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तमिलनाडु में बंधक बन कर मजदूरी कर रहे थे लातेहार के 3 बच्चे, प्रशासन की सक्रियता से हुए मुक्त - लातेहार के 3 बाल मजदूर तमिलनाडु में बंधक

लातेहार जिला प्रशासन को बड़ी सफलता हाथ लगी है. दरअसल, बीते फरवरी महीने से जिले के तीन बच्चे गायब हो गए थे. लेकिन जिला प्रशासन की सक्रियता के कारण तीनों बच्चों को सकुशल मुक्त करा कर घर वापस ले आया गया है.

administration rescued three child laborers in latehar
लातेहार के 3 बाल मजदूरों को प्रशासन ने छुड़ाया
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Published : Dec 24, 2020, 5:05 PM IST

लातेहार: गरीबी और बेरोजगारी जिले की दूसरी पहचान है. ऐसे में रोजगार की तलाश में बाहरी राज्यों में यहां के लोगों का पलायन लगातार जारी रहता है. गरीबी के कारण यहां के बच्चे भी पलायन करने को मजबूर होते हैं. लेकिन कई बार पलायन करने वाले बच्चे बड़ी मुसीबत में फंस जाते हैं. कुछ ऐसी ही घटना लातेहार जिले के 3 बाल मजदूरों के साथ घटी. रोजगार की तलाश में गए तीनों बच्चों को तमिलनाडु के मदुरई में ठेकेदार की ओर से बंधक बना लिया गया था. हालांकि, जिला प्रशासन की सक्रियता के कारण तीनों बच्चों को सकुशल मुक्त करा कर घर वापस ले आया गया.

देखें पूरी खबर

क्या है मामला

दरअसल, तीनों बच्चों को स्थानीय दलाल की ओर से प्लास्टिक फैक्ट्री में काम दिलवाने के नाम पर बीते फरवरी महीने में ही चेन्नई ले जाया गया था. लेकिन जिस ठेकेदार के पास बच्चों को भेजा गया था, उस ठेकेदार की मौत हो गई. ऐसे में बच्चों को चेन्नई का ही दूसरा ठेकेदार बंधक बनाकर पोल्ट्री फॉर्म में काम करने ले गया. बच्चों ने घर आने की जिद की, तो उनका मोबाइल और आधार कार्ड भी ले लिया गया था. बच्चों के जाने के 10 महीने बाद भी जब बच्चों का कोई सुराग नहीं मिला, तो परिजनों ने इसकी सूचना सरकार और जिला प्रशासन को दी.

ये भी पढ़ें-बाबूलाल मरांडी ने दी हेमंत सोरेन को सलाह, कहा- सीएम को विकास की गति तेज करने की जरूरत

सूचना के बाद प्रशासन हुआ तत्पर

बच्चों के गायब होने की सूचना मिलने के बाद झारखंड सरकार के मंत्री चंपई सोरेन ने ट्वीट कर लातेहार जिला प्रशासन को इस मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया. इसके बाद लातेहार डीसी अबू इमरान अपने स्तर से मामले की छानबीन आरंभ किया. डीसी ने चेन्नई और मदुरई के डीएम से बात कर बच्चों के संबंध में जानकारी दी और उन्हें मुक्त कराने की अपील की. वहीं लातेहार सीडब्ल्यूसी के साथ भी समन्वय बनाकर बच्चों को मुक्त कराने का प्रयास आरंभ किया गया. सीडब्ल्यूसी और जिला प्रशासन की संयुक्त प्रयास से तीनों बच्चों को मुक्त करा लिया गया. गुरुवार को तीनों बच्चे लातेहार पहुंच गए.

लातेहार: गरीबी और बेरोजगारी जिले की दूसरी पहचान है. ऐसे में रोजगार की तलाश में बाहरी राज्यों में यहां के लोगों का पलायन लगातार जारी रहता है. गरीबी के कारण यहां के बच्चे भी पलायन करने को मजबूर होते हैं. लेकिन कई बार पलायन करने वाले बच्चे बड़ी मुसीबत में फंस जाते हैं. कुछ ऐसी ही घटना लातेहार जिले के 3 बाल मजदूरों के साथ घटी. रोजगार की तलाश में गए तीनों बच्चों को तमिलनाडु के मदुरई में ठेकेदार की ओर से बंधक बना लिया गया था. हालांकि, जिला प्रशासन की सक्रियता के कारण तीनों बच्चों को सकुशल मुक्त करा कर घर वापस ले आया गया.

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क्या है मामला

दरअसल, तीनों बच्चों को स्थानीय दलाल की ओर से प्लास्टिक फैक्ट्री में काम दिलवाने के नाम पर बीते फरवरी महीने में ही चेन्नई ले जाया गया था. लेकिन जिस ठेकेदार के पास बच्चों को भेजा गया था, उस ठेकेदार की मौत हो गई. ऐसे में बच्चों को चेन्नई का ही दूसरा ठेकेदार बंधक बनाकर पोल्ट्री फॉर्म में काम करने ले गया. बच्चों ने घर आने की जिद की, तो उनका मोबाइल और आधार कार्ड भी ले लिया गया था. बच्चों के जाने के 10 महीने बाद भी जब बच्चों का कोई सुराग नहीं मिला, तो परिजनों ने इसकी सूचना सरकार और जिला प्रशासन को दी.

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सूचना के बाद प्रशासन हुआ तत्पर

बच्चों के गायब होने की सूचना मिलने के बाद झारखंड सरकार के मंत्री चंपई सोरेन ने ट्वीट कर लातेहार जिला प्रशासन को इस मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया. इसके बाद लातेहार डीसी अबू इमरान अपने स्तर से मामले की छानबीन आरंभ किया. डीसी ने चेन्नई और मदुरई के डीएम से बात कर बच्चों के संबंध में जानकारी दी और उन्हें मुक्त कराने की अपील की. वहीं लातेहार सीडब्ल्यूसी के साथ भी समन्वय बनाकर बच्चों को मुक्त कराने का प्रयास आरंभ किया गया. सीडब्ल्यूसी और जिला प्रशासन की संयुक्त प्रयास से तीनों बच्चों को मुक्त करा लिया गया. गुरुवार को तीनों बच्चे लातेहार पहुंच गए.

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