्कि सरकार को दिखा रहे हैं आईना: विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि वह सरकार का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि सरकार को आईना दिखा रहे हैं. हेमंत सोरेन की सरकार ने जनता से जो वादे किए थे. उन वादों को पूरा करने में यह सरकार पूरी तरह फेल रही है. मेरा विरोध इसी बात का है कि हमने जनता से जो वादे किए थे, जब उसे पूरा ही नहीं कर पाएंगे तो ऐसी सरकार से क्या फायदा. मुख्यमंत्री ने हाल के दिनों में कहा था कि सुखाड़ को देखते हुए हर गांव में कम से कम तीन काम चालू रहेंगे. जहां मजदूरों को काम मिले परंतु उनकी यह भी घोषणा धरातल पर नहीं उतरी. विधायक ने कहा कि उनकी प्राथमिकता सरकार और दल नहीं बल्कि झारखंड राज्य की जनता है. इसलिए चाहे कोई कुछ कहे जब तक जनहित के कार्य नहीं होंगे, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा और सरकार को आईना दिखाते रहेंगे. झारखंड बचाओ मोर्चा के प्रमंडल स्तरीय सम्मेलन में पूर्व विधायक मंगल सिंह बोंग बोगा, राधिका पासवान, मोती उरांव, घनश्याम उरांव, रंथु उरांव समेत बड़ी संख्या में आदिवासी नेता शामिल थे.