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Koderma News: कोडरमा की लचर बिजली व्यवस्था को लेकर विधायक नीरा यादव बिफरीं, पदाधिकारियों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति का दिया निर्देश - परियोजना प्रमुख दिलीप कुमार सिंह

कोडरमा में इन दिनों बिजली का संकट गहरा गया है. इस कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसको लेकर कोडरमा विधायक नीरा यादव ने बिजली विभाग के पदाधिकारियों संग बैठक की और जरूरी दिशा निर्देश दिया.

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MLA Neera Yadav Meeting With Electricity Officers
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Published : May 28, 2023, 4:43 PM IST

देखें पूरी खबर

कोडरमा: भीषण गर्मी के बीच बिजली की लचर व्यवस्था से पूरे राज्य में जहां कोहराम मचा हुआ है, वहीं कोडरमा थर्मल पावर प्लांट होने के बावजूद जिले में बिजली की चरमराई व्यवस्था से लोग परेशान हैं. पिछले एक सप्ताह से कभी तकनीकी कारण का हवाला देकर तो कभी आंधी-पानी के कारण हुई क्षति की बात कह कर बिजली की आपूर्ति में कटौती की जा रही है. इस कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें-कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के यूनिट में आई तकनीकी खराबी, पांच जिलों में बिजली संकट गहराया

विधायक नीरा यादव ने विद्युत विभाग के पदाधिकारियों संग की बैठकः बहरहाल कोडरमा में चरमराई विद्युत व्यवस्था को लेकर विधायक डॉ नीरा यादव ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड और डीवीसी के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. कोडरमा के वन विश्रामागार में आयोजित इस बैठक में विधायक डॉ नीरा यादव ने डीवीसी और जेबीएनएल के अधिकारियों को आपसी समन्वय बनाकर लोगों को निर्बाध रूप से बिजली देने का निर्देश दिया.

प्रावधान के अनुसार लोगों को नहीं मिल रही बिजलीः गौरतलब है कि कोडरमा थर्मल पावर प्लांट से 650 मेगावाट बिजली आपूर्ति झारखंड सरकार को दी जाती है, जबकि कोडरमा के झुमरी तिलैया के लिए अलग से 25 मेगावाट बिजली देने का करार किया गया था, लेकिन इस प्रावधान के मुताबिक लोगों को बिजली नहीं मिल पा रही है.

कोडरमा में दीपक तले अंधेराः बैठक के बाद विधायक डॉ नीरा यादव ने कहा कि जिले में पावर प्लांट होने के बावजूद पूरे कोडरमा में दीपक तले अंधेरा है. उन्होंने कहा कि प्लांट बनने के बाद प्रदूषण यहां के लोग झेले, गर्मी यहां के लोगों को सहना पड़े, लेकिन प्लांट का लाभ यहां के लोगों को न मिले यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

थर्मल प्लांट से डायरेक्ट बिजली मुहैया कराने में जतायी असर्थताः इधर कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के परियोजना प्रमुख दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि प्लांट के एक बॉयलर में आई तकनीकी खराबी अब दूर हो गई है और बिजली उत्पादन की प्रक्रिया भी सामान्य हो गई है. उन्होंने बताया कि वे उपभोक्ताओं को प्लांट से सीधे बिजली नहीं दे सकते हैं, लेकिन उनके इस प्लांट से झारखंड के विभिन्न ग्रिडों में 650 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जाती है.

अधीक्षण अभियंता ने निर्बाध बिजली देने का दिया आश्वासनः वहीं दूसरी तरफ बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता सुधांशु कुमार ने कहा कि तकनीकी खराबी के साथ आंधी-पानी से जो नुकसान हुआ था उसे ठीक कर लिया गया है. जल्द ही लोगों को निर्बाध रूप से बिजली दी जाएगी. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए वे डीवीसी के अधिकारियों के साथ हर महीने समन्वय स्थापित करने के लिए बैठक भी करेंगे.

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कोडरमा: भीषण गर्मी के बीच बिजली की लचर व्यवस्था से पूरे राज्य में जहां कोहराम मचा हुआ है, वहीं कोडरमा थर्मल पावर प्लांट होने के बावजूद जिले में बिजली की चरमराई व्यवस्था से लोग परेशान हैं. पिछले एक सप्ताह से कभी तकनीकी कारण का हवाला देकर तो कभी आंधी-पानी के कारण हुई क्षति की बात कह कर बिजली की आपूर्ति में कटौती की जा रही है. इस कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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विधायक नीरा यादव ने विद्युत विभाग के पदाधिकारियों संग की बैठकः बहरहाल कोडरमा में चरमराई विद्युत व्यवस्था को लेकर विधायक डॉ नीरा यादव ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड और डीवीसी के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. कोडरमा के वन विश्रामागार में आयोजित इस बैठक में विधायक डॉ नीरा यादव ने डीवीसी और जेबीएनएल के अधिकारियों को आपसी समन्वय बनाकर लोगों को निर्बाध रूप से बिजली देने का निर्देश दिया.

प्रावधान के अनुसार लोगों को नहीं मिल रही बिजलीः गौरतलब है कि कोडरमा थर्मल पावर प्लांट से 650 मेगावाट बिजली आपूर्ति झारखंड सरकार को दी जाती है, जबकि कोडरमा के झुमरी तिलैया के लिए अलग से 25 मेगावाट बिजली देने का करार किया गया था, लेकिन इस प्रावधान के मुताबिक लोगों को बिजली नहीं मिल पा रही है.

कोडरमा में दीपक तले अंधेराः बैठक के बाद विधायक डॉ नीरा यादव ने कहा कि जिले में पावर प्लांट होने के बावजूद पूरे कोडरमा में दीपक तले अंधेरा है. उन्होंने कहा कि प्लांट बनने के बाद प्रदूषण यहां के लोग झेले, गर्मी यहां के लोगों को सहना पड़े, लेकिन प्लांट का लाभ यहां के लोगों को न मिले यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

थर्मल प्लांट से डायरेक्ट बिजली मुहैया कराने में जतायी असर्थताः इधर कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के परियोजना प्रमुख दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि प्लांट के एक बॉयलर में आई तकनीकी खराबी अब दूर हो गई है और बिजली उत्पादन की प्रक्रिया भी सामान्य हो गई है. उन्होंने बताया कि वे उपभोक्ताओं को प्लांट से सीधे बिजली नहीं दे सकते हैं, लेकिन उनके इस प्लांट से झारखंड के विभिन्न ग्रिडों में 650 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जाती है.

अधीक्षण अभियंता ने निर्बाध बिजली देने का दिया आश्वासनः वहीं दूसरी तरफ बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता सुधांशु कुमार ने कहा कि तकनीकी खराबी के साथ आंधी-पानी से जो नुकसान हुआ था उसे ठीक कर लिया गया है. जल्द ही लोगों को निर्बाध रूप से बिजली दी जाएगी. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए वे डीवीसी के अधिकारियों के साथ हर महीने समन्वय स्थापित करने के लिए बैठक भी करेंगे.

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