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आवारा कुत्ता काटे, तो नहीं हो परेशान, लातेहार सदर अस्पताल में इलाज की है पूरी व्यवस्था - Anti rabies is available in Latehar hospitals

राज्य के कई हिस्सों की तरह लातेहार में भी आवारा कुत्तों का आतंक है. इससे आम जनता काफी परेशान रहती है. लेकिन कुत्तों के काटने और उसके इलाज के लिए जिले के सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. लोगों को मुफ्त वैक्सीन की पूरी डोज मिलने से राहत है.

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आवारा कुत्तों का आतंक
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Published : Feb 26, 2021, 3:43 PM IST

लातेहार: आवारा कुत्तों को बस देखने मात्र से कुछ लोग डर जाते हैं. ऐसे में अगर कुत्ता काट ही ले तो उसकी परेशानी और बढ़ जाती है. दर्द के साथ-साथ इलाज की चिंता लोगों को सताने लगती है. लेकिन लातेहार में इसके इलाज का पूरी व्यवस्था है, सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. जिससे लोगों को मुफ्त में एंटी रेबीज वैक्सीन की पूरी डोज मिल जाती है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- बोकारो में एक युवती ने की आत्महत्या, शादी के लिए पैसे नहीं जुटा पाने से थी आहत


अस्पतालों में दोनों तरह के एंटी रेबीज उपलब्ध

राज्य के कई हिस्सों की तरह लातेहार में भी आवारा कुत्तों का आतंक है. जहां कूड़ा कचरे के ढेर होते है, वहां कुत्तों का जमावड़ा भी लगा रहता है. ऐसे में लोगों को आवारा कुत्तों से हमेशा भय बना रहता है. जिसकी वजह से अक्सर लोग आवारा कुत्तों के शिकार हो जाते हैं. ऐसे में गरीब तबके के लोग इलाज के लिए परेशान हो जाते हैं. लेकिन लातेहार जिले के लिए एक राहत की बात यह है कि यहां के सरकारी अस्पतालों में दोनों प्रकार के एंटी रेबीज वैक्सीन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है.

अविलंब उपचार जरूरी

सदर अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर हरेंद्र चंद्र महतो ने बताया कि कुत्ते के काटने से रेबीज नामक बीमारी होती है. यदि किसी को यह बीमारी हो गई तो फिर उसका कोई इलाज नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचने के लिए सावधानी की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यदि किसी को कुत्ते ने काट लिया हो तो तत्काल जख्मी स्थान पर एंटीसेप्टिक लोशन से साफ सफाई कर वहां एंटीसेप्टिक मरहम लगाना चाहिए. उसके बाद बिना कोई देर किए अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचकर इलाज करवाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अस्पताल में जख्मी भाग का प्रॉपर ड्रेसिंग किया जाता है उसके बाद बनाए गए शेड्यूल के अनुसार एंटी रेबीज वैक्सीन का इंजेक्शन दिया जाता है. इससे रेबीज होने की संभावना बिल्कुल खत्म हो जाती है.

हर साल 5000 लोग होते है अवारा कुत्तों के शिकार

जिले में हर साल लगभग 5000 लोग कुत्ते के काटने की वजह से शिकार हो जाते हैं. लातेहार सिविल सर्जन डॉक्टर संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि लातेहार जिले के सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में डॉग बाइट उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिले में लगभग 8000 वैक्सीन उपलब्ध है. जिसमें दोनों प्रकार के एंटी रेबीज वैक्सीन है. सरकारी अस्पतालों में भले ही बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध ना हो. लेकिन यहां एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध रहने से गरीब लोगों को काफी राहत पहुंचती है.

लातेहार: आवारा कुत्तों को बस देखने मात्र से कुछ लोग डर जाते हैं. ऐसे में अगर कुत्ता काट ही ले तो उसकी परेशानी और बढ़ जाती है. दर्द के साथ-साथ इलाज की चिंता लोगों को सताने लगती है. लेकिन लातेहार में इसके इलाज का पूरी व्यवस्था है, सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. जिससे लोगों को मुफ्त में एंटी रेबीज वैक्सीन की पूरी डोज मिल जाती है.

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अस्पतालों में दोनों तरह के एंटी रेबीज उपलब्ध

राज्य के कई हिस्सों की तरह लातेहार में भी आवारा कुत्तों का आतंक है. जहां कूड़ा कचरे के ढेर होते है, वहां कुत्तों का जमावड़ा भी लगा रहता है. ऐसे में लोगों को आवारा कुत्तों से हमेशा भय बना रहता है. जिसकी वजह से अक्सर लोग आवारा कुत्तों के शिकार हो जाते हैं. ऐसे में गरीब तबके के लोग इलाज के लिए परेशान हो जाते हैं. लेकिन लातेहार जिले के लिए एक राहत की बात यह है कि यहां के सरकारी अस्पतालों में दोनों प्रकार के एंटी रेबीज वैक्सीन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है.

अविलंब उपचार जरूरी

सदर अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर हरेंद्र चंद्र महतो ने बताया कि कुत्ते के काटने से रेबीज नामक बीमारी होती है. यदि किसी को यह बीमारी हो गई तो फिर उसका कोई इलाज नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचने के लिए सावधानी की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यदि किसी को कुत्ते ने काट लिया हो तो तत्काल जख्मी स्थान पर एंटीसेप्टिक लोशन से साफ सफाई कर वहां एंटीसेप्टिक मरहम लगाना चाहिए. उसके बाद बिना कोई देर किए अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचकर इलाज करवाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अस्पताल में जख्मी भाग का प्रॉपर ड्रेसिंग किया जाता है उसके बाद बनाए गए शेड्यूल के अनुसार एंटी रेबीज वैक्सीन का इंजेक्शन दिया जाता है. इससे रेबीज होने की संभावना बिल्कुल खत्म हो जाती है.

हर साल 5000 लोग होते है अवारा कुत्तों के शिकार

जिले में हर साल लगभग 5000 लोग कुत्ते के काटने की वजह से शिकार हो जाते हैं. लातेहार सिविल सर्जन डॉक्टर संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि लातेहार जिले के सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में डॉग बाइट उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिले में लगभग 8000 वैक्सीन उपलब्ध है. जिसमें दोनों प्रकार के एंटी रेबीज वैक्सीन है. सरकारी अस्पतालों में भले ही बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध ना हो. लेकिन यहां एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध रहने से गरीब लोगों को काफी राहत पहुंचती है.

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