लातेहारः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि व्यापारियों की सरकार कभी भी गरीबों की सरकार को चलने नहीं देना चाहती है. व्यापारियों की सरकार पिछले कई महीनों से लगातार किसी ना किसी रूप से वर्तमान झारखंड सरकार को अस्थिर करने पर तुली है. लेकिन यह सरकार इतनी मजबूत है कि विरोधियों के मंसूबे सफल नहीं हो पा रहे हैं. मुख्यमंत्री शुक्रवार को लातेहार और गुमला जिला के बॉर्डर पर स्थित टूटूआपानी स्थान पर फील्ड फायरिंग रेंज के आंदोलनकारियों के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आदिवासियों के हितैषी हैं. आदिवासी का बेटा किसी से डरता नहीं है. कोई कितना भी षड्यंत्र कर लें. आदिवासी के बेटे को डरा नहीं सकता है. उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों तक झारखंड में चले डबल इंजन की सरकार ने झारखंड का जो हाल किया है, वह किसी से छुपा नहीं है. झारखंड को लूटने का काम पूर्व की डबल इंजन सरकार ने किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने डबल इंजन की सरकार को खदेड़ते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में महागठबंधन को बहुमत दिया और हम सरकार बनाये तो झारखंड का खजाना खाली था. हमने राज्य का बहीखाता देखा तो पाया कि केंद्र सरकार झारखंड सरकार के लगभग 140000 करोड़ रुपए दबा कर बैठी है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार अपने पैसे केंद्र से मांगने शुरू किया तो तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर झारखंड सरकार को अस्थिर करने का प्रयास (Attempt to destabilize Jharkhand government) किया जाने लगा.
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अपने पिता शिबू सोरेन द्वारा झारखंड के लिए किए गए आंदोलन का भी जिक्र किया और कहा कि मेरे रगों में शिबू सोरेन जैसे आंदोलनकारी का खून है. उन्होंने कहा कि जब हेमंत सोरेन को डरा नहीं सकी तो अब झारखंड के लिए बलिदान देने वाले बुजुर्ग शिबू सोरेन को लोकपाल के माध्यम से डराना चाह रही है. लेकिन विरोधियों को पता नहीं है कि शिबू सोरेन ने डरना सीखा ही नहीं है.
मुख्यमंत्री ने अपने आप को आदिवासियों को सच्चा हितैषी बताते हुए कहा कि आदिवासियों को कभी भी व्यापारियों की सरकार आगे बढ़ने नहीं देना चाहती है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के विकास के लिए कई ऐतिहासिक कमद उठाये है. इसमें फील्ड फायरिंग रेंज भी शामिल है. कार्यक्रम स्थल पर जिला प्रशासन की ओर से विकास मेला और ऋण वितरण शिविर का भी आयोजन किया गया था. मुख्यमंत्री के हाथों आंदोलनकारियों को सम्मानित करने के साथ साथ परिसंपत्तियों का भी वितरण किया गया. वर्तमान राज्य की राजनीति परिदृश्य से अनुमान लगाया जा रहा था कि मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शिरकत नहीं करेंगे. लेकिन निर्धारित समय से लगभग ढाई घंटे की देरी से मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल पहुंचे और फील्ड फायरिंग रेंज के आंदोलनकारियों को सम्मानित किया.