लातेहारः जिले के नेतरहाट थाना क्षेत्र के दवना और पुरानडीह गांव में बीती रात भाकपा माओवादियों ने जमकर उत्पात मचाया. इलाके में माओवादी लगभग 5 घंटे तक जमे रहे. माओवादियों ने इस दौरान 5 लोगों की जमकर पिटाई की. वहीं गांव के रहने वाले देव कुमार प्रजापति की पीट-पीटकर हत्या कर दी. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंच कर पूरे मामले की छानबीन कर रही है.
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हाथ-पैर बांधकर की 2 घंटे तक पिटाईः बताया जाता है कि देव कुमार प्रजापति को नक्सली पकड़कर गांव के स्कूल के पास लाए और उसके हाथ और पैरों को रस्सी से बांध दिया. उसके बाद 2 घंटे तक उसकी बेरहमी से पिटाई की गई. पिटाई के कारण देव कुमार प्रजापति की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई. बाद में परिजनों के द्वारा काफी मनाने के बाद नक्सलियों ने उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया. लेकिन घर ले जाने के क्रम में ही घायल देव कुमार प्रजापति की मौत हो गई. इधर मृतक की पत्नी ने बताया कि देर रात हथियारबंद नक्सली घर पहुंचे थे और जबरदस्ती देव कुमार प्रजापति को पकड़ कर ले जाने लगे. जब वे लोग उनके पीछे जाने लगे तो उन्हें आने से मना कर दिया गया. नक्सली डंडा लेकर उन्हें भगाने लगे, बाद में पिटाई से उनके पति की मौत हो गई.
घर की दीवार पर लिखा नक्सली नाराः माओवादियों ने इस दौरान ग्रामीणों के घर के दीवारों पर भाकपा माओवादी समर्थित कई नारे भी लिखे हैं. दीवार लेखन के माध्यम से नक्सलियों ने ग्रामीणों को मुखबिरी बंद करने की चेतावनी दी है और ग्रामीणों की मूल समस्या तथा पलायन के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करने की अपील की है. बताया जाता है कि माओवादियों ने ग्रामीणों की पिटाई मुखबिरी का आरोप लगाकर ही की गयी है.
घटनास्थल पहुंची पुलिसः नेतरहाट में नक्सली हिंसा की सूचना मिलने के बाद पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंच गई है. महुआडांड़ के एसडीपीओ राजेश कुजूर ने बताया कि पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है. नक्सलियों के खिलाफ पूरे इलाके को सील कर छापामारी अभियान भी तेज कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. पुलिस द्वारा ग्रामीण के शव को कब्जे में ले लिया है. बताया जाता है कि मृतक देव कुमार प्रजापति घर का इकलौता कमाऊ व्यक्ति था. देव कुमार प्रजापति की हत्या के बाद घरवालों के समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है.
2 दिन पूर्व भी आए थे नक्सलीः ग्रामीणों की मानें तो 2 दिन पूर्व नक्सली गांव में आए थे और कुछ ग्रामीणों को ढूंढ रहे थे. हालांकि उस समय ग्रामीण नक्सली के हाथ नहीं आए, जिस कारण नक्सली गांव से वापस लौट गए थे. बुधवार देर रात नक्सली एक बार फिर गांव में आ धमके और 5 ग्रामीणों को पकड़ लिया.
बरसों बाद दिखा नक्सलियों का कहरः जिले में नक्सलियों का इस प्रकार का कहर कई वर्षों के बाद दिखा है. हालांकि दवना समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्र अत्यंत सुदूरवर्ती इलाकों में एक हैं इस कारण इन क्षेत्रों में कभी कभार नक्सलियों की आवाजाही लगी रहती है. परंतु पुलिस की लगातार हो रही छापामारी अभियान के कारण नक्सली काफी कमजोर हो गए हैं. इधर कई वर्षों के बाद माओवादियों के द्वारा इस प्रकार ग्रामीणों की पिटाई किए जाने से लोगों में दहशत का माहौल है.