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कोडरमा में महुआ फूल चुनने गए लोगों ने जंगल में लगाई आग, कई पेड़ जलकर खाक - महुआ फूल

कोडरमा में मरकच्चो थाना क्षेत्र के सिमरिया में अज्ञात लोगों ने महुआ फूल चुनने के लिए सूखे पत्तों में आग लगा दी. इस आग में कई पेड़ जलकर खाक हो गया. मामले की सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी मरकच्चो थाना को दी, जिसके बाद थाना प्रभारी नीतीश कुमार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के सहयोग से आग पर काबू पाया.

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जंगल में आग
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Published : Apr 2, 2021, 1:44 AM IST

कोडरमा: गर्मी आते ही जंगलों में आग लगने की घटना सामने आने लगती है, जिससे भारी नुकसान होता है. 3 दिन पहले बरियारडीह जंगल में आग लगने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है, कि गुरुवार को मरकच्चो थाना क्षेत्र के सिमरिया में अज्ञात लोगों ने महुआ फूल चुनने के लिए सूखे पत्तों में आग लगा दी, जिसने विकराल रूप ले लिया. इस आग में कई पेड़ जलकर खाक हो गया. मामले की सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी मरकच्चो थाना को दी, जिसके बाद थाना प्रभारी नीतीश कुमार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के सहयोग से आग पर काबू पाया.

इसे भी पढ़ें: अचानक धू-धू कर जल उठा ट्रांसफॉर्मर, कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पाया गया काबू

गर्मी की तपिश बढ़ते ही जंगलों में आग लगने का मामला सामने आने लगा है. अप्रैल और मई में जंगलों में भीषण आग लगती है. यह सिलसिला वर्षों से बदस्तूर जारी है. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों की अपनी अलग दलील है, लेकिन सच्चाई यह है कि जंगलों में आग लगने से पेड़-पौधे तो नष्ट होते ही हैं, इसके साथ-साथ वन्य जीवों पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ता है. अब तक जंगलों में आग लगने की घटना को रोकने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई है.

कोडरमा: गर्मी आते ही जंगलों में आग लगने की घटना सामने आने लगती है, जिससे भारी नुकसान होता है. 3 दिन पहले बरियारडीह जंगल में आग लगने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है, कि गुरुवार को मरकच्चो थाना क्षेत्र के सिमरिया में अज्ञात लोगों ने महुआ फूल चुनने के लिए सूखे पत्तों में आग लगा दी, जिसने विकराल रूप ले लिया. इस आग में कई पेड़ जलकर खाक हो गया. मामले की सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी मरकच्चो थाना को दी, जिसके बाद थाना प्रभारी नीतीश कुमार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के सहयोग से आग पर काबू पाया.

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गर्मी की तपिश बढ़ते ही जंगलों में आग लगने का मामला सामने आने लगा है. अप्रैल और मई में जंगलों में भीषण आग लगती है. यह सिलसिला वर्षों से बदस्तूर जारी है. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों की अपनी अलग दलील है, लेकिन सच्चाई यह है कि जंगलों में आग लगने से पेड़-पौधे तो नष्ट होते ही हैं, इसके साथ-साथ वन्य जीवों पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ता है. अब तक जंगलों में आग लगने की घटना को रोकने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई है.

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