कोडरमा: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यव्यापी आह्वान पर करोना महामारी की दूसरी लहर में देश की भयावह स्थिति और हजारों लोगों की हो रही मौत को देखते हुए माकपा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर घरों के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सभी को फ्री वैक्सीन, दवा, बेड और ऑक्सीजन मुहैया कराने की मांग की. साथ ही कोरोना काल तक आयकर दायरे से बाहर के परिवारों के खाते में 7500 रुपये प्रति, माह प्रति सदस्य 10 किलो अनाज देने की मांग रखी.
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इस अवसर पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय पासवान ने कहा कि देश में कोरोना महामारी अप्रत्याशित रूप से मानवीय संकट का रूप ले चुकी है. केंद्र की ओर से जो कदम उठाया जाना था उसमें सरकार फेल रही. मोदी सरकार किसी अन्य निरंकुश और सत्तावादी शासक की तरह ही लोगों को राहत प्रदान करने के बजाय दिल्ली में नया संसद भवन सेंट्रल विस्टा के निर्माण के लिए अधिक चिंतित हैं. जब रोम जल रहा था, तो नीरो बांसुरी बजा रहा था की कहावत चरितार्थ हो रही है, कि जब हजारों लोग मर रहे हैं, तब मोदी अपने महल और एक नए संसद भवन के लिए व्यस्त हैं.
यहां लगाएं पैसे
महामारी से निपटने में पूरी तरह से नाकाम रहने के मामले में मोदी सरकार की पूरी दुनिया में आलोचना होने के बावजूद एक बेकार परियोजना पर पैसे बर्बाद किए जा रहे हैं. जब कोरोना नियंत्रण में था, तब क्रेडिट मोदी जी ले रहे थे, आज जब महामारी विनाशक हो गई है, हजारों लोग मर रहे हैं, तब राज्य सरकारों पर थोप दिया है. देश की जनता यह देख रही है. सीपीएम के जिला सचिव असीम सरकार ने मांग की कि केंद्र के स्तर पर वैश्विक और घरेलू सभी उपलब्ध स्रोतों से टीकों की खरीद की जाए. तत्काल पूरे देश में सभी के लिए मुफ्त टीकाकरण की गारंटी कर टीकों के घरेलू निर्माण को बढ़ाने के लिए जरूरी लाइसेंस दिए जाएं, बजट में आवंटित 35 हजार करोड़ रुपये टीके के लिए खर्च किए जाएं, सेंट्रल विस्टा परियोजना की राशि को ऑक्सीजन और टीके की खरीद में लगाया जाय.