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बे मौसम बरसात ने तोड़ी किसनों की कमर, फसलों को पहुंचा भारी नुकसान

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Published : Jan 3, 2020, 4:58 PM IST

लातेहार सहित झारखंड के कई जिलों में बिन मौसम बारिश हो गई है, जिससे ठंड बढ़ गई है. जिले में बिन मौसम बरसात होने से फसलों को काफी नुकसान हुआ है, जिससे किसान परेशान हो गए हैं.

Crops damage due to rain in Latehar
बारिश से फसलों को पहुंचा भारी नुकसान

लातेहार: जिला में बे मौसम बरसात और पाला ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. बारिश और कुहासे के साथ-साथ पाला के कारण सब्जियों की खेती काफी प्रभावित हुई है. इसके अलावा अरहर और अन्य दलहनी फसलों पर भी इस मौसम का असर पड़ रहा है. इससे किसान भारी परेशान हैं.

देखें पूरी खबर

बारिश होने के कारण ठंड में भी बेतहाशा वृद्धि हो गई. जिले में सुबह-सुबह कुहासा और पाला का प्रकोप भी काफी अधिक बढ़ गया था. इससे खेतों में लगे फसल काफी प्रभावित हुए. आसमान में 3 दिनों तक बादल छाए रहने के कारण फसल को धूप नहीं मिली है, जिससे धनिया, आलू , गोभी, लहसुन, सेम, अरहर समेत अन्य सब्जियों के अलावा दलहनी फसलों के पौधों पर गंभीर असर पड़ा है. फसलों के पौधे पीले पड़ने लगे. मौसम में बदलाव के कारण दलहनी फसलों के फूल भी झड़ने लगे हैं.

इसे भी पढ़ें:- अफीम की खेती करने वालों पर अब IB की नजर, पुलिस मुख्यालय ले रहा संज्ञान

मौसम की इस बेरुखी के कारण किसानों के चेहरे का रंग उड़ गया है. खरीफ फसलों में बारिश के कमी के कारण नुकसान झेल रहे किसानों को उम्मीद थी कि रबी फसल में उन्हें कुछ लाभ होगा, लेकिन मौसम की दगाबाजी के कारण उनकी उम्मीदों पर पानी फिरने लगा है.

किसान नीरज सिंह ने कहा कि इस तरह के मौसम से सभी फसलों को भारी नुकसान हो रहा है. वहीं किसान राधेश्याम सिंह ने बताया कि आलू के फसल पर कुहासे के कारण बुरा असर पड़ा है. किसान बाबूलाल सिंह बताते हैं कि अरहर, धनिया, समेत अन्य फसलों को मौसम की इस बेरुखी के कारण काफी अधिक नुकसान हुआ है.

बारिश से कई फसलों को मिलेगा फायदा
हालांकि, कृषि विशेषज्ञ बलबीर सिंह ने बताया कि कुहासा और पाला से बचने के लिए किसानों को अपने फसलों पर मैनकोजेब और कार्बेंडाजिम दवा का स्प्रे बनाकर छिड़काव करना चाहिए. इससे फसलों को नुकसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इस बारिश से गेहूं, चना, राई आदि फसलों को फायदा होगा.

लातेहार: जिला में बे मौसम बरसात और पाला ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. बारिश और कुहासे के साथ-साथ पाला के कारण सब्जियों की खेती काफी प्रभावित हुई है. इसके अलावा अरहर और अन्य दलहनी फसलों पर भी इस मौसम का असर पड़ रहा है. इससे किसान भारी परेशान हैं.

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बारिश होने के कारण ठंड में भी बेतहाशा वृद्धि हो गई. जिले में सुबह-सुबह कुहासा और पाला का प्रकोप भी काफी अधिक बढ़ गया था. इससे खेतों में लगे फसल काफी प्रभावित हुए. आसमान में 3 दिनों तक बादल छाए रहने के कारण फसल को धूप नहीं मिली है, जिससे धनिया, आलू , गोभी, लहसुन, सेम, अरहर समेत अन्य सब्जियों के अलावा दलहनी फसलों के पौधों पर गंभीर असर पड़ा है. फसलों के पौधे पीले पड़ने लगे. मौसम में बदलाव के कारण दलहनी फसलों के फूल भी झड़ने लगे हैं.

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मौसम की इस बेरुखी के कारण किसानों के चेहरे का रंग उड़ गया है. खरीफ फसलों में बारिश के कमी के कारण नुकसान झेल रहे किसानों को उम्मीद थी कि रबी फसल में उन्हें कुछ लाभ होगा, लेकिन मौसम की दगाबाजी के कारण उनकी उम्मीदों पर पानी फिरने लगा है.

किसान नीरज सिंह ने कहा कि इस तरह के मौसम से सभी फसलों को भारी नुकसान हो रहा है. वहीं किसान राधेश्याम सिंह ने बताया कि आलू के फसल पर कुहासे के कारण बुरा असर पड़ा है. किसान बाबूलाल सिंह बताते हैं कि अरहर, धनिया, समेत अन्य फसलों को मौसम की इस बेरुखी के कारण काफी अधिक नुकसान हुआ है.

बारिश से कई फसलों को मिलेगा फायदा
हालांकि, कृषि विशेषज्ञ बलबीर सिंह ने बताया कि कुहासा और पाला से बचने के लिए किसानों को अपने फसलों पर मैनकोजेब और कार्बेंडाजिम दवा का स्प्रे बनाकर छिड़काव करना चाहिए. इससे फसलों को नुकसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इस बारिश से गेहूं, चना, राई आदि फसलों को फायदा होगा.

Intro:बारिश और पाला ने तोड़ी किसानों की कमर, फसलों को हुई भारी नुकसान

लातेहार. लातेहार जिले में बे मौसम बरसात और पाला ने किसानों की कमर तोड़ कर रखती. बारिश और कुहासा के साथ-साथ पाला के कारण सब्जियों की खेती काफी प्रभावित हुई है. इसके अलावा अरहर व अन्य दलहनी फसलों पर भी इस मौसम का प्रतिकूल असर पड़ रहा है. इससे किसान भारी परेशान हैं.


Body:दरअसल इन दिनों लातेहार में बे मौसम बरसात हुई. इस कारण ठंड में भी बेतहाशा वृद्धि हो गई. ऐसे में सुबह-सुबह कुहासा और पाला का प्रकोप भी काफी अधिक बढ़ गया था. इससे खेतों में लगे फसल काफी प्रभावित हुए. इधर 3 दिनों तक आसमान में बादल छाए रहने के कारण फसलों को धूप नहीं मिली. जिससे धनिया ,आलू ,गोभी ,लहसुन, सेम , अरहर समेत अन्य सब्जियों के अलावे दलहनी फसलों के पौधों पर गंभीर असर पड़ा. फसलों के पौधे पीले पड़ने लगे. वही दलहनी फसलों के फूल भी झड़ने लगे. मौसम की इस बेरुखी के कारण किसानों के चेहरे का रंग उड़ गया है. खरीफ फसलों में बारिश के कमी के कारण नुकसान झेल रहे किसानों को उम्मीद थी कि रबी फसल में उन्हें कुछ लाभ होगा. परंतु मौसम की दगाबाजी के कारण उनकी उम्मीदों पर पानी फिरने लगा है.
किसान नीरज सिंह ने कहा कि मौसम के दगाबाजी के कारण सभी फसलों को भारी नुकसान हो रहा है. वही किसान राधेश्याम सिंह ने कहा कि आलू के फसल पर कुहासा के कारण बुरा असर पड़ा है. वहीं किसान बाबूलाल सिंह ने कहा कि अरहर, धनिया , समेत अन्य फसलों को मौसम की इस बेरुखी के कारण काफी अधिक नुकसान हुआ है.
हालांकि कृषि विशेषज्ञ बलबीर सिंह ने बताया कि कुहासा और पाला से बचने के लिए किसानों को अपने फसलों पर मैनकोज़ेब और कार्बेंडाजिम दवा का स्प्रे बनाकर छिड़काव करना चाहिए. इससे फसलों को नुकसान नहीं होगा. हालांकि उन्होंने कहा कि इस बारिश से गेहूं ,चना, राई आदि फसलों को फायदा होगा.


Conclusion:मौसम की बेरुखी ने एक बार फिर किसानों के सपने तोड़ दिए हैं.
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