कोडरमा: पूरे देश में बिजली को लेकर हाहाकार मचा है. वहीं, कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के पास भी बिजली उत्पादन के लिए महज 10 दिनों का ही कोयला स्टॉक बचा हुआ है. अप्रैल महीने के शुरुआत से ही जहां बिजली का लोड बढ़ गया है. वहीं, जरूरत के हिसाब से कोडरमा थर्मल पावर प्लांट तक नियमित रूप से कोयला नहीं पहुंच पा रहा है. बुधवार को जहां कोडरमा पावर प्लांट को महज एक रैक कोयले की सप्लाई की गई. वहीं, गुरुवार को 5 रैक कोयला भेजी गई.
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फिलहाल, कोयले की कमी को देखते हुए दो यूनिट वाले इस पावर प्लांट की क्षमता से 50-50 मेगावाट कम बिजली का उत्पादन हो रहा है. सरकारी नियमों के अनुसार पावर प्लांट के पास बिजली उत्पादन के लिए 21 दिनों का कोयला का स्टॉक होना चाहिए, जो महज 10 दिनों का है. इस पावर प्लांट को चलाने के लिए प्रतिदिन 14 हजार मीट्रिक टन कोयले की आवश्यकता होती है.
कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के मुख्य अभियंता एनके चौधरी ने बताया कि अप्रैल महीने में 97 रैक कोयला इस पावर प्लांट तक पहुंचा है, जबकि 130 रैक कोयले की आपूर्ति होनी चाहिए थी. कम आपूर्ति के कारण प्लांट में स्टॉक किए गए कोयले में कमी आई है और फिलहाल 9 से 10 दिनों का ही स्टॉक प्लांट के पास बचा हुआ है, जो कोयला आ रहा है उससे सिर्फ बिजली उत्पादन हो पा रहा है और स्टॉक कम होता जा रहा है.