लातेहारः जिले के प्रतिबंधित जंगल क्षेत्र में बीड़ी पत्ते का अवैध कारोबार खूब फल फूल रहा है. वन विभाग के कर्मचारियों और तस्करों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर अवैध रूप से बीड़ी पत्ते का कारोबार हो रहा है. दरअसल, मई और जून महीने में बीड़ी पत्ता जंगलों से तोड़ा जाता है. इसको लेकर सरकार की ओर से टेंडर निकाल कर जंगल क्षेत्रों की नीलामी की जाती है, जहां वैध तरीके से बीड़ी पत्ता तोड़ा जाता है. लेकिन जिन क्षेत्रों की नीलामी नहीं हुई है, उस क्षेत्र में तस्कर सक्रिय हैं और अवैध कारोबार कर रहे हैं.
यह भी पढ़ेंःTSPC ने बीड़ी पत्ता गोदाम में लगाई आग, पर्चा फेंक ली जिम्मेदारी, जांच में जुटी पुलिस
वैध नीलामी क्षेत्र में ही बीड़ी पत्ता टूटे. इसकी निगरानी वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी करते हैं. लेकिन निगरानी के नाम पर बीड़ी पत्ता तस्कर, वन अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से प्रतिबंधित जंगलों में बड़े पैमाने पर बीड़ी पत्ते तोड़े जा रहे हैं और सरकार के करोड़ों रुपये की बंदरबांट की जा रही है.
बीड़ी पत्ता तस्करों ने सरकारी स्कूल भवन को भी अवैध बीड़ी पत्ता का गोदाम बना दिया है. गारू प्रखंड के गौताग गांव स्थित स्कूल को बीड़ी पत्ता गोदाम बना दिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार गौताग गांव के आसपास के जंगल की नीलामी वन विभाग की ओर से नहीं की गई है. इसके बावजूद इस गौताग गांव और आसपास के गांवों में बड़े पैमाने पर बीड़ी पत्ता तोड़ा जा रहा है, जिसकी तस्करी की जा रही है.
पलामू टाइगर रिजर्व एरिया को राज्य सरकार ने पूरी तरह संरक्षित रखा है. इस एरिया में एक भी पत्ता तोड़ना गैरकानूनी और दंडनीय अपराध है. इसके बावजूद इस एरिया में बड़े पैमाने पर बीड़ी पत्ता की तस्करी की जा रही है. हालांकि, वन विभाग के अधिकारी को जब इसकी सूचना मिलती है तो तस्करों के खिलाफ छापामारी भी की जाती है और अवैध बीड़ी पत्ता जब्त भी किया जाता है. हाल के दिनों में पीटीआर इलाके से भारी मात्रा में अवैध बीड़ी पत्ता जब्त किया गया है. इसके साथ ही लातेहार रेंज ऑफिसर की ओर से बीड़ी पत्ता लोड एक वाहन को जब्त किया है. इस मामले में दो लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुरक्षित वन क्षेत्रों से प्रत्येक वर्ष बड़े पैमाने पर अवैध बीड़ी पत्ता का कारोबार धड़ल्ले से किया जाता है. वन विभाग की ओर ने खानापूर्ति के लिए कार्रवाई की जाती है. इससे तस्करों का हौसला बुलंद है. उन्होंने कहा कि वन विभाग की ओर से लगातार तस्करों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करती है तो बीड़ी पत्ते का अवैध कारोबार रूकेगा.