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कोडरमा में कौमी एकता की मिसाल, अजान और भजन से कायम है सांप्रदायिक सौहाद्र - Gajhandi Railway Colony

कोडरमा के गझण्डी में मंदिर और मस्जिस आसपास है, जो कौमी एकता की मिसाल है. प्रत्येक शाम जब मंदिर में आरती की घंटी बजती है, तो उसी समय मस्जिद से नमाज की आवाज आती है. आरती की घंटी और नमाज की आवाज लोगों को सुखद अनुभव दिलाता है

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कोडरमा में कौमी एकता की मिसाल
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Published : Aug 2, 2021, 5:05 PM IST

कोडरमा: देश में मंदिर-मस्जिद के नाम पर लोग एक-दूसरे को मारने मरने पर उतारू हो जाते हैं. लेकिन, कोडरमा के गझण्डी में मंदिर और मस्जिद आसपास स्थित है, जो कौमी एकता की मिसाल है. अजान और भजन से सांप्रदायिक सौहार्द भी कायम है.

यह भी पढ़ेंःपानी की जद्दोजहद के कारण नहीं होती कुवारों की शादी, चुआं खोदकर प्यास बुझाते हैं ग्रामीण

गझण्डी रेलवे कॉलोनी के बीचोबीच स्थित मंदिर और मस्जिद है, जो यहां से गुजरने वाले लोगों को काफी आकर्षित करता है. इतना ही नहीं, जो लोग गझण्डी आते हैं, वह मंदिर-मस्जिद के पास जरूर आते हैं. मंदिर परिसर से मस्जिद का नजारा और मस्जिद के गुंबद से मंदिर का नजारा अपने आप में अनोखा है, जो काफी कम जगह दिखता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

साथ होती है आरती और नमाज

प्रत्येक शाम जब मंदिर में आरती की घंटी बजती है, तो उसी समय मस्जिद से नमाज की आवाज आती है. आरती की घंटी और नमाज की आवाज लोगों को सुखद अनुभव दिलाता है. हालांकि, वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण के कारण मंदिर और मस्जिद में लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है.

सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल

स्थानीय निवासी सुदर्शन यादव ने बताया कि दशकों से दोनों समुदायों के लोगों के बीच एकजुटता और सौहार्द बनी हुई हैं. दोनों समुदायों के लोग एक-दूसरे के सुख दुख में शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द्र की यह मिसाल पूरे देश में जानी चाहिए. रेलकर्मी मुकेश कुमार ने बताया कि मंदिर और मस्जिद के निकट रहने से दोनों धर्मों के नजदीक होने का एहसास होता है. उन्होंने कहा कि जब मंदिर की घंटी और मस्जिद से नमाज की आवाज कानों में जाती है, तो सुकून मिलता है.

कोडरमा: देश में मंदिर-मस्जिद के नाम पर लोग एक-दूसरे को मारने मरने पर उतारू हो जाते हैं. लेकिन, कोडरमा के गझण्डी में मंदिर और मस्जिद आसपास स्थित है, जो कौमी एकता की मिसाल है. अजान और भजन से सांप्रदायिक सौहार्द भी कायम है.

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गझण्डी रेलवे कॉलोनी के बीचोबीच स्थित मंदिर और मस्जिद है, जो यहां से गुजरने वाले लोगों को काफी आकर्षित करता है. इतना ही नहीं, जो लोग गझण्डी आते हैं, वह मंदिर-मस्जिद के पास जरूर आते हैं. मंदिर परिसर से मस्जिद का नजारा और मस्जिद के गुंबद से मंदिर का नजारा अपने आप में अनोखा है, जो काफी कम जगह दिखता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

साथ होती है आरती और नमाज

प्रत्येक शाम जब मंदिर में आरती की घंटी बजती है, तो उसी समय मस्जिद से नमाज की आवाज आती है. आरती की घंटी और नमाज की आवाज लोगों को सुखद अनुभव दिलाता है. हालांकि, वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण के कारण मंदिर और मस्जिद में लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है.

सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल

स्थानीय निवासी सुदर्शन यादव ने बताया कि दशकों से दोनों समुदायों के लोगों के बीच एकजुटता और सौहार्द बनी हुई हैं. दोनों समुदायों के लोग एक-दूसरे के सुख दुख में शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द्र की यह मिसाल पूरे देश में जानी चाहिए. रेलकर्मी मुकेश कुमार ने बताया कि मंदिर और मस्जिद के निकट रहने से दोनों धर्मों के नजदीक होने का एहसास होता है. उन्होंने कहा कि जब मंदिर की घंटी और मस्जिद से नमाज की आवाज कानों में जाती है, तो सुकून मिलता है.

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