कोडरमा: झारखंड में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. झारखंड सरकार द्वारा 1932 आधारित स्थानीय नीति लागू करने के मामले में ढील से लोगों में नाराजगी है. वहीं लोगों ने स्थानीय नीति और नियोजन नीति जल्द लागू किए जाने को लेकर आंदोलन करने की चेतावनी दी है. इसी संबंध में विभिन्न आदिवासी-मूलवासी संगठनों के सदस्यों ने कोडरमा के चंदवारा प्रखंड स्थित सांस्कृतिक भवन में बैठक का आयोजन किया.
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25 सदस्य कमेटी करेगी आंदोलन की रूप रेखा तैयार: शुक्रवार को हुई बैठक में जिले कई इलाकों से आए लोगों ने भाग लिया. बैठक के दौरान स्थानीय नीति की मांग को लेकर 25 सदस्य कमेटी का गठन किया गया. यह कमेटी आने वाले दिनों में खतियान आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति लागू करने को लेकर प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी. बैठक का नेतृत्व कर रहे पूर्व मुखिया और कांग्रेस नेता रवि शंकर यादव ने कहा कि खतियान को लेकर सरकार को अपना रुख साफ करना चाहिए, उन्होंने कहा कि उनकी बस एक ही मांग है कि जिनके हाथ में 1932 का खतियान हो उन्हें रोजगार और सरकारी नौकरी में प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
जब तक स्थानीय नीति लागू नहीं होगी आंदोलन जारी रहेगाः मौके पर मौजूद चंदवारा प्रखंड की प्रमुख लीलावती देवी ने कहा कि जब तक हेमंत सरकार 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति और स्थानीय नीति लागू नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. गौरतलब है कि मौजूदा हेमंत सोरेन की सरकार ने इस नीति को व्यावहारिक तौर पर निष्प्रभावी कर दिया है. सरकार बनाने के पहले 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने रघुवर सरकार की बनाई नीति को खत्म कर 1932 के खतियान के आधार पर नई स्थानीय नीति बनाने का वादा किया था. अब पक्ष-विपक्ष के विधायक और विभिन्न संगठन इसी वादे को पूरा करने की मांग कर रहे हैं.