कोडरमा: JVM के केंद्रीय महासचिव रहे खालिद खलील ने RJD का दामन थाम लिया है. RJD ने खालिद खलील पर भरोसा जताते हुए उन्हें बरकट्ठा से अपना उम्मीदवार बनाया है. अब वो बरकट्ठा की जनता की अदालत में हैं और लगातार जनसंपर्क अभियान के सहारे बरकट्ठा की जनता का समर्थन जुटाने की जुगत में लगे हैं. ईटीवी भारत ने खालिद खलील से उनके चुनावी मुद्दों को लेकर बातचीत की.
खालिद खलील ने इशारों ही इशारों में JVM सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी पर कई आरोप लगा डाले. खालिद खलील ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने महागठबंधन का साथ छोड़कर बड़ी गलती कर दी. लगातार JVM विपक्ष की भूमिका में रहा और सड़क से लेकर सदन तक बीजेपी का विरोध किया. जब जनता की अदालत में न्याय मांगने का वक्त आया तो बाबूलाल ने कहीं न कही महागठबंधन का साथ छोड़कर अच्छा नहीं किया. खालिद खलील ने कहा कि झारखंड की मौजूदा रघुवर सरकार भ्रष्ट्राचार में लिप्त है.
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सरकार अडानी, अंबानी के इशारों पर काम कर रही है. झारखंड की खनिज संपदाओं को लूटा जा रहा है और इन सबका विरोध होना चाहिए. महागठबंधन में वो ताकत है जो झारखंड की बीजेपी सरकार को उखाड़ सकती है. इसलिए उन्होंने JVM का साथ छोड़कर RJD का दामन थामा. खालिद खलील ने बताया कि युवाओं का पलायन रोकना उनकी पहली प्राथमिकता होगी.
गौरतलब है कि खालिद खलील लगातार 14 सालों से JVM में वरिष्ठ पदों पर रहे और बाबूलाल के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्य करते रहे. इस विधानसभा चुनाव में भी खालिद खलील बाबूलाल मरांडी के साथ चुनावी कैम्पेन में लगे थे और स्टार प्रचारक की भूमिका में कार्य कर रहे थे. खालिद खलील की तमन्ना थी कि वो महगामा से चुनाव लड़ें, लेकिन बाबूलाल मरांडी ने खालिद खलील को टिकट नहीं दिया. यही वजह रही कि बाबूलाल से 14 साल पुरानी दोस्ती में दरार पड़ गई.
खालिद खलील की मुस्लिम वोटरों में अच्छी पकड़ है और JVM को माइनॉरिटी वोटरों का वोट बैंक भी माना जाता है. ऐसे में बरकट्ठा विधानसभा में यादव और मुस्लिम वोटरों की संख्या अच्छी खासी है. यादव वोट को RJD अपना वोट बैंक मानती है. इसी समीकरण के सहारे खालिद खलील बरकट्ठा विधानसभा से चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा की बरकट्ठा की जनता खालिद खलील पर कितना विश्वास जता पाती है.