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बिना शिक्षक के चल रहा है हाई स्कूल, यहां खुद बच्चे 'टीचर' बन, करते हैं पढ़ाई

लातेहार सदर प्रखंड के पतरातू हाई स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों को परेशानी हो रही है. इस वजह से बच्चे खुद से पढ़ाई करते है. इस मामले में डीसी ने बताया कि वहां शिक्षकों की जल्द ही नियुक्ति की जाएगी.

बिना शिक्षक के चल रहा है हाई स्कूल
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Published : Jul 31, 2019, 2:06 PM IST

लातेहार: शिक्षा विभाग का स्लोगन सब पढ़े सब बढ़े भले ही सुनने में अच्छा लगे, लेकिन यह स्लोगन जिले में मजाक बन गया है. लातेहार सदर प्रखंड के पतरातू हाई स्कूल में नामांकित 200 से अधिक बच्चों की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है. इस हाई स्कूल में एक भी शिक्षक की पदस्थापना नहीं की गई है. ऐसे में यहां के बच्चों के मन में यह सवाल उठना जायज है कि आखिर सब पढ़े और सब बढ़े का नारा किसके लिए है.

देखें स्पेशल स्टोरी

200 बच्चों पर एक भी शिक्षक नहीं
दरअसल, जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर पतरातू मिडिल स्कूल को लगभग 5 साल पहले अपग्रेडेड कर शिक्षा विभाग द्वारा हाई स्कूल कर दिया गया. 5 साल बीत जाने के बाद भी इस स्कूल में हाई स्कूल के एक भी शिक्षक की पदस्थापना नहीं की गई है. जबकि इस हाई स्कूल में नामांकित बच्चों की संख्या 200 से अधिक है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई कैसे हो रही होगी, ये सोचने वाली बात है.

ये भी पढ़ें-झारखंड कैडर के IAS राजीव कुमार बने देश के वित्त सचिव, सुभाष चंद्र गर्ग की लेगें जगह

स्कूल में खुद पढ़ते हैं बच्चे
बच्चे घर से रोज स्कूल इस उम्मीद से आते हैं कि स्कूल में कुछ पढ़ाई कर पाएंगे, लेकिन शिक्षकों की कमी में उन्हें अपनी पढ़ाई खुद करनी पड़ती है. सबसे अधिक परेशानी दसवीं क्लास के छात्रों को होती है. बिना शिक्षक के बोर्ड की परीक्षा की तैयारी करना उनके लिए परेशानी का सबब बना रहता है.

छात्रों की पढ़ाई होती हैं बाधित
स्कूल का छात्र सूरज कुमार ने कहा कि वो लोग खुद पढ़ाई कर परीक्षा के तैयारी करते हैं. शिक्षक की कमी के कारण उन्हें काफी परेशानी होती है. वहीं, छात्रा निशा प्रवीण ने कहा कि स्कूल में शिक्षक नहीं रहने के कारण उन लोगों की पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गई है. छात्रा तरन्नुम ने बताया कि वो लोग गांव में रहते हैं. इस कारण यहां कोचिंग की भी कोई व्यवस्था नहीं है. गांव से शहर जा कर कोचिंग करना उनके लिए संभव नहीं है. ऐसे में उनकी पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गई है.

जल्द होगी शिक्षकों की नियुक्ति
इस बारे में पतरातु प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक सुनील कुमार मिश्र ने कहा कि हाई स्कूल में शिक्षक नहीं रहने के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित है. प्राथमिक स्कूल के शिक्षक ही जितना हो सकता है, बच्चों को पढ़ा देते हैं. हाई स्कूल के शिक्षकों के लिए विभाग को कई बार पत्राचार भी किया गया है. वहीं, इस संबंध में डीसी निशान कमर ने कहा कि यह गंभीर मामला है, जल्दी वहां शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी.

लातेहार: शिक्षा विभाग का स्लोगन सब पढ़े सब बढ़े भले ही सुनने में अच्छा लगे, लेकिन यह स्लोगन जिले में मजाक बन गया है. लातेहार सदर प्रखंड के पतरातू हाई स्कूल में नामांकित 200 से अधिक बच्चों की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है. इस हाई स्कूल में एक भी शिक्षक की पदस्थापना नहीं की गई है. ऐसे में यहां के बच्चों के मन में यह सवाल उठना जायज है कि आखिर सब पढ़े और सब बढ़े का नारा किसके लिए है.

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200 बच्चों पर एक भी शिक्षक नहीं
दरअसल, जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर पतरातू मिडिल स्कूल को लगभग 5 साल पहले अपग्रेडेड कर शिक्षा विभाग द्वारा हाई स्कूल कर दिया गया. 5 साल बीत जाने के बाद भी इस स्कूल में हाई स्कूल के एक भी शिक्षक की पदस्थापना नहीं की गई है. जबकि इस हाई स्कूल में नामांकित बच्चों की संख्या 200 से अधिक है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई कैसे हो रही होगी, ये सोचने वाली बात है.

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स्कूल में खुद पढ़ते हैं बच्चे
बच्चे घर से रोज स्कूल इस उम्मीद से आते हैं कि स्कूल में कुछ पढ़ाई कर पाएंगे, लेकिन शिक्षकों की कमी में उन्हें अपनी पढ़ाई खुद करनी पड़ती है. सबसे अधिक परेशानी दसवीं क्लास के छात्रों को होती है. बिना शिक्षक के बोर्ड की परीक्षा की तैयारी करना उनके लिए परेशानी का सबब बना रहता है.

छात्रों की पढ़ाई होती हैं बाधित
स्कूल का छात्र सूरज कुमार ने कहा कि वो लोग खुद पढ़ाई कर परीक्षा के तैयारी करते हैं. शिक्षक की कमी के कारण उन्हें काफी परेशानी होती है. वहीं, छात्रा निशा प्रवीण ने कहा कि स्कूल में शिक्षक नहीं रहने के कारण उन लोगों की पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गई है. छात्रा तरन्नुम ने बताया कि वो लोग गांव में रहते हैं. इस कारण यहां कोचिंग की भी कोई व्यवस्था नहीं है. गांव से शहर जा कर कोचिंग करना उनके लिए संभव नहीं है. ऐसे में उनकी पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गई है.

जल्द होगी शिक्षकों की नियुक्ति
इस बारे में पतरातु प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक सुनील कुमार मिश्र ने कहा कि हाई स्कूल में शिक्षक नहीं रहने के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित है. प्राथमिक स्कूल के शिक्षक ही जितना हो सकता है, बच्चों को पढ़ा देते हैं. हाई स्कूल के शिक्षकों के लिए विभाग को कई बार पत्राचार भी किया गया है. वहीं, इस संबंध में डीसी निशान कमर ने कहा कि यह गंभीर मामला है, जल्दी वहां शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी.

Intro:लातेहार में मजाक बना'' सब पढ़े सब बढ़े'' का स्लोगन-- बिना शिक्षक के चल रहा है हाई स्कूल लातेहार. शिक्षा विभाग का स्लोगन "'सब पढ़े सब बढ़े "भले ही सुनने में अच्छा लगे परंतु ,यह स्लोगन लातेहार जिले में मजाक बन गया है. लातेहार सदर प्रखंड के पतरातु हाई स्कूल में नामांकित 200 से अधिक बच्चों की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है. इस हाई स्कूल में एक भी शिक्षक की पदस्थापना नहीं की गई है. ऐसे में यहां के बच्चों के मन में यह सवाल उठना जायज है कि आखिर सब पढ़े और सब बढ़े का नारा किसके लिए है.


Body:दरअसल जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर पतरातु मिडिल स्कूल को लगभग 5 साल पहले अपग्रेडेड कर शिक्षा विभाग के द्वारा हाई स्कूल कर दिया गया. परंतु 5 साल बीत जाने के बाद भी इस स्कूल में हाई स्कूल के एक भी शिक्षक की पदस्थापना नहीं की गई है. जबकि इस हाई स्कूल में नामांकित बच्चों की संख्या 200 से अधिक है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई कैसे हो रही होगी, इसका अंदाजा लगाना काफी सहज है. स्कूल के बच्चे घर से रोज स्कूल इस उम्मीद से आते हैं कि स्कूल में कुछ पढ़ाई कर पाएंगे .परंतु शिक्षकों के अभाव में उन्हें अपनी पढ़ाई खुद करनी पड़ती है. सबसे अधिक परेशानी दसवीं क्लास के छात्रों को होती है बिना शिक्षक के बोर्ड की परीक्षा की तैयारी करना उनके लिए परेशानी का सबब बना रहता है. स्कूल का छात्र सूरज कुमार ने कहा कि वे लोग खुद पढ़ाई कर परीक्षा के तैयारी करते हैं. शिक्षक की कमी के कारण उन्हें काफी परेशानी होती है. वहीं छात्रा निशा प्रवीण ने कहा कि स्कूल में शिक्षक नहीं रहने के कारण उन लोगों की पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गई है. छात्रा तरन्नुम ने कहा कि वे लोग गांव में रहते हैं. इस कारण यहां कोचिंग की भी कोई व्यवस्था नहीं है. गांव से शहर जा कर कोचिंग करना उनके लिए संभव नहीं है. ऐसे में उनकी पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गई है. इस संबंध में पतरातु प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक सुनील कुमार मिश्र ने कहा कि हाई स्कूल में शिक्षक नहीं रहने के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित है ,प्राथमिक स्कूल के शिक्षक ही जितना हो सकता है बच्चों को पढ़ा देते हैं. हाई स्कूल के शिक्षकों के लिए विभाग को कई बार पत्राचार भी किया गया है. वही इस संबंध में डीसी निशान कमर ने कहा कि यह गंभीर मामला है, जल्दी वहां शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. jh_lat_01_school_without_teacher_visual_byte_jh10010 byte- छात्र सूरज कुमार byte- छात्रा निशा byte- छात्रा तरन्नुम byte- प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक सुनील मिश्रा byte- डीसी निशान कमर


Conclusion:बिना शिक्षक के स्कूल चलाया जाना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. जरूरत इस बात की है कि सरकार जिस प्रकार अपनी संकल्पों को प्रचारित करती है, उसी प्रकार उन संकल्पों को धरातल पर भी उतारे. ताकि सब पढ़े सब बढ़े का स्लोगन सफल हो सके.
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