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1 फरवरी को पेश होगा देश का आम बजट, जानिए कोडरमा के लोगों की राय

1 फरवरी को देश का आम बजट पेश होने वाला है. इस बजट से हर वर्ग को उम्मीद है. ऐसे में कोडरमा के लोगों ने भी आम बजट पर अपनी राय दी है.

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Published : Jan 28, 2020, 10:38 AM IST

Updated : Jan 28, 2020, 12:43 PM IST

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कोडरमा: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी. 2020-21 के आम बजट से हर वर्ग के लोगों को काफी उम्मीदें हैं. कैसा होना चाहिए बजट ये जानने की कोशिश की ईटीवी भारत संवाददाता भोला शंकर सिंह ने.

देखें पूरी खबर

टैक्सपेयर को विशेष सुविधा की उम्मीद
आम बजट को लेकर लोगों का मानना है कि आम बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखा जाना चाहिए. इनकम टैक्स प्रैक्टिशनर प्रदीप इसारिया की माने तो एक अच्छे टैक्सपेयर को कुछ सुविधाएं मिलनी चाहिए. अच्छे टैक्सपेयर को रेलवे में टिकट कन्फर्मेशन की सुविधा, एम्स जैसे संस्थानों में एमरजेंसी एडमिशन की सुविधाएं मिलनी चाहिए. प्रदीप इसारिया मानते हैं कि इस तरह की सुविधा लोगों को मिलती है तो लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा और लोग ज्यादा से ज्यादा टैक्स देंगे. उन्हें इस बात की उम्मीद है कि इस बार के बजट में एक अच्छे टैक्सपेयर को कुछ विशेष सुविधा मिलेगी.

ये भी पढ़ें- हेमंत सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार आज, JMM के 5 मंत्री लेंगे शपथ, कांग्रेस में संशय बरकरार

जीएसटी-महंगाई पर ध्यान दे सरकार
वहीं, व्यवसायी संजय अग्रवाल की माने तो सरकार को इस आम बजट में जीएसटी को थोड़ा सरल करना चाहिए. उन्होंने बताया कि कहीं जीएसटी 5% हैं तो किसी चीज में जीएसटी 28% है. कोई व्यापारी 100 रुपया में 5 रुपया कमा रहा है तो कोई व्यपारी 100 रुपया में 28 रुपया टैक्स दे रहा है. इस आम बजट से व्यवसाई वर्ग के लोगों को उम्मीद है कि यह आम बजट मिडिल क्लास को ध्यान में रखकर पेश किया जाना चाहिए. वहीं, गृहणी नीता तरवे मानती हैं कि घर चलाने की जिम्मेवारी गृहणी की होती है, इसलिए खाने-पीने के सामानों पर महंगाई न बढ़े.

छोटे व्यवसायियों पर ध्यान दे सरकार
व्यवसाई महेश दारूका की माने तो इस आम बजट में सरकार को छोटे व्यवसायियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए. छोटे व्यवसायियों को कम ब्याज दर पर लोन की सुविधाएं मिलनी चाहिए. जहां बड़े पैमाने पर उद्योग चल रहे हैं, वैसे क्षेत्र को औद्योगिक नगरी का दर्जा मिलना चाहिए. इधर, छात्रों का मानना है कि छोटे-छोटे शहरों में पढ़ाई की व्यवस्था अच्छी नहीं है. इसलिए छोटे-छोटे शहरों में ऑनलाइन क्लासेज को जीएसटी फ्री करनी चाहिए. ताकि छात्र घर बैठे ऑनलाइन क्लासेज से एजुकेशन प्राप्त कर सके. इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक गैजेट पर भी टैक्स कम करनी चाहिए ताकि छात्रों को पढ़ाई के लिए लैपटॉप और कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट खरीदने में सुविधा हो.

कोडरमा: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी. 2020-21 के आम बजट से हर वर्ग के लोगों को काफी उम्मीदें हैं. कैसा होना चाहिए बजट ये जानने की कोशिश की ईटीवी भारत संवाददाता भोला शंकर सिंह ने.

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टैक्सपेयर को विशेष सुविधा की उम्मीद
आम बजट को लेकर लोगों का मानना है कि आम बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखा जाना चाहिए. इनकम टैक्स प्रैक्टिशनर प्रदीप इसारिया की माने तो एक अच्छे टैक्सपेयर को कुछ सुविधाएं मिलनी चाहिए. अच्छे टैक्सपेयर को रेलवे में टिकट कन्फर्मेशन की सुविधा, एम्स जैसे संस्थानों में एमरजेंसी एडमिशन की सुविधाएं मिलनी चाहिए. प्रदीप इसारिया मानते हैं कि इस तरह की सुविधा लोगों को मिलती है तो लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा और लोग ज्यादा से ज्यादा टैक्स देंगे. उन्हें इस बात की उम्मीद है कि इस बार के बजट में एक अच्छे टैक्सपेयर को कुछ विशेष सुविधा मिलेगी.

ये भी पढ़ें- हेमंत सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार आज, JMM के 5 मंत्री लेंगे शपथ, कांग्रेस में संशय बरकरार

जीएसटी-महंगाई पर ध्यान दे सरकार
वहीं, व्यवसायी संजय अग्रवाल की माने तो सरकार को इस आम बजट में जीएसटी को थोड़ा सरल करना चाहिए. उन्होंने बताया कि कहीं जीएसटी 5% हैं तो किसी चीज में जीएसटी 28% है. कोई व्यापारी 100 रुपया में 5 रुपया कमा रहा है तो कोई व्यपारी 100 रुपया में 28 रुपया टैक्स दे रहा है. इस आम बजट से व्यवसाई वर्ग के लोगों को उम्मीद है कि यह आम बजट मिडिल क्लास को ध्यान में रखकर पेश किया जाना चाहिए. वहीं, गृहणी नीता तरवे मानती हैं कि घर चलाने की जिम्मेवारी गृहणी की होती है, इसलिए खाने-पीने के सामानों पर महंगाई न बढ़े.

छोटे व्यवसायियों पर ध्यान दे सरकार
व्यवसाई महेश दारूका की माने तो इस आम बजट में सरकार को छोटे व्यवसायियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए. छोटे व्यवसायियों को कम ब्याज दर पर लोन की सुविधाएं मिलनी चाहिए. जहां बड़े पैमाने पर उद्योग चल रहे हैं, वैसे क्षेत्र को औद्योगिक नगरी का दर्जा मिलना चाहिए. इधर, छात्रों का मानना है कि छोटे-छोटे शहरों में पढ़ाई की व्यवस्था अच्छी नहीं है. इसलिए छोटे-छोटे शहरों में ऑनलाइन क्लासेज को जीएसटी फ्री करनी चाहिए. ताकि छात्र घर बैठे ऑनलाइन क्लासेज से एजुकेशन प्राप्त कर सके. इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक गैजेट पर भी टैक्स कम करनी चाहिए ताकि छात्रों को पढ़ाई के लिए लैपटॉप और कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट खरीदने में सुविधा हो.

Intro:देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम वजट पेश करेंगी । 2020-21 की आम बजट से लोगों को काफी कुछ उम्मीदें हैं । कैसा होना चाहिए आम वजट जानने की कोशिश की ईटीवी भारत संबाददाता भोला शंकर ने ।


Body:आम बजट को लेकर लोग काफी आशान्वित हैं लोगों का मानना हैं कि आम बजट में सभी वर्गों के लोगों का ख्याल रखा जाए ।इनकम टैक्स प्रैक्टिशनर प्रदीप इसारिया की माने तो एक अच्छे टैक्स पेयर को कुछ सुविधाएं मिलनी चाहिए ,अच्छे टैक्स पेयर को रेलवे में टिकट कन्फर्ममेंशन की सुविधा,एम्स जैसे संस्थानों में एमेजेटली एडमिशन की सुविधाएं मिलनी चाहिए ।प्रदीप इसारिया मानते हैं कि इस तरह की सुविधा लोगों को मिलती हैं तो लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा और लोग ज्यादा से ज्यादा टैक्स देंगे ।और उन्हें इस बात की उम्मीद हैं कि इस बार के बजट में एक अच्छे टैक्स पेयर को कुछ विशेष सुविधा मिलेगी ।

वही व्यवसायी संजय अग्रवाल की माने तो सरकार को इस आम बजट में जीएसटी को थोड़ा सरल करना चाहिए ,उन्होंने बताया कि कहीं जीएसटी 5% हैं तो किसी चीज में जीएसटी 28% हैं ।कोई व्यपारी 100 रुपया में 5 रुपया कमा रहा हैं तो कोई व्यपारी 100 रुपया में 28 रुपया टैक्स दे रहा हैं । इस आम बजट में व्यवसाई वर्ग के लोगों को उम्मीद है कि यह आम बजट मिडिल क्लास को ध्यान में रखकर पेश किया जाए ।

वही गृहिणी नीता तरवे मानती है कि घर चलाने की जिम्मेवारी गृहिणी की ही होती है इसलिए खाने-पीने के सामानों पर महंगाई ना बढ़े इस बात का ख्याल रखा जाएगा । इस बजट में गृहिणियों को उम्मीदें हैं कि इस बजट में गृहिणियों को राहत मिलेगी ।

आगामी आम बजट से व्यवसाई वर्गों को काफी कुछ उम्मीदें हैं व्यवसाई महेश दारूका की माने तो इस आम बजट में सरकार को छोटे व्यवसायियों पर विशेष ध्यान देने चाहिए ,छोटे व्यवसायियों को कम ब्याज दर पर लोन की सुविधाएं मिलनी चाहिए । जहां बड़े पैमाने पर उद्योग चल रहे हैं वैसे क्षेत्र को औद्योगिक नगरी का दर्जा मिलनी चाहिए । रियल सेक्टर में छोटे व्यवसायियों को सरलीकरण तरीके से होम लोन की सुविधा मिलनी चाहिए।

इस आम बजट से छात्रों को भी काफी कुछ उम्मीदें हैं । छात्र मानते हैं कि छोटे-छोटे शहरों में पढ़ाई की व्यवस्था अच्छी नहीं है इसलिए छोटे-छोटे शहरों में ऑनलाइन क्लासेज को जीएसटी फ्री करनी चाहिए ताकि छात्र घर बैठे ऑनलाइन क्लासेज से एजुकेशन प्राप्त कर सके । इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक गजट पर भी टैक्स कम करनी चाहिए ताकि छात्रों को पढ़ाई के लिए लैपटॉप और कई इलेक्ट्रॉनिक गजट खरीदने में सुविधा हो ।




Conclusion:आगामी आम बजट से हर वर्ग के लोगों को कुछ ना कुछ उम्मीदें हैं । हर वर्ग के लोगों ने बजट पर अपनी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसा बजट पेश हो ताकि हर वर्ग के लोगों का ख्याल रखा जाए। आम बजट में हर वर्ग के लोगों को रियायत मिलनी चाहिए साथ ही खाने-पीने के सामानों पर महंगाई ना बढ़े इस बात का भी ख्याल रखा जाए । ऐसे में 2020-21 का आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा ।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन आम बजट पेश करेंगी । देश में सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना वित्त मंत्री के समक्ष एक बड़ी चुनौती होगी
Last Updated : Jan 28, 2020, 12:43 PM IST
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