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झारखंड में मानसून ने दिया दगा, अकाल की आशंका से किसान हो रहे परेशान

लातेहार में मानसून के दगा देने के बाद किसानों को अब अकाल का डर सता रहा है. उन्हें डर है कि अगर एक-दो दिन में बारिश नहीं हुई तो वे पूरी तरह बर्बाद होने के कगार पर आ जाएंगे.

लातेहार में अकाल की संभावना, किसान परेशान
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Published : Jul 18, 2019, 12:30 PM IST

लातेहार: मानसून के दगा देने के बाद किसानों को अब अकाल का डर सता रहा है. आने वाले दो-तीन दिनों के अंदर अगर अच्छी बारिश नहीं हुई तो लातेहार के किसानों को बड़ा नुकसान होगा.

देंखे वीडियो


दरअसल, इस साल लातेहार जिले में पिछले 6 वर्ष की तुलना में सबसे कम बारिश हुई है. जुलाई माह के शुरुआत में बारिश हुई थी जिसके बाद अच्छी बारिश की आस जगी थी और किसानों ने अपने खेतों में बिचड़ा डाल दिए थे, लेकिन रोपनी के समय मानसून ने पूरी तरह दगा दे दिया. इससे किसानों के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी हैं.

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लातेहार में अकाल की संभावना
इस संबंध में किसान सनी लाल का कहना है कि जो स्थिति है उससे लगता है कि अकाल पड़ना तय है. वहीं, रविंदर सिंह भी इसमें अपनी सहमति जताते हुए कहते हैं कि बारिश नहीं होने के कारण रोपनी करना संभव ही नहीं है.


इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी अंजनी कुमार मिश्र का भी कहना है कि दो-तीन दिन के अंदर अगर बारिश नहीं हुई तो खेती काफी प्रभावित होगी और उत्पादन भी काफी घट सकता है.

लातेहार: मानसून के दगा देने के बाद किसानों को अब अकाल का डर सता रहा है. आने वाले दो-तीन दिनों के अंदर अगर अच्छी बारिश नहीं हुई तो लातेहार के किसानों को बड़ा नुकसान होगा.

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दरअसल, इस साल लातेहार जिले में पिछले 6 वर्ष की तुलना में सबसे कम बारिश हुई है. जुलाई माह के शुरुआत में बारिश हुई थी जिसके बाद अच्छी बारिश की आस जगी थी और किसानों ने अपने खेतों में बिचड़ा डाल दिए थे, लेकिन रोपनी के समय मानसून ने पूरी तरह दगा दे दिया. इससे किसानों के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी हैं.

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लातेहार में अकाल की संभावना
इस संबंध में किसान सनी लाल का कहना है कि जो स्थिति है उससे लगता है कि अकाल पड़ना तय है. वहीं, रविंदर सिंह भी इसमें अपनी सहमति जताते हुए कहते हैं कि बारिश नहीं होने के कारण रोपनी करना संभव ही नहीं है.


इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी अंजनी कुमार मिश्र का भी कहना है कि दो-तीन दिन के अंदर अगर बारिश नहीं हुई तो खेती काफी प्रभावित होगी और उत्पादन भी काफी घट सकता है.

Intro:लातेहार में दिखने लगी अकाल की संभावना----- किसानों के चेहरे पर उड़ने लगी हवाइयां

लातेहार. लातेहार जिले में इस वर्ष अकाल के आसार दिखने लगे हैं. धान रोपनी के समय मानसून के द्वारा दगा दिए जाने के बाद खेत परती ही पड़े हुए हैं. आने वाले दो-तीन दिनों के अंदर यदि अच्छी बारिश नहीं हुई तो लातेहार के किसान बर्बाद हो जाएंगे.


Body:दरअसल इस वर्ष लातेहार जिले में पिछले 6 वर्ष की तुलना में सबसे कम बारिश हुई है. जुलाई माह के शुरुआत में एक-दो दिन बारिश होने के बाद किसानों की आस जगी थी और किसानों ने अपने खेतों में बिचड़ा भी डाल दिए थे, परंतु ऐन वक्त पर रोपनी के समय मानसून ने पूरी तरह दगा दे दिया. इससे किसानों के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी है. किसान अपनी उम्मीदों को जिंदा रखने के लिए खेतों में हल चला रहे हैं परंतु पानी के अभाव में रोपनी करने में वे पूरी तरह असमर्थ हैं. इस संबंध में किसान सनी लाल ने कहा कि जो स्थिति बनी हुई है उससे तो लगता है कि अकाल पड़ना तय है. वहीं किसान रविंदर सिंह ने कहा कि बारिश नहीं होने के कारण रोपनी करना संभव ही नहीं है. वही ओबर गांव की ग्राम प्रधान सह महिला किसान निर्मला देवी ने कहा कि 21 दिन पहले हैं वह लोग भी बिहन किए थे ,परंतु पानी के अभाव में बिचड़े सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं. वे काफी चिंतित हैं कि बाल बच्चों का पोषण कैसे करेंगे? वही इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी अंजनी कुमार मिश्र ने कहा कि दो-तीन दिन के अंदर यदि बारिश नहीं हुई तो खेती काफी प्रभावित होगी और उत्पादन भी काफी घट सकता है.
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byte- किसान सनी लाल ---गंजी पहने हुए हैं
byte- किसान रविंदर सिंह
byte- महिला किसान निर्मला देवी
byte- जिला कृषि पदाधिकारी अंजनी कुमार झा


Conclusion:पूरी तरह वर्षा पर आधारित लातेहार जिले के किसान मानसून की दगा से निराश हो गए हैं. किसानों को एक ही उम्मीद है कि यदि दो-तीन दिन और बारिश हो जाए तो शायद उनके खेतों में फिर से फसल लहलहा जाए.
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