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लातेहार के इस गांव में छुपा है प्राचीन इतिहास, खुदाई करने पर मिलती है कलाकृतियों से सुसज्जित पत्थर

लातेहार के रूद्र मूर्तियां गांव (Rudra Murtiyan Village) में कई प्राचीन इतिहास छुपा है. इस गांव की पहचान वन शक्ति देवी मंदिर (Van Shakti Devi Temple) से है. वन शक्ति देवी मां की मूर्ति रूद्र मूर्तियां गांव में ही मिली थी. मंदिर निर्माण के समय खुदाई के दौरान कई प्राचीन कलाकृतियों से सुसज्जित बड़े पैमाने पर पत्थर मिले हैं, जो मंदिर निर्माण में लगाया है. इस गांव की पहचान आज पूरे झारखंड समेत कई राज्यों में होने लगी है.

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Published : Jul 12, 2021, 11:00 PM IST

Updated : Jul 13, 2021, 7:13 PM IST

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वन शक्ति देवी मंदिर

लातेहार: सौंदर्यता से परिपूर्ण लातेहार में कई ऐसे गांव हैं, जहां कई इतिहास छुपा है. जिले के चंदवा प्रखंड (Chandwa Block) में एनएच 75 पर स्थित रूद्र मूर्तियां गांव (Rudra Murtiyan Village) की पहचान वन शक्ति देवी मंदिर (Van Shakti Devi Temple) से है. बताया जाता है कि वन शक्ति देवी मां की मूर्ति इसी गांव में मिली थी. जिस स्थान पर मूर्ति मिली थी, उस स्थान पर स्थानीय लोगों ने मंदिर बनवाने का संकल्प लिया. जब मंदिर बनाने के लिए जमीन की खुदाई की जाने लगी तो वहां से कई प्राचीन कलाकृतियों से सुसज्जित बड़े पैमाने पर पत्थर मिलने लगे. उन्हीं पत्थरों से पूरे मंदिर का निर्माण करवाया गया है. खुदाई के दौरान कई मूर्तियां भी मिली थी, जिसका प्रमाण आज भी है.

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3000 वर्ष पुराना है रूद्र गांव का इतिहास


बताया जाता है कि इस गांव का इतिहास लगभग 3000 साल पुराना है. पलामू के गजट में इस गांव का उल्लेख भी मिलता है. वन शक्ति देवी मंदिर के पुजारी जितेंद्र पाठक ने बताया कि पलामू के गजट में इस मंदिर और इस गांव का स्पष्ट रूप से उल्लेख है. उन्होंने कहा कि मंदिर और आसपास के जमीन के अंदर कई प्राचीन इतिहास छुपा हुआ है.

देखें वीडियो
ग्रामीण भी देते हैं प्रमाणवहीं ग्रामीण सर्वेश उरांव ने कहा कि इस गांव में जो मंदिर बना है, उसमें जितने भी पत्थर लगे हैं, वह उसी स्थान पर खुदाई से मिला है. उन्होंने बताया कि गांव का इतिहास बुजुर्ग काफी बेहतर तरीके से बताते हैं. वहीं ग्राम प्रधान भोलाराम ने बताया कि गांव में मंदिर के पास जब खुदाई हो रही थी, तो वहां बड़े पैमाने पर प्राचीन पत्थर और कुछ गुंबज भी मिले थे. उन्होंने कहा कि अभी भी यहां बड़ी संख्या में मूर्तियां और कलाकृतियां दबी हुई हो सकती है, यदि खुदाई हो तो बहुत कुछ मिल सकता है.
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प्राचीन कलाकृतियों से सुसज्जित पत्थर


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धीरे-धीरे विख्यात होता जा रहा रूद्र मूर्तियां गांव
साल 2004 से पहले इस स्थान को काफी कम लोग जानते थे, लेकिन साल 2004 में जब यहां मंदिर की स्थापना शुरू हुई तो धीरे-धीरे गांव की पहचान भी बढ़ने लगी. धरती के गर्भ से मिले पत्थरों से मंदिर का निर्माण करवाया गया है. मंदिर में धरती के नीचे से ही मिली मूर्ति की स्थापना की गई है. वन शक्ति देवी मंदिर के कारण अब गांव की पहचान भी बढ़ने लगी है. वर्तमान समय में गांव में तीन मंदिर का निर्माण हो चुका है, जहां प्रतिदिन भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.

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खुदाई के दौरान मिला प्राचीन पत्थर



रांची लातेहार मुख्य मार्ग पर स्थित है रूद्र मूर्तियां गांव
रूद्र मूर्तिया गांव लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड में स्थित है. इस गांव में लगभग 100 परिवार निवास रहते हैं, जो विभिन्न जातियों के हैं. गांव के सभी लोग हर दिन मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं और मंदिर का देखरेख भी करते हैं.

लातेहार: सौंदर्यता से परिपूर्ण लातेहार में कई ऐसे गांव हैं, जहां कई इतिहास छुपा है. जिले के चंदवा प्रखंड (Chandwa Block) में एनएच 75 पर स्थित रूद्र मूर्तियां गांव (Rudra Murtiyan Village) की पहचान वन शक्ति देवी मंदिर (Van Shakti Devi Temple) से है. बताया जाता है कि वन शक्ति देवी मां की मूर्ति इसी गांव में मिली थी. जिस स्थान पर मूर्ति मिली थी, उस स्थान पर स्थानीय लोगों ने मंदिर बनवाने का संकल्प लिया. जब मंदिर बनाने के लिए जमीन की खुदाई की जाने लगी तो वहां से कई प्राचीन कलाकृतियों से सुसज्जित बड़े पैमाने पर पत्थर मिलने लगे. उन्हीं पत्थरों से पूरे मंदिर का निर्माण करवाया गया है. खुदाई के दौरान कई मूर्तियां भी मिली थी, जिसका प्रमाण आज भी है.

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3000 वर्ष पुराना है रूद्र गांव का इतिहास


बताया जाता है कि इस गांव का इतिहास लगभग 3000 साल पुराना है. पलामू के गजट में इस गांव का उल्लेख भी मिलता है. वन शक्ति देवी मंदिर के पुजारी जितेंद्र पाठक ने बताया कि पलामू के गजट में इस मंदिर और इस गांव का स्पष्ट रूप से उल्लेख है. उन्होंने कहा कि मंदिर और आसपास के जमीन के अंदर कई प्राचीन इतिहास छुपा हुआ है.

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ग्रामीण भी देते हैं प्रमाणवहीं ग्रामीण सर्वेश उरांव ने कहा कि इस गांव में जो मंदिर बना है, उसमें जितने भी पत्थर लगे हैं, वह उसी स्थान पर खुदाई से मिला है. उन्होंने बताया कि गांव का इतिहास बुजुर्ग काफी बेहतर तरीके से बताते हैं. वहीं ग्राम प्रधान भोलाराम ने बताया कि गांव में मंदिर के पास जब खुदाई हो रही थी, तो वहां बड़े पैमाने पर प्राचीन पत्थर और कुछ गुंबज भी मिले थे. उन्होंने कहा कि अभी भी यहां बड़ी संख्या में मूर्तियां और कलाकृतियां दबी हुई हो सकती है, यदि खुदाई हो तो बहुत कुछ मिल सकता है.
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प्राचीन कलाकृतियों से सुसज्जित पत्थर


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धीरे-धीरे विख्यात होता जा रहा रूद्र मूर्तियां गांव
साल 2004 से पहले इस स्थान को काफी कम लोग जानते थे, लेकिन साल 2004 में जब यहां मंदिर की स्थापना शुरू हुई तो धीरे-धीरे गांव की पहचान भी बढ़ने लगी. धरती के गर्भ से मिले पत्थरों से मंदिर का निर्माण करवाया गया है. मंदिर में धरती के नीचे से ही मिली मूर्ति की स्थापना की गई है. वन शक्ति देवी मंदिर के कारण अब गांव की पहचान भी बढ़ने लगी है. वर्तमान समय में गांव में तीन मंदिर का निर्माण हो चुका है, जहां प्रतिदिन भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.

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खुदाई के दौरान मिला प्राचीन पत्थर



रांची लातेहार मुख्य मार्ग पर स्थित है रूद्र मूर्तियां गांव
रूद्र मूर्तिया गांव लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड में स्थित है. इस गांव में लगभग 100 परिवार निवास रहते हैं, जो विभिन्न जातियों के हैं. गांव के सभी लोग हर दिन मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं और मंदिर का देखरेख भी करते हैं.

Last Updated : Jul 13, 2021, 7:13 PM IST
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