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कोडरमा में बिजली कटौती से लोग परेशान, बच्चों की पढ़ाई से लेकर पेयजलापूर्ति हो रही बाधित - कोडरमा न्यूज

कोडरमा में बिजली कटौती से लोग लगातार परेशान हैं. बिजली कटौती से घरों में पानी की किल्लत के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि शहर को 25 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है जबकि कुछ तकनीकी खराबी के कारण सिर्फ 22 मेगावाट ही बिजली मिल पा रही है.

People upset due to power cuts in Koderma
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Published : Apr 9, 2021, 2:58 PM IST

कोडरमा: एक तरफ जहां लोग कोरोना से परेशान हैं, तो वहीं दूसरी ओर जिले में लगातार हो रही बिजली कटौती ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है. पिछले कुछ हफ्तों से 10 से 12 घंटे तक बिजली गायब है जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि बिजली कटौती होने से घरों में पानी की किल्लत के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. वहीं, व्यवसायियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-ETV BHARAT IMPCAT: खबर प्रकाशित होने के 24 घंटे के अंदर गांव में लगा नया ट्रांसफार्मर, लोगों ने ईटीवी भारत को दिया धन्यवाद

बिजली कटौती के कारण सेवाएं बाधित

लोगों की माने तो बिजली कटौती ने वे काफी परेशान हैं. बिजली कटौती के कारण जलापूर्ति भी बाधित रहती है. जहां कोरोना के कारण बच्चों का स्कूल बंद है, तो वहीं बच्चों की पढ़ाई भी बिजली कटौती के कारण बाधित हो रही है. इधर, बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रणव तिवारी ने बताया कि शहर को 25 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है जबकि कुछ तकनीकी खराबी के कारण सिर्फ 22 मेगावाट ही बिजली मिल पा रही है जिसके कारण लोड शेडिंग करनी पड़ती है.

ठंड की अपेक्षा गर्मी में बिजली की खपत ज्यादा

वहीं, उन्होंने बताया कि मोरियामा से गौशाला तक कम क्षमता के डॉग कंडक्टर लगे हुए हैं जिसे बदलकर जल्द ही बुल्फ कंडक्टर लगाया जाएगा जिससे शहर को 25 मेगावाट बिजली मिल पाएगी और लोगों को 21 से 22 घंटे तक बिजली मिलने लगेगी. उन्होंने बिजली कटौती का एक और कारण बताते हुए कहा कि ठंड की अपेक्षा गर्मी में बिजली की खपत ज्यादा है. गर्मी में उपभोक्ता फ्रीज, एसी, कूलर, पंखे का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं इस वजह से लोड शेडिंग करनी पड़ती है.

कोडरमा: एक तरफ जहां लोग कोरोना से परेशान हैं, तो वहीं दूसरी ओर जिले में लगातार हो रही बिजली कटौती ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है. पिछले कुछ हफ्तों से 10 से 12 घंटे तक बिजली गायब है जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि बिजली कटौती होने से घरों में पानी की किल्लत के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. वहीं, व्यवसायियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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बिजली कटौती के कारण सेवाएं बाधित

लोगों की माने तो बिजली कटौती ने वे काफी परेशान हैं. बिजली कटौती के कारण जलापूर्ति भी बाधित रहती है. जहां कोरोना के कारण बच्चों का स्कूल बंद है, तो वहीं बच्चों की पढ़ाई भी बिजली कटौती के कारण बाधित हो रही है. इधर, बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रणव तिवारी ने बताया कि शहर को 25 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है जबकि कुछ तकनीकी खराबी के कारण सिर्फ 22 मेगावाट ही बिजली मिल पा रही है जिसके कारण लोड शेडिंग करनी पड़ती है.

ठंड की अपेक्षा गर्मी में बिजली की खपत ज्यादा

वहीं, उन्होंने बताया कि मोरियामा से गौशाला तक कम क्षमता के डॉग कंडक्टर लगे हुए हैं जिसे बदलकर जल्द ही बुल्फ कंडक्टर लगाया जाएगा जिससे शहर को 25 मेगावाट बिजली मिल पाएगी और लोगों को 21 से 22 घंटे तक बिजली मिलने लगेगी. उन्होंने बिजली कटौती का एक और कारण बताते हुए कहा कि ठंड की अपेक्षा गर्मी में बिजली की खपत ज्यादा है. गर्मी में उपभोक्ता फ्रीज, एसी, कूलर, पंखे का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं इस वजह से लोड शेडिंग करनी पड़ती है.

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