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अधर में लटका कचरा प्रोसेसिंग प्लांट, विभाग ने नहीं लिया था NOC - Jharkhand news

लातेहार में Garbage Dumping and Processing Plant का निर्माण अधर में लटक गया है. कहा जा रहा है कि विभागीय लापरवाही के कारण पर्यावरण विभाग से एनओसी नहीं लिया गया. जिसके कारण फिलहाल ये योजना अधर में लटक गई है.

Garbage Dumping and Processing Plant
Garbage Dumping and Processing Plant
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Published : Aug 13, 2022, 4:55 PM IST

लातेहार: नगर विकास विभाग के द्वारा लातेहार जिला मुख्यालय में कचरा डंपिंग और प्रोसेसिंग प्लांट (Garbage Dumping and Processing Plant) का निर्माण कराया जा रहा था. लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही इस महत्वपूर्ण योजना पर ग्रहण लग गई है. बताया जा रहा है कि स्थल चयन में लापरवाही की गई. इसी कारण योजना अधर में लटक गई है.

ये भी पढ़ें: एक ODF गांव जहां खुले में शौच जाने को मजबूर ग्रामीण, वजह जान कर रह जाएंगे हैरान


दरअसल लातेहार जिला मुख्यालय से सटे हरखा गांव के पास नगर विकास विभाग (Urban Development Department) के द्वारा कचरा डंपिंग और प्रोसेसिंग प्लांट (Garbage Dumping and Processing Plant) का निर्माण कराया जा रहा था. इस प्लांट के निर्माण में 1 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च भी कर दी गई. लेकिन इसी बीच अचानक इस प्लांट के निर्माण पर रोक लगा दी गई. पहले तो किसी को कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि आखिर अचानक प्लांट निर्माण रुक कैसे गया. हालांकि बाद में पता चला कि पर्यावरण से संबंधित एनओसी नहीं मिलने के कारण निर्माण कार्य रोका गया है.

गांव के बगल में कचरा डंपिंग और प्रोसेसिंग प्लांट निर्माण (Garbage Dumping and Processing Plant) होने का विरोध हरखा गांव के ग्रामीण लगातार कर रहे थे. ग्रामीणों ने इसके विरोध को लेकर कई बार आंदोलन भी किया. कुछ ग्रामीणों को इसके विरोध के कारण जेल की हवा भी खानी पड़ी. इसके बावजूद ग्रामीण प्लांट का विरोध लगातार करते रहे. ग्रामीणों का कहना था कि जहां प्लांट बनाया जा रहा है उसके ठीक बगल में नदी बहती है. प्लांट से कुछ ही दूरी पर स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र भी अवस्थित है. प्लांट के चारों ओर घनी आबादी वाले गांव हैं. ऐसे में इस स्थल पर प्लांट बनाना कहीं से भी उचित नहीं है.

ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट से गांव में प्रदूषण फैल जाएगा और ग्रामीण कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ जाएंगे. गांव के पूर्व पंचायत समिति सदस्य पिंटू कुमार रजक ने बताया कि उन लोगों के द्वारा इस स्थल पर प्लांट निर्माण कराए जाने का लगातार विरोध किया जाता रहा. ग्रामीणों के विरोध की अनदेखी कर और बलपूर्वक यहां प्लांट का निर्माण कराया जा रहा था. यह स्थल किसी भी सूरत में पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से सही नहीं रहने के बावजूद ग्रामीणों की बात सुनी नहीं जा रही थी. लेकिन कुछ समाजसेवियों ने यहां के मामले को हाई लेवल तक उठाया जिसके बाद पता चला कि बिना पर्यावरण विभाग से एनओसी लिए बिना ही निर्माण कार्य आरंभ कर दिया गया था. इसके बाद जब मामला हाइलाइटेड हुआ तो काम को बंद करा दिया गया.

इधर, इस संबंध में पूछने पर लातेहार नगर पंचायत के उपाध्यक्ष नवीन कुमार सिन्हा ने बताया कि पर्यावरण विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण ही प्लांट का निर्माण बंद हो गया है. उन्होंने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में जिला प्रशासन के द्वारा प्लांट निर्माण के लिए एक दूसरा स्थान भी दिया गया है. नए स्थान पर प्लांट निर्माण का कार्य जल्द ही आरंभ किया जाएगा. वहीं इस स्थान पर एनओसी मिलने के बाद प्लांट लगाया जाएगा.

बिना कागजी कार्रवाई पूरी किए ही महत्वकांक्षी कचरा डंपिंग और प्रोसेसिंग प्लांट का कार्य आरंभ कर नगर विकास विभाग ने सरकार के करोड़ो रुपए पानी में बहा दिए. ग्रामीणों के विरोध के बावजूद विभागीय अधिकारी बलपूर्वक प्लांट का निर्माण आरंभ करवा कर एक प्रकार से जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे को बर्बाद कर दिया है. जरूरत इस बात की है कि इस लापरवाही की उच्च स्तरीय जांच की जाए और मामले में जो भी दोषी हो उन्हें दंडित किया जाए.

लातेहार: नगर विकास विभाग के द्वारा लातेहार जिला मुख्यालय में कचरा डंपिंग और प्रोसेसिंग प्लांट (Garbage Dumping and Processing Plant) का निर्माण कराया जा रहा था. लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही इस महत्वपूर्ण योजना पर ग्रहण लग गई है. बताया जा रहा है कि स्थल चयन में लापरवाही की गई. इसी कारण योजना अधर में लटक गई है.

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दरअसल लातेहार जिला मुख्यालय से सटे हरखा गांव के पास नगर विकास विभाग (Urban Development Department) के द्वारा कचरा डंपिंग और प्रोसेसिंग प्लांट (Garbage Dumping and Processing Plant) का निर्माण कराया जा रहा था. इस प्लांट के निर्माण में 1 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च भी कर दी गई. लेकिन इसी बीच अचानक इस प्लांट के निर्माण पर रोक लगा दी गई. पहले तो किसी को कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि आखिर अचानक प्लांट निर्माण रुक कैसे गया. हालांकि बाद में पता चला कि पर्यावरण से संबंधित एनओसी नहीं मिलने के कारण निर्माण कार्य रोका गया है.

गांव के बगल में कचरा डंपिंग और प्रोसेसिंग प्लांट निर्माण (Garbage Dumping and Processing Plant) होने का विरोध हरखा गांव के ग्रामीण लगातार कर रहे थे. ग्रामीणों ने इसके विरोध को लेकर कई बार आंदोलन भी किया. कुछ ग्रामीणों को इसके विरोध के कारण जेल की हवा भी खानी पड़ी. इसके बावजूद ग्रामीण प्लांट का विरोध लगातार करते रहे. ग्रामीणों का कहना था कि जहां प्लांट बनाया जा रहा है उसके ठीक बगल में नदी बहती है. प्लांट से कुछ ही दूरी पर स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र भी अवस्थित है. प्लांट के चारों ओर घनी आबादी वाले गांव हैं. ऐसे में इस स्थल पर प्लांट बनाना कहीं से भी उचित नहीं है.

ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट से गांव में प्रदूषण फैल जाएगा और ग्रामीण कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ जाएंगे. गांव के पूर्व पंचायत समिति सदस्य पिंटू कुमार रजक ने बताया कि उन लोगों के द्वारा इस स्थल पर प्लांट निर्माण कराए जाने का लगातार विरोध किया जाता रहा. ग्रामीणों के विरोध की अनदेखी कर और बलपूर्वक यहां प्लांट का निर्माण कराया जा रहा था. यह स्थल किसी भी सूरत में पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से सही नहीं रहने के बावजूद ग्रामीणों की बात सुनी नहीं जा रही थी. लेकिन कुछ समाजसेवियों ने यहां के मामले को हाई लेवल तक उठाया जिसके बाद पता चला कि बिना पर्यावरण विभाग से एनओसी लिए बिना ही निर्माण कार्य आरंभ कर दिया गया था. इसके बाद जब मामला हाइलाइटेड हुआ तो काम को बंद करा दिया गया.

इधर, इस संबंध में पूछने पर लातेहार नगर पंचायत के उपाध्यक्ष नवीन कुमार सिन्हा ने बताया कि पर्यावरण विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण ही प्लांट का निर्माण बंद हो गया है. उन्होंने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में जिला प्रशासन के द्वारा प्लांट निर्माण के लिए एक दूसरा स्थान भी दिया गया है. नए स्थान पर प्लांट निर्माण का कार्य जल्द ही आरंभ किया जाएगा. वहीं इस स्थान पर एनओसी मिलने के बाद प्लांट लगाया जाएगा.

बिना कागजी कार्रवाई पूरी किए ही महत्वकांक्षी कचरा डंपिंग और प्रोसेसिंग प्लांट का कार्य आरंभ कर नगर विकास विभाग ने सरकार के करोड़ो रुपए पानी में बहा दिए. ग्रामीणों के विरोध के बावजूद विभागीय अधिकारी बलपूर्वक प्लांट का निर्माण आरंभ करवा कर एक प्रकार से जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे को बर्बाद कर दिया है. जरूरत इस बात की है कि इस लापरवाही की उच्च स्तरीय जांच की जाए और मामले में जो भी दोषी हो उन्हें दंडित किया जाए.

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