लातेहार: जिले के सदर थाना क्षेत्र के कूड़पानी गांव में आदिम जनजाति समुदाय के एक ही परिवार के तीन लोगों की बाढ़ में डूबने से मौत हो गई. सूचना मिलने के बाद भाजपा की प्रदेश स्तरीय टीम गांव पहुंची. टीम के सदस्यों ने ग्रामीणों से मिलकर उनका हाल जाना और अपनी ओर से आर्थिक मदद भी की. इसके अलावा परिजनों को राहत नहीं मिलने पर हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, शुक्रवार को अचानक बाढ़ आ जाने के कारण आदिम जनजाति समुदाय की एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत नदी के बहाव में बहने से हो गई थी. मृतकों में दासू परहिया, उसकी पत्नी संगीता देवी और 4 साल की बच्ची शामिल थी. घटना की जानकारी मिलने के बाद भाजपा आदिवासी मोर्चा के प्रदेश मंत्री अवधेश सिंह चेरो, मनिका विधानसभा के प्रत्याशी रघुपाल सिंह और जिला 20 सूत्री समिति के पूर्व उपाध्यक्ष राजधानी यादव के नेतृत्व में प्रदेश स्तरीय टीम गांव में पहुंची. टीम के सदस्यों को मृतक के परिजनों और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि घटना के 3 दिन गुजर जाने के बावजूद आज तक जिला प्रशासन के कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मामले की जानकारी लेने गांव तक नहीं पहुंचे हैं.
भाजपा की टीम पहुंची गांव, की मदद
ग्रामीणों ने बताया कि लातेहार प्रखंड विकास पदाधिकारी ने मात्र 5,000 रुपए दाह संस्कार के लिए दिया था. इस सूचना पर टीम के सदस्यों ने कड़ी नाराजगी जताई और इसकी लिखित शिकायत राज्यपाल से करने की बात कही. इस दौरान टीम के सदस्यों ने झामुमो सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद को आदिवासी का हितैषी करार देते हैं लेकिन इतनी बड़ी विपदा आने के बावजूद न तो सरकार ने इस पर कोई एक्शन ली और न ही जिला प्रशासन के पदाधिकारीयों ने ग्रामीणों की सुध ली. टीम के सदस्यों ने मृतक के परिजनों को अपनी ओर से आर्थिक मदद भी की.
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विकास का दिखा सच
भाजपा की टीम जब गांव जाने के लिए रवाना हुई तो उन्हें नदी के रास्ते लगभग 3 किलोमीटर उबड़ खाबड़ रास्ते पर चलना पड़ा. गांव पहुंचने पर उन्हें विकास का आईना भी दिखा. रघुवर दास की सरकार ने जो विकास के दावे किए जा रहे थे उसकी सच्चाई देखकर टीम के सदस्य भी झेप गए.