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Sainik School Foundation Day: सैनिक स्कूल के गोल्डन जुबली समारोह में पहुंचे राज्यपाल, 60 साल के इतिहास को बताया गौरवशाली

सैनिक स्कूल के 60वें स्थापना दिवस के अवसर पर झारखंड के राज्यपाल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस दौरान स्कूल के पूर्व छात्रों ने भी शिरकत कर अपने अनुभवों को साझा किया.

Sainik School Foundation Day
सैनिक स्कूल के 60वें स्थापना दिवस के अवसर पर झारखंड के राज्यपाल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 16, 2023, 6:32 PM IST

Updated : Sep 16, 2023, 8:09 PM IST

सैनिक स्कूल के 60वें स्थापना दिवस पर झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन शामिल हुए

कोडरमा: देश के सबसे बड़े और राज्य के एकमात्र सैनिक स्कूल तिलैया का 60वां स्थापना दिवस डायमंड जुबली के रूप में शनिवार (16 सितंबर) को मनाया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राज्पाल सीपी राधाकृष्णन पहुंचे. मौके पर बड़ी संख्या में स्कूल के एक्स स्टूडेंट भी मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें: Koderma News: सैनिक स्कूल के शिक्षक मनोरंजन पाठक को मिलेगा राष्ट्रपति पदक, उत्कृष्ट सेवा के लिए होंगे सम्मानित

देश और राज्य का गौरव बताया: कोडरमा के सैनिक स्कूल तिलैया को बने आज 60 साल पूरे हो गए हैं. इन 60 सालों में सैनिक स्कूल ने देश को रक्षा के अलावे विभिन्न क्षेत्रों में अनगिनत कैडेटों को निखारने का कार्य किया है. स्कूल के डायमंड जुबली समारोह में पहुंचे राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने भी स्कूल को देश और राज्य का गौरव बताया. साथ ही कैडेटों को भविष्य की शुभकामनाएं दी. भारत चीन युद्ध के बाद देश में सैनिक स्कूल की परिकल्पना तैयार की गई थी. 1963 में कोडरमा के तिलैया में सैनिक स्कूल की स्थापना की गई. सैनिक स्कूल अपने 60 साल के गौरवमई इतिहास को समेटे हुए है.

स्कूल के पूर्व छात्रों ने क्या कहा: स्कूल के डायमंड जुबली समारोह में पहुंचे बिहार में डीजी के पद पर पदस्थापित और स्कूल के एक्स स्टूडेंट ए के अंबेडकर ने कहा कि 60 सालों में स्कूल की आधारभूत संरचनाओं में बदलाव जरूर आया है. आज भी यह स्कूल देश के लिए रक्षा के क्षेत्र में कैडेटों को तैयार कर अग्रणी भूमिका निभा रहा है. वहीं आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. रमन ने कहा कि काफी सालों के बाद आज इस स्कूल में आकर पुरानी यादें ताजा हो गईं हैं. उन्होंने कहा कि 60 सालों के इतिहास में इस स्कूल ने देश को अनगिनत हीरे दिए हैं.

कार्यक्रम में पहुंचे 1975 बैच के कैडेट और वर्तमान में मेजर जनरल मनोज कुमार ने बताया कि आधारभूत संरचनाओं में बदलाव भले ही आया हो, लेकिन आज भी इस स्कूल में कैडेट के चरित्र निर्माण में किसी तरह का बदलाव नहीं आया है. उन्होंने कहा कि आज भी उसी जज्बे के साथ कैडेट, देश रक्षा के लिए प्रेरित हो रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल एसके झा ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत कर अपने पुराने दिनों को याद किया और स्कूल में बिताए अपने अनुभव को साझा किया.

तिलईयन्स को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि: गोल्डन जुबली समारोह को लेकर स्कूल में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. आकर्षक परेड का निरीक्षण करने के बाद राज्यपाल ने परेड की सलामी भी ली. राष्ट्रगान के साथ शुरू हुआ यह कार्यक्रम तकरीबन तीन घंटे तक चला. इस दौरान सेना के जवानों के द्वारा एयर शो भी दिखाया गया. वहीं रामगढ़ कैंट के जवानों ने आकर्षक और देशभक्ति धुनों से कार्यक्रम को यादगार बनाया. कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने शहीद तिलईयन्स को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

सैनिक स्कूल के 60वें स्थापना दिवस पर झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन शामिल हुए

कोडरमा: देश के सबसे बड़े और राज्य के एकमात्र सैनिक स्कूल तिलैया का 60वां स्थापना दिवस डायमंड जुबली के रूप में शनिवार (16 सितंबर) को मनाया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राज्पाल सीपी राधाकृष्णन पहुंचे. मौके पर बड़ी संख्या में स्कूल के एक्स स्टूडेंट भी मौजूद रहे.

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देश और राज्य का गौरव बताया: कोडरमा के सैनिक स्कूल तिलैया को बने आज 60 साल पूरे हो गए हैं. इन 60 सालों में सैनिक स्कूल ने देश को रक्षा के अलावे विभिन्न क्षेत्रों में अनगिनत कैडेटों को निखारने का कार्य किया है. स्कूल के डायमंड जुबली समारोह में पहुंचे राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने भी स्कूल को देश और राज्य का गौरव बताया. साथ ही कैडेटों को भविष्य की शुभकामनाएं दी. भारत चीन युद्ध के बाद देश में सैनिक स्कूल की परिकल्पना तैयार की गई थी. 1963 में कोडरमा के तिलैया में सैनिक स्कूल की स्थापना की गई. सैनिक स्कूल अपने 60 साल के गौरवमई इतिहास को समेटे हुए है.

स्कूल के पूर्व छात्रों ने क्या कहा: स्कूल के डायमंड जुबली समारोह में पहुंचे बिहार में डीजी के पद पर पदस्थापित और स्कूल के एक्स स्टूडेंट ए के अंबेडकर ने कहा कि 60 सालों में स्कूल की आधारभूत संरचनाओं में बदलाव जरूर आया है. आज भी यह स्कूल देश के लिए रक्षा के क्षेत्र में कैडेटों को तैयार कर अग्रणी भूमिका निभा रहा है. वहीं आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. रमन ने कहा कि काफी सालों के बाद आज इस स्कूल में आकर पुरानी यादें ताजा हो गईं हैं. उन्होंने कहा कि 60 सालों के इतिहास में इस स्कूल ने देश को अनगिनत हीरे दिए हैं.

कार्यक्रम में पहुंचे 1975 बैच के कैडेट और वर्तमान में मेजर जनरल मनोज कुमार ने बताया कि आधारभूत संरचनाओं में बदलाव भले ही आया हो, लेकिन आज भी इस स्कूल में कैडेट के चरित्र निर्माण में किसी तरह का बदलाव नहीं आया है. उन्होंने कहा कि आज भी उसी जज्बे के साथ कैडेट, देश रक्षा के लिए प्रेरित हो रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल एसके झा ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत कर अपने पुराने दिनों को याद किया और स्कूल में बिताए अपने अनुभव को साझा किया.

तिलईयन्स को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि: गोल्डन जुबली समारोह को लेकर स्कूल में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. आकर्षक परेड का निरीक्षण करने के बाद राज्यपाल ने परेड की सलामी भी ली. राष्ट्रगान के साथ शुरू हुआ यह कार्यक्रम तकरीबन तीन घंटे तक चला. इस दौरान सेना के जवानों के द्वारा एयर शो भी दिखाया गया. वहीं रामगढ़ कैंट के जवानों ने आकर्षक और देशभक्ति धुनों से कार्यक्रम को यादगार बनाया. कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने शहीद तिलईयन्स को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

Last Updated : Sep 16, 2023, 8:09 PM IST
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