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17 सालों से पुल का निर्माण अधूरा, बरसात में जान हथेली पर रखकर नदी पार करते है लोग - Jharkhand news

लातेहार के सदर प्रखंड में एक पुल ऐसा है जो पिछले 17 सालों से बन रहा है लेकिन वह अब तक पूरा नहीं हुआ है. पुल के नहीं रहने के कारण लोगों पर भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इनकी समस्या बरसात के दिनों में और बढ़ जाती है.

Construction of bridge incomplete for 17 years
Construction of bridge incomplete for 17 years
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Published : Jul 2, 2023, 6:48 PM IST

Updated : Jul 2, 2023, 7:03 PM IST

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लातेहार: हर गांव को पक्की सड़क और पुल-पुलिया के जरिए से शहर से जोड़ने के सरकारी दावे लातेहार जिले के जारम गांव में दम तोड़ रही है. सदर प्रखंड के जारम गांव के पास बन रहा सुकरी नदी पर पुल पिछले 17 वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है. पुल का निर्माण पूरा नहीं होने के कारण ग्रामीण बुरी तरह परेशान हैं.

ये भी पढ़ें: Khunti News: पुल निर्माण की गुणवत्ता पर ग्रामीणों ने उठाया सवाल, कहा- कब होगा समस्या का समाधान

सुकरी नदी पर पुल नहीं रहने के कारण जारम समेत दर्जनों गांव प्रभावित हो रहे हैं. पुल निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों के द्वारा लगातार प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई. ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए लगभग 17 साल पहले सुकरी नदी पर पुल निर्माण का कार्य आरंभ किया गया. पुल बनता देख ग्रामीण भी काफी उत्साहित थे. लेकिन इसी बीच नक्सलियों के फरमान के कारण पुल का निर्माण रुक गया. उसके बाद से पुल का निर्माण अधर में लटक गया. बाद में नक्सलियों का प्रभाव कम होने और क्षेत्र की स्थिति पूरी तरह सामान्य होने के बाद भी इस पुल का निर्माण शुरू नहीं कराया गया. हालांकि पिछले कई वर्षों से ग्रामीणों के द्वारा लगातार इस पुल के निर्माण कार्य को पूरा करने की मांग की जा रही है.

बरसात में बढ़ जाती है परेशानी: पुल नहीं बनने के कारण जारम, माराबार, ततहा, समेत आधा दर्जन से अधिक गांव के लोगों की बरसात आते ही परेशानी बढ़ जाती है. ग्रामीणों ने बताया कि यह पुल पिछले 17 वर्ष पहले बनना शुरू हुआ था. लेकिन पुल का निर्माण अधूरा ही छोड़ दिया गया. ऐसे में बरसात आने के बाद नदी के उस पार वाले गांव टापू में तब्दील हो जाते हैं. अगर कोई बीमार पड़ गया तो उसका इलाज भी संभव नहीं हो पाता है.

ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों में तो इलाज के अभाव में कई लोगों की मौत हो जाती है. ग्रामीणों ने कहा कि नदी में जब बाढ़ आ जाती है तो इसकी धार काफी तेज होती है. ऐसे में अति आवश्यक होने पर कई बार ग्रामीण नदी को पार करने का प्रयास करते हैं. ऐसे में अब तक कई ग्रामीणों की मौत डूबने से हो चुकी है. ग्रामीणों ने कहा कि यदि सरकार के द्वारा अधूरे पड़े पुल के निर्माण को पूरा करा दिया जाए तो फिर उन्हें कोई अन्य सरकारी योजना मिले या ना मिले. इसका उन्हें कोई मलाल नहीं रहेगा.

मनिका और पलामू को भी जोड़ेगी यह सड़क: स्थानीय ग्रामीणों की माने तो अगर इस सड़क पर पुल का निर्माण हो जाए तो मनिका के एक दर्जन से अधिक गांव के लोगों को भी लातेहार आने जाने में काफी सहूलियत होगी. इसके अलावा इस रास्ते से पलामू के पाकी प्रखंड भी जाने में काफी कम दूरी तय करनी होगी.

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा: सदर प्रखंड के जारम गांव के बगल में ततहा गर्म झरना भी है. जहां नवंबर से लेकर फरवरी के माह में बड़ी संख्या में दूर दूर से लोग आते हैं और यहां के गर्म पानी में नहाते हैं. हालांकि नदी पर पुल नहीं रहने के कारण वाहनों को इस स्थान पर पहुंचने में कठिनाई भी होती है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर नदी पर पुल का निर्माण हो जाए तो यहां का गर्म झरना प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी बन सकता है. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के कारण सुकरी नदी पर बन रहा पुल पिछले 17 वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है. स्थिति यह हो गई है कि अब तो अधिकारी इस पुल के संबंध में कुछ बताने में भी खुद को असमर्थ बताते हैं. जरूरत इस बात की है कि ऐसे अधूरे पड़े पुल को पूरा कराया जाए. ताकि ग्रामीणों का जीवन आसान हो सके.

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लातेहार: हर गांव को पक्की सड़क और पुल-पुलिया के जरिए से शहर से जोड़ने के सरकारी दावे लातेहार जिले के जारम गांव में दम तोड़ रही है. सदर प्रखंड के जारम गांव के पास बन रहा सुकरी नदी पर पुल पिछले 17 वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है. पुल का निर्माण पूरा नहीं होने के कारण ग्रामीण बुरी तरह परेशान हैं.

ये भी पढ़ें: Khunti News: पुल निर्माण की गुणवत्ता पर ग्रामीणों ने उठाया सवाल, कहा- कब होगा समस्या का समाधान

सुकरी नदी पर पुल नहीं रहने के कारण जारम समेत दर्जनों गांव प्रभावित हो रहे हैं. पुल निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों के द्वारा लगातार प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई. ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए लगभग 17 साल पहले सुकरी नदी पर पुल निर्माण का कार्य आरंभ किया गया. पुल बनता देख ग्रामीण भी काफी उत्साहित थे. लेकिन इसी बीच नक्सलियों के फरमान के कारण पुल का निर्माण रुक गया. उसके बाद से पुल का निर्माण अधर में लटक गया. बाद में नक्सलियों का प्रभाव कम होने और क्षेत्र की स्थिति पूरी तरह सामान्य होने के बाद भी इस पुल का निर्माण शुरू नहीं कराया गया. हालांकि पिछले कई वर्षों से ग्रामीणों के द्वारा लगातार इस पुल के निर्माण कार्य को पूरा करने की मांग की जा रही है.

बरसात में बढ़ जाती है परेशानी: पुल नहीं बनने के कारण जारम, माराबार, ततहा, समेत आधा दर्जन से अधिक गांव के लोगों की बरसात आते ही परेशानी बढ़ जाती है. ग्रामीणों ने बताया कि यह पुल पिछले 17 वर्ष पहले बनना शुरू हुआ था. लेकिन पुल का निर्माण अधूरा ही छोड़ दिया गया. ऐसे में बरसात आने के बाद नदी के उस पार वाले गांव टापू में तब्दील हो जाते हैं. अगर कोई बीमार पड़ गया तो उसका इलाज भी संभव नहीं हो पाता है.

ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों में तो इलाज के अभाव में कई लोगों की मौत हो जाती है. ग्रामीणों ने कहा कि नदी में जब बाढ़ आ जाती है तो इसकी धार काफी तेज होती है. ऐसे में अति आवश्यक होने पर कई बार ग्रामीण नदी को पार करने का प्रयास करते हैं. ऐसे में अब तक कई ग्रामीणों की मौत डूबने से हो चुकी है. ग्रामीणों ने कहा कि यदि सरकार के द्वारा अधूरे पड़े पुल के निर्माण को पूरा करा दिया जाए तो फिर उन्हें कोई अन्य सरकारी योजना मिले या ना मिले. इसका उन्हें कोई मलाल नहीं रहेगा.

मनिका और पलामू को भी जोड़ेगी यह सड़क: स्थानीय ग्रामीणों की माने तो अगर इस सड़क पर पुल का निर्माण हो जाए तो मनिका के एक दर्जन से अधिक गांव के लोगों को भी लातेहार आने जाने में काफी सहूलियत होगी. इसके अलावा इस रास्ते से पलामू के पाकी प्रखंड भी जाने में काफी कम दूरी तय करनी होगी.

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा: सदर प्रखंड के जारम गांव के बगल में ततहा गर्म झरना भी है. जहां नवंबर से लेकर फरवरी के माह में बड़ी संख्या में दूर दूर से लोग आते हैं और यहां के गर्म पानी में नहाते हैं. हालांकि नदी पर पुल नहीं रहने के कारण वाहनों को इस स्थान पर पहुंचने में कठिनाई भी होती है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर नदी पर पुल का निर्माण हो जाए तो यहां का गर्म झरना प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी बन सकता है. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के कारण सुकरी नदी पर बन रहा पुल पिछले 17 वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है. स्थिति यह हो गई है कि अब तो अधिकारी इस पुल के संबंध में कुछ बताने में भी खुद को असमर्थ बताते हैं. जरूरत इस बात की है कि ऐसे अधूरे पड़े पुल को पूरा कराया जाए. ताकि ग्रामीणों का जीवन आसान हो सके.

Last Updated : Jul 2, 2023, 7:03 PM IST
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