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सुखाड़ में किसानों के लिए तारणहार बनकर उभरी मूंगफली, खेती से हो रही लाखों की आमदनी - झारखंड न्यूज

मानसून ने ठग लिया तो मूंगफली ने सहारा दिया. बिना पानी के धरती के सीने में आखिर कौन सी फसल स्थिर रह पाए. गर्मी की तपिश ऐसी कि जमीन में डाले गये बीज झुलस रहे हैं. सुखाड़ की आशंका से घिरे किसानों के लिए मूंगफली की खेती सहारा बनकर उभरी है. ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट से जानिए, लातेहार के किसानों की कहानी.

farmers earning good income by cultivating groundnut in drought In Latehar
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Published : Jul 30, 2023, 9:23 AM IST

Updated : Jul 30, 2023, 10:09 AM IST

देखें स्पेशल रिपोर्ट

लातेहारः पिछले 2 साल से लगातार सुखाड़ की मार झेल रहे लातेहार के किसानों के लिए मूंगफली ही सहारा बन गया है. हालांकि बारिश के अभाव में किसानों को हो रहे नुकसान की भरपाई तो नहीं हो पा रही है. लेकिन मूंगफली की खेती कर किसान थोड़ी राहत जरूर पा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- लातेहार में किसानों ने की धान और मक्के की खेती से तौबा, मूंगफली से जमकर कमा रहे है मुनाफा

जिले में पिछले 2 वर्षों से लगातार सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है. पूर्व के वर्षों में भी यहां बारिश की स्थिति बहुत अच्छी नहीं रही थी. लेकिन पिछले 2 साल से जैसी स्थिति बनी है, उससे किसानों के समक्ष खेती करना लोहे के चने चबाने जैसा हो गया है. हालांकि लातेहार के किसानों ने जहां चाह वहां राह की कहावत को चरितार्थ करते हुए कम बारिश में अच्छे उत्पादन देने वाले फसलों की ओर अपने कदम बढ़ाए हैं. इनमें मूंगफली की खेती लातेहार के किसानों के लिए सबसे अधिक आकर्षित करने वाला बना है.

स्थानीय किसानों की मानें तो जिस प्रकार बारिश लगातार धोखा दे रही है. उस स्थिति में अब खेती करना नुकसानदायक साबित हो रहा है. इसीलिए किसान अब वैसे खेती की ओर अपना ध्यान लगा रहे हैं जो थोड़ी बारिश में भी अच्छे उत्पादन दे सके. किसानों ने कहा कि मूंगफली की खेती एक बेहतर विकल्प के रूप में इन दिनों उभरा है. जिले के महुआडांड़ प्रखंड में मूंगफली की बड़े पैमाने पर खेती हो रही है. इसके अलावा सदर प्रखंड में भी कई किसान इसी में अपने हाथ आजमा रहे हैं.

कम बारिश में भी अच्छी आमदनीः किसानों ने बताया कि मूंगफली की खेती किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है. मूंगफली अन्य फसलों की अपेक्षा महंगे दामों पर और आसानी से बाजार में बिक जाते हैं. किसानों ने बताया कि मूंगफली उत्पादन में ज्यादा मेहनत की भी जरूरत नहीं पड़ती और ज्यादा पानी की भी जरूरत नहीं पड़ती. हल्की बारिश में भी मूंगफली काफी अच्छा उत्पादन देता है. इसी कारण ऊंचे जमीन पर अब अधिकांश किसान इसकी खेती करने लगे हैं.

डेढ़ लाख रुपए प्रति हेक्टेयर से अधिक का मुनाफाः बताया जाता है कि मूंगफली की खेती में किसानों को लगभग डेढ़ लाख रुपए प्रति हेक्टेयर से भी अधिक मुनाफा हो जाता है. इसकी खेती में किसानों को लगभग 75 हजार रुपया प्रति हेक्टेयर खर्च पड़ता है. जबकि उत्पादन 2 लाख 25 हजार प्रति हेक्टेयर हो जाता है. इस प्रकार किसानों को प्रति हेक्टेयर लगभग डेढ़ लाख रुपए का मुनाफा हो जाता है.

विभाग भी दे रहा बढ़ावाः जिले में मूंगफली की खेती को कृषि विभाग भी बढ़ावा दे रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी अमृतेश कुमार सिंह ने बताया कि कृषि विभाग इसकी खेती को जिले में वैकल्पिक खेती के रूप में बढ़ावा देने की योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष लगभग 30 क्विंटल बीज किसानों के बीच वितरण किया गया है. अगर यह प्रयोग सफल रहा तो अगले साल मूंगफली की खेती को और बढ़ावा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसकी खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद होता है, इसमें किसानों को काफी अच्छा मुनाफा भी होगा.

मूंगफली की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है. जरूरत इस बात की है कि सरकार इस प्रकार की खेती को वैकल्पिक खेती के रूप में बढ़ावा दे. जिससे किसानों को बारिश के अभाव में नुकसान का सामना ना करना पड़े.

इसे भी पढ़ें- लातेहार में बदलने लगा खेती का स्वरूप, पारंपरिक खेती के बदले वैकल्पिक खेती पर किसानों का फोकस

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लातेहारः पिछले 2 साल से लगातार सुखाड़ की मार झेल रहे लातेहार के किसानों के लिए मूंगफली ही सहारा बन गया है. हालांकि बारिश के अभाव में किसानों को हो रहे नुकसान की भरपाई तो नहीं हो पा रही है. लेकिन मूंगफली की खेती कर किसान थोड़ी राहत जरूर पा रहे हैं.

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जिले में पिछले 2 वर्षों से लगातार सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है. पूर्व के वर्षों में भी यहां बारिश की स्थिति बहुत अच्छी नहीं रही थी. लेकिन पिछले 2 साल से जैसी स्थिति बनी है, उससे किसानों के समक्ष खेती करना लोहे के चने चबाने जैसा हो गया है. हालांकि लातेहार के किसानों ने जहां चाह वहां राह की कहावत को चरितार्थ करते हुए कम बारिश में अच्छे उत्पादन देने वाले फसलों की ओर अपने कदम बढ़ाए हैं. इनमें मूंगफली की खेती लातेहार के किसानों के लिए सबसे अधिक आकर्षित करने वाला बना है.

स्थानीय किसानों की मानें तो जिस प्रकार बारिश लगातार धोखा दे रही है. उस स्थिति में अब खेती करना नुकसानदायक साबित हो रहा है. इसीलिए किसान अब वैसे खेती की ओर अपना ध्यान लगा रहे हैं जो थोड़ी बारिश में भी अच्छे उत्पादन दे सके. किसानों ने कहा कि मूंगफली की खेती एक बेहतर विकल्प के रूप में इन दिनों उभरा है. जिले के महुआडांड़ प्रखंड में मूंगफली की बड़े पैमाने पर खेती हो रही है. इसके अलावा सदर प्रखंड में भी कई किसान इसी में अपने हाथ आजमा रहे हैं.

कम बारिश में भी अच्छी आमदनीः किसानों ने बताया कि मूंगफली की खेती किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है. मूंगफली अन्य फसलों की अपेक्षा महंगे दामों पर और आसानी से बाजार में बिक जाते हैं. किसानों ने बताया कि मूंगफली उत्पादन में ज्यादा मेहनत की भी जरूरत नहीं पड़ती और ज्यादा पानी की भी जरूरत नहीं पड़ती. हल्की बारिश में भी मूंगफली काफी अच्छा उत्पादन देता है. इसी कारण ऊंचे जमीन पर अब अधिकांश किसान इसकी खेती करने लगे हैं.

डेढ़ लाख रुपए प्रति हेक्टेयर से अधिक का मुनाफाः बताया जाता है कि मूंगफली की खेती में किसानों को लगभग डेढ़ लाख रुपए प्रति हेक्टेयर से भी अधिक मुनाफा हो जाता है. इसकी खेती में किसानों को लगभग 75 हजार रुपया प्रति हेक्टेयर खर्च पड़ता है. जबकि उत्पादन 2 लाख 25 हजार प्रति हेक्टेयर हो जाता है. इस प्रकार किसानों को प्रति हेक्टेयर लगभग डेढ़ लाख रुपए का मुनाफा हो जाता है.

विभाग भी दे रहा बढ़ावाः जिले में मूंगफली की खेती को कृषि विभाग भी बढ़ावा दे रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी अमृतेश कुमार सिंह ने बताया कि कृषि विभाग इसकी खेती को जिले में वैकल्पिक खेती के रूप में बढ़ावा देने की योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष लगभग 30 क्विंटल बीज किसानों के बीच वितरण किया गया है. अगर यह प्रयोग सफल रहा तो अगले साल मूंगफली की खेती को और बढ़ावा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसकी खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद होता है, इसमें किसानों को काफी अच्छा मुनाफा भी होगा.

मूंगफली की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है. जरूरत इस बात की है कि सरकार इस प्रकार की खेती को वैकल्पिक खेती के रूप में बढ़ावा दे. जिससे किसानों को बारिश के अभाव में नुकसान का सामना ना करना पड़े.

इसे भी पढ़ें- लातेहार में बदलने लगा खेती का स्वरूप, पारंपरिक खेती के बदले वैकल्पिक खेती पर किसानों का फोकस

Last Updated : Jul 30, 2023, 10:09 AM IST
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