लातेहार: भाकपा माओवादियों के दो दिवसीय बंद का असर जिले में मिलाजुला दिख रहा है. जिला मुख्यालय समेत आसपास के अन्य प्रखंडों में जहां बंद का कोई असर नहीं है. वहीं सुदूरवर्ती महुआडांड़ और गारू प्रखंड में इसका असर देखा जा रहा है. इन दोनों प्रखंडों में यात्री वाहनों का आवागमन प्रभावित हो गया है.
चतरा जिले के कुंदा थाना क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 5 माओवादियों को मार गिराया था. इसके विरोध में भाकपा माओवादियों ने दक्षिणी बिहार और पश्चिमी झारखंड को 2 दिनों तक बंद रखने का फरमान जारी किया है. नक्सलियों की ओर से जारी फरमान के अनुसार, लातेहार जिला भी बंद प्रभावित जिलों में शामिल है, ये दो दिवसीय बंद 14 और 15 अप्रैल को घोषित है. इसे लेकर माओवादियों ने बिहार के एक प्रखंड में एक पर्चा जारी किया था. पर्चा में यह आदेश है कि अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की सीमाओं को बंद रखा जाएगा.
लातेहार में रहा मिला जुला असर: हालांकि बंद का असर लातेहार जिले में मिलाजुला देखा जा रहा है. जिला मुख्यालय के अलावे चंदवा, बालूमाथ, बरियातू, मनिका, बरवाडीह प्रखंडों में बंद का कोई असर नहीं है. यहां जनजीवन पूरी तरह सामान्य है. वाहनों का परिचालन भी सामान्य है. लेकिन जिले के महुआडांड़ और गारू प्रखंड में बंद का असर दिख रहा है. इन प्रखंडों में यात्री वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप रहा. जिससे आम लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ा. वाहनों के परिचालन ठप रहने के कारण बाजार पर भी इसका असर दिखा.
कमजोर हुए माओवादी, पर भय कायम: भाकपा माओवादियों के द्वारा आहूत दो दिवसीय बंद के दौरान महुआडांड़ अनुमंडल के इलाके में जिस प्रकार का माहौल देखा गया, उससे स्पष्ट है कि माओवादी भले ही काफी कमजोर हो गए हैं. लेकिन उनका खौफ क्षेत्र में अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. बूढ़ा पहाड़ के इलाके से माओवादियों के पांव उखड़ने के बाद माओवादी संगठन काफी कमजोर हो गया है. इसके बावजूद लोगों के मन में अभी तक भय का जो आलम है, वह पूरी तरह खत्म नहीं दो पाया है. इस बंद से निपटने के लिए लातेहार एसपी अंजनी अंजन के निर्देश पर सभी थाना क्षेत्रों के पुलिस को पूरी तरह अलर्ट मोड में रखा गया है. पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी भी लगातार गश्त कर रही है.