लातेहार: जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट की बात कोई नई नहीं है. सदर प्रखंड के आरागुंडी में तो गर्मी आते हैं पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है. गांव के तालाब सूख जाते हैं और नदियों में भी सिर्फ बालू रह जाते हैं. ऐसे में पानी के लिए आम लोगों के साथ-साथ जानवर भी भटकते रहते है. लेकिन प्रकृति ने इस गांव में ऐसी कृपा बरसाई कि पानी की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो गई.
दरअसल, लातेहार के आरागुंडी पंचायत में धरती के नीचे कोयले की अकूत भंडार है. पिछले साल सरकार के निर्देश पर धरती के गर्भ में छिपे कोयले के सर्वे के लिए बोरिंग किया जा रहा था. बोरिंग की गहराई जैसे ही 300 फीट से पार हुआ कि वहां से खुद-ब-खुद पानी का फव्वारा फूट पड़ा. पहले तो लोगों को लगा कि एक-दो दिनों के अंदर पानी निकलना बंद हो जाएगा. परंतु समय बीतता गया और पानी का फव्वारा लगातार निकलता रहा.
बता दें कि इस गर्मी में सभी नदी नाले सूख गए हैं, इसके बावजूद यहां से लगातार पानी निकल रहा है. जिस कारण हमेशा यहां आम लोगों की भीड़ लगी रहती है. ग्रामीण मनोज उरांव ने कहा कि कोयला का पता लगाने आए लोगों के द्वारा बोरिंग किए जाने के बाद लगातार पानी का फवारा निकलने लगा है. इससे ग्रामीण लोगों के साथ-साथ मवेशियों को काफी राहत हुई है. वहीं, ग्रामीण सुदर्शन उरांव ने कहा कि यह जल स्रोत गांव के लिए वरदान हो गया है.
आरागुंडी में जिस प्रकार बोरिंग करने के बाद पानी का फव्वारा खुद-ब-खुद निकलने लगा है. उससे यह बात तो तय हो गई है कि लातेहार में भूगर्भ जलस्तर की कमी नहीं है. यदि पानी का प्रबंधन अच्छे ढंग से किए जाए तो जिले में पेयजल संकट पूरी तरह से समाप्त हो सकता हैं.