लातेहार: प्रधानमंत्री आवास योजना को धरातल पर उतारने के मामले में लातेहार जिला राज्य के कई अन्य जिलों से काफी आगे है, लेकिन धरातल पर सच्चाई यह है कि जिन गरीबों को आवास की अधिक जरूरत है. वे आज भी आवास योजना से वंचित हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब पीएम आवास योजना में बेहतर कार्य कर रहे लातेहार जिले की स्थिति यह है तो अन्य जिलों में हालात क्या होंगे?
लातेहार जिले को गरीबी विरासत में मिली है. यहां की 80% से अधिक आबादी गरीबी रेखा से नीचे है. ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों की संख्या भी काफी अधिक है. इस पर सरकार ने आवास योजना के लिए जो नियम बनाएं हैं उसके अनुसार समाज के सबसे गरीब और जरूरतमंद लोगों को प्राथमिकता के क्रम में आवास देना है, लेकिन लातेहार में इस नियम का खुलकर उल्लंघन हो रहा है. जिन गरीबों को आवास की सबसे पहले जरूरत है, उन्हें ही प्राथमिकता क्रम में पीछे डालकर आवास से वंचित कर दिया गया है.
सर्वे में ही हो गई थी गड़बड़ी
दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर सरकार ने वर्ष 2014-15 में कच्चा आवास में रहने वाले लोगों की सर्वे करवायी थी. सर्वे के बाद जो सूची बनाई गई उसी सूची के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लाभुकों को देने का नियम बनाया गया, लेकिन सरकार के द्वारा कराए गए सर्वे में काफी त्रुटी है. क्योंकि सर्वे में मुख्य रूप से उन्हीं लोगों की सूची तैयार की गई जो लोग उस समय गांव में उपस्थित थे. ऐसे में मजदूरी करने या ईंट भट्ठे में काम करने बाहर जाने वाले परिवार इस सर्वे से वंचित रह गए. वे आवास योजना के लाभ से भी छूट गए. वहीं गांव के कुछ दबंग और बिचौलिए किस्म के लोग अपने लाभ के लिए संपन्न लोगों का नाम भी इस सूची में डलवा दिया.
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बरसात आते हैं हो जाती है परेशानी शुरू
कच्चे आवास में रहने वाले गरीबों के लिए गर्मी और ठंड का मौसम तो किसी प्रकार कट जाता है, लेकिन बरसात आते ही वे लोग परेशान हो जाते हैं. इस संबंध में लातेहार के सोतम गांव के ग्रामीण ईश्वर देव ने कहा कि बरसात में उन्हें काफी परेशानी होती है. पानी गिरने लगता है तो किसी तरह सिर छुपाते हैं. वहीं ग्रामीण रजनी देवी ने कहा कि उन्हें आवास की काफी जरूरत है. यदि आवास नहीं बना तो कब उनका घर गिर जाए यह पता नहीं है. वहीं देवनाथ भुइयां ने कहा कि बरसात में काफी डर लगता है कि कब घर गिर जाए. बच्चों को लेकर किसी प्रकार रात गुजारते हैं.
नियम से बंधे हैं अधिकारी
प्रधानमंत्री आवास का आवंटन सरकार के द्वारा जारी सूची के अनुसार ही करना है. सरकारी अधिकारी भी इस नियम से हटकर कुछ नहीं कर पाते हैं. लातेहार प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक ने बताया कि जो सूची बनी हुई है उसी के अनुसार आवास आवंटित होता है. लेकिन उनका प्रयास होता है कि आवास सबसे पहले उसी को मिले जिसे पहले कभी आवास का लाभ नहीं मिला है. इसके लिए वह आवास आवंटन से पहले गांव के मुखिया पंचायत सेवक और स्वयं सेवक से लिखित प्रमाण भी मांगते हैं. ताकि संपन्न लोगों को इसका लाभ न मिल सके.
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सूची से वंचित लोगों को डीसी देंगे आवास
जिन गरीबों का नाम प्रधानमंत्री आवास के लिए बनाए गए सूची में शामिल नहीं है उन्हें डीसी के द्वारा स्वविवेक पर आवास दिया जाएगा. इसके लिए सरकार ने सभी जिले के उपायुक्त को हर साल 200 आवास आवंटित करने की शक्ति दी है. इस संबंध में लातेहार के डीसी जीशान कमर ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता है कि कोई भी गरीब आवास से वंचित न हो. उन्होंने कहा कि सभी गरीबों को निश्चित रूप से आवास मिलेगा. वैसे जिन गरीबों को आवास की अति आवश्यकता है और उनकी सूची में नाम नहीं है. वैसे लाभुकों को वे ऑन स्पॉट आवास योजना का लाभ देंगे.