कोडरमा: बैंक अधिकारी बनकर लोगों से ठगी करने वाले साइबर गिरोह के एक अपराधी को कोडरमा पुलिस(Koderma Police) ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने पकड़े गए साइबर अपराधी(cyber criminal) के पास से एक थंब इंप्रेशन स्कैनर मशीन, 4 मोबाइल, विभिन्न बैंकों के 108 एटीएम कार्ड और अलग-अलग बैंकों के 10 पासबुक बरामद किए हैं.
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पकड़ा गया साइबर अपराधी(cyber criminal) जुलकर अंसारी दुमका जिले के काठीकुंड का रहने वाला बताया जाता है. जानकारी के मुताबिक वह अपने दो साथी सरफराज अंसारी और साहिल अंसारी के साथ मिलकर ठगी को अंजाम देता था. वह फोन पर लोगों से बैंक अधिकारी बन कर बात किया करता था और खाता अपडेट करने या फिर एटीएम अपग्रेडेशन के नाम पर लोगों से ठगी किया करता था. फिलहाल पुलिस पकड़े गए साइबर अपराधी जुलकर अंसारी से पूछताछ कर रही है. एसडीपीओ अशोक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि तिलैया थाना क्षेत्र के बिशुनपुर रोड निवासी रामदेव यादव से इन लोगों ने बैंक अधिकारी बनकर 90,000 की ठगी की थी. चार अलग-अलग मोबाइल से रामदेव यादव को फोन किए गए थे. इस बाबत तिलैया थाने में मामला दर्ज किया गया था.
एक अन्य की तलाश में पुलिस कर रही छापेमारी
एसडीपीओ ने बताया कि गिरफ्तार लोग ठगी का पैसा अपने मामा लालमुद्दीन अंसारी और प्रकाश सिंह के खाते में मंगाकर आपस में बंटवारा किया करते थे. ठगी के मामले को लेकर गठित टीम और तकनीकी शाखा की मदद से अप्राथमिक अभियुक्त जुलकर अंसारी को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है. पुलिस साइबर गिरोह के दो अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही है.
छोटी सावधानियां अपना कर ठगी से बचें
पिछले कुछ सालों में देश में साइबर क्राइम के मामलों में जबरदस्त उछाल आया है. इसके बारे में कहा जा रहा है कि जब लगातार सभी चीजें ऑनलाइन हो रही हैं तो जाहिए है कि साइबर क्राइम में भी इजाफा होगा. ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल पेमेंट भुगतान में लोगों को साथ बहुत फ्रॉड हो रहा है. आए दिन साइबर क्राइम के बारे में सुनने को मिलता रहता है. लेकिन आप छोटी-छोटी सावधानी बरतकर साइबर अपराधियों के झांसे में आने से बच सकते हैं. अगर आप किसी ठगी का भी शिकार हो गए हैं तो इसकी शिकायत कैसे की जाए और कहां की जाए ये भी जानना जरूरी है.
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सतर्क रहें, जागरूक रहें
साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए जरूरी है की हम जागरूक और सतर्क रहें. ये भी जरूरी है कि हम हम अपनी निजी जानकारी किसी के साथ भी साझा न करें. जैसे अपने बैंकिंग पासवर्ड, एटीएम या फोन बैंकिंग पिन, कार्ड का सीवीवी नंबर, समाप्ति तिथि. इसके अलावा आसान पासवर्ड एवं पासवर्ड रिकवरी सेटिंग में ऐसे प्रश्नों को सम्मिलित भी नहीं करना चाहिए. अगर किसी के साथ साइबर अपराध हो जाए, तो उसे तत्काल हेल्पलाइन नंबर एवं साइबर अपराध सेल में शिकायत दर्ज करानी चाहिए.