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ईटीवी भारत पर बोले बरकट्ठा से RJD उम्मीदवार खालिद खलील, पलायन रोकना पहली प्राथमिकता - assembly elections 2019

RJD ने बरकट्ठा विधानसभा सीट से खालिद खलील को अपना उम्मीदवार बनाया है. लगातार जनसंपर्क अभियान के सहारे खालिद खलील बरकट्ठा की जनता का समर्थन जुटाने की कोशिश में लगे हैं.

बरकट्ठा से RJD उम्मीदवार खालिद खलील
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Published : Nov 20, 2019, 12:47 PM IST

कोडरमा: JVM के केंद्रीय महासचिव रहे खालिद खलील ने RJD का दामन थाम लिया है. RJD ने खालिद खलील पर भरोसा जताते हुए उन्हें बरकट्ठा से अपना उम्मीदवार बनाया है. अब वो बरकट्ठा की जनता की अदालत में हैं और लगातार जनसंपर्क अभियान के सहारे बरकट्ठा की जनता का समर्थन जुटाने की जुगत में लगे हैं. ईटीवी भारत ने खालिद खलील से उनके चुनावी मुद्दों को लेकर बातचीत की.

वीडियो में देखें पूरा इंटरव्यू

खालिद खलील ने इशारों ही इशारों में JVM सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी पर कई आरोप लगा डाले. खालिद खलील ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने महागठबंधन का साथ छोड़कर बड़ी गलती कर दी. लगातार JVM विपक्ष की भूमिका में रहा और सड़क से लेकर सदन तक बीजेपी का विरोध किया. जब जनता की अदालत में न्याय मांगने का वक्त आया तो बाबूलाल ने कहीं न कही महागठबंधन का साथ छोड़कर अच्छा नहीं किया. खालिद खलील ने कहा कि झारखंड की मौजूदा रघुवर सरकार भ्रष्ट्राचार में लिप्त है.

ये भी पढ़ें- जमशेदपुर पूर्वी सीट पर रघुवर-सरयू के बीच घुसे ओवैसी, सिख को बनाया उम्मीदवार

सरकार अडानी, अंबानी के इशारों पर काम कर रही है. झारखंड की खनिज संपदाओं को लूटा जा रहा है और इन सबका विरोध होना चाहिए. महागठबंधन में वो ताकत है जो झारखंड की बीजेपी सरकार को उखाड़ सकती है. इसलिए उन्होंने JVM का साथ छोड़कर RJD का दामन थामा. खालिद खलील ने बताया कि युवाओं का पलायन रोकना उनकी पहली प्राथमिकता होगी.

गौरतलब है कि खालिद खलील लगातार 14 सालों से JVM में वरिष्ठ पदों पर रहे और बाबूलाल के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्य करते रहे. इस विधानसभा चुनाव में भी खालिद खलील बाबूलाल मरांडी के साथ चुनावी कैम्पेन में लगे थे और स्टार प्रचारक की भूमिका में कार्य कर रहे थे. खालिद खलील की तमन्ना थी कि वो महगामा से चुनाव लड़ें, लेकिन बाबूलाल मरांडी ने खालिद खलील को टिकट नहीं दिया. यही वजह रही कि बाबूलाल से 14 साल पुरानी दोस्ती में दरार पड़ गई.

खालिद खलील की मुस्लिम वोटरों में अच्छी पकड़ है और JVM को माइनॉरिटी वोटरों का वोट बैंक भी माना जाता है. ऐसे में बरकट्ठा विधानसभा में यादव और मुस्लिम वोटरों की संख्या अच्छी खासी है. यादव वोट को RJD अपना वोट बैंक मानती है. इसी समीकरण के सहारे खालिद खलील बरकट्ठा विधानसभा से चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा की बरकट्ठा की जनता खालिद खलील पर कितना विश्वास जता पाती है.

कोडरमा: JVM के केंद्रीय महासचिव रहे खालिद खलील ने RJD का दामन थाम लिया है. RJD ने खालिद खलील पर भरोसा जताते हुए उन्हें बरकट्ठा से अपना उम्मीदवार बनाया है. अब वो बरकट्ठा की जनता की अदालत में हैं और लगातार जनसंपर्क अभियान के सहारे बरकट्ठा की जनता का समर्थन जुटाने की जुगत में लगे हैं. ईटीवी भारत ने खालिद खलील से उनके चुनावी मुद्दों को लेकर बातचीत की.

वीडियो में देखें पूरा इंटरव्यू

खालिद खलील ने इशारों ही इशारों में JVM सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी पर कई आरोप लगा डाले. खालिद खलील ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने महागठबंधन का साथ छोड़कर बड़ी गलती कर दी. लगातार JVM विपक्ष की भूमिका में रहा और सड़क से लेकर सदन तक बीजेपी का विरोध किया. जब जनता की अदालत में न्याय मांगने का वक्त आया तो बाबूलाल ने कहीं न कही महागठबंधन का साथ छोड़कर अच्छा नहीं किया. खालिद खलील ने कहा कि झारखंड की मौजूदा रघुवर सरकार भ्रष्ट्राचार में लिप्त है.

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सरकार अडानी, अंबानी के इशारों पर काम कर रही है. झारखंड की खनिज संपदाओं को लूटा जा रहा है और इन सबका विरोध होना चाहिए. महागठबंधन में वो ताकत है जो झारखंड की बीजेपी सरकार को उखाड़ सकती है. इसलिए उन्होंने JVM का साथ छोड़कर RJD का दामन थामा. खालिद खलील ने बताया कि युवाओं का पलायन रोकना उनकी पहली प्राथमिकता होगी.

गौरतलब है कि खालिद खलील लगातार 14 सालों से JVM में वरिष्ठ पदों पर रहे और बाबूलाल के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्य करते रहे. इस विधानसभा चुनाव में भी खालिद खलील बाबूलाल मरांडी के साथ चुनावी कैम्पेन में लगे थे और स्टार प्रचारक की भूमिका में कार्य कर रहे थे. खालिद खलील की तमन्ना थी कि वो महगामा से चुनाव लड़ें, लेकिन बाबूलाल मरांडी ने खालिद खलील को टिकट नहीं दिया. यही वजह रही कि बाबूलाल से 14 साल पुरानी दोस्ती में दरार पड़ गई.

खालिद खलील की मुस्लिम वोटरों में अच्छी पकड़ है और JVM को माइनॉरिटी वोटरों का वोट बैंक भी माना जाता है. ऐसे में बरकट्ठा विधानसभा में यादव और मुस्लिम वोटरों की संख्या अच्छी खासी है. यादव वोट को RJD अपना वोट बैंक मानती है. इसी समीकरण के सहारे खालिद खलील बरकट्ठा विधानसभा से चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा की बरकट्ठा की जनता खालिद खलील पर कितना विश्वास जता पाती है.

Intro:JVM के केंद्रीय महासचिव रहे खालिद खलील ने RJD का दामन थाम लिया हैं और RJD ने खालिद खलील पर भरोसा जताते हुए उसे बरकट्ठा से अपना उम्मीदवार बनाया हैं । अब वे बरकट्ठा की जनता की अदालत में हैं और लगातार जनसंपर्क अभियान के सहारे बरकट्ठा की जनता का समर्थन जुटाने की जुगत में लगे हैं ।खालिद खलील से खास बातचीत की हमारे ईटीवी कोडरमा संबाददाता भोला शंकर ने ।


Body:खालिद खलील ने इशारों ही इशारों में jvm सुप्रीमों बाबूलाल मरांडी पर कई आरोप लगा डाले ।खालिद खलील ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने महागठबंधन का साथ छोड़ बड़ी गलती कर दी । लगातार jvm विपक्ष की भूमिका में रही और सड़क से लेकर सदन तक बीजेपी का विरोध किया और जब जनता की अदालत में न्याय माँगने का वक्त आया तो बाबूलाल ने कहीं न कही महागठबंधन का साथ छोड़ अच्छा नहीं किया ।खालिद खलील ने कहा कि आज झारखंड की रघुवर सरकार भरस्टाचार में लिप्त हैं सरकार अडानी अम्बानी के इशारों पर काम कर रही हैं , झारखंड के खनिज संपदाओं को लूटा जा रहा हैं और इन सबका विरोध होना चाहिए था और महागठबंधन में वे ताकत हैं जो झारखंड की बीजेपी सरकार को उखाड़ सकती हैं ।इसलिए उन्होंने JVM का साथ छोड़ RJD का दामन थामा और बरकट्ठा की जनता की अदालत में जाने का फैशला लिया ।खालिद खलील से पूछे जाने पर की क्या वे किन मुद्दों को लेकर बरकट्ठा की जनता के पास जाएंगे तो उन्होंने बताया कि युवाओं का पलायन रोकना उनकी पहली प्राथमिकता होगी ।


Conclusion:गौरतलब है कि खालिद खलील लगातार 14 वर्षो JVM पार्टी में वरिष्ट पदों पर रहे और बाबूलाल के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्य करते रहे ।इस विधानसभा चुनाव में भी खालिद खलील बाबूलाल मरांडी के साथ चुनावी कैम्पेन में लगे थे और स्टार प्रचारक की भूमिका में कार्य कर रहें थे और खालिद खलील की तमन्ना थी कि वे महगावां से चुनाव लड़े लेकिन बाबूलाल मरांडी ने खालिद खलील को टिकट नहीं दिया और यही वजय रही कि बाबूलाल से 14 वर्षो पुरानी दोस्ती में दरार पड़ गयी और खालिद खलील ने JVM का दामन छोड़ दिया । खालिद खलील खलील की मुस्लिम वोटरों पर अच्छी पकड़ हैं और JVM को माइनॉरिटी वोटरों का वोट बैंक भी माना जाता हैं ऐसे में बरकट्ठा विधासभा में यादव और मुश्लिम वोटरों की संख्या अच्छी खासी हैं और यादव वोट को RJD अपना वोट बैंक मानती है इसी समीकरण के सहारे खालिद खलील बरकट्ठा विधानसभा से चुनावी मैदान में है ऐसे में देखना दिलचस्प होगा की बरकट्ठा की जनता खालिद खलील पर कितना विश्वास जता पाती है ।
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