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कोडरमा: प्रवासी मजदूरों की वापसी की राह नहीं आसान, पैदल घर की राह पर निकले मजदूर

9 मई को विशाखापत्तनम से निकले ये 32 मजदूर रविवार को कोडरमा पहुंचे. जहां पीसीआर की टीम ने इन मजदूरों को पीने के लिए पानी मुहैया कराया और उन्हें रवाना किया.

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Published : May 17, 2020, 7:25 PM IST

प्रवासी मजदूर
प्रवासी मजदूर

कोडरमा: प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर सरकार की ओर से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है और एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश तक प्रवासी मजदूरों को ट्रेन के जरिए पहुंचाया जा रहा है. बहुत से मजदूरों को स्पेशल ट्रेन का सौभाग्य नहीं मिल पाया है. बहरहाल ऐसे कई मजदूर हैं जो पैदल ही अपने घर वापसी की सफर तय करने में जुटे हैं.

देखें पूरी खबर

इसी कड़ी में 9 मई को विशाखापत्तनम से निकले 32 मजदूर कोडरमा पहुंचे. जहां पीसीआर की टीम ने इन मजदूरों को पीने के लिए पानी मुहैया कराया. वहीं स्थानीय लोगों की मदद से इन मजदूरों को शर्बत पिलाया गया. जिसके बाद पीसीआर की टीम ने इन मजदूरों को ट्रक में बैठाकर बिहार की ओर रवाना कर दिया.

मजदूरों ने बताया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए इन लोगों ने भी रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन ट्रेन में सफर की अनुमति नहीं मिली और जब पैसे खत्म हो गए. तो पैदल ही घर वापसी के सफर ये निकल पड़े. मजदूरों की माने तो ओडिशा की सरकार से इन्हें काफी मदद मिली. विशाखापत्तनम से पैदल चले, ये मजदूर जब झारखंड के चाईबासा पहुंचे, तो इन मजदूरों को चाईबासा से बसों के जरिए कोडरमा लाकर छोड़ दिया गया. अब ये मजदूर आगे कैसे जाएंगे इन्हें कुछ भी नहीं पता.

अलग-अलग जिलों से है मजदूर

सारे मजदूर बिहार के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं और विशाखापत्तनम में कोई सेंट्रिंग मिस्त्री का काम करता है तो कोई भवन निर्माण में मजदूरी का काम करता था तो कई मजदूर अलग-अलग प्लांट से भी जुड़े थे. बहरहाल लॉकडॉउन में सभी मजदूरों की एक ही परेशानी थी इसलिए एक साथ घर वापसी के सफर पर ये मजदूर पैदल ही निकल पड़े.

कोडरमा: प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर सरकार की ओर से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है और एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश तक प्रवासी मजदूरों को ट्रेन के जरिए पहुंचाया जा रहा है. बहुत से मजदूरों को स्पेशल ट्रेन का सौभाग्य नहीं मिल पाया है. बहरहाल ऐसे कई मजदूर हैं जो पैदल ही अपने घर वापसी की सफर तय करने में जुटे हैं.

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इसी कड़ी में 9 मई को विशाखापत्तनम से निकले 32 मजदूर कोडरमा पहुंचे. जहां पीसीआर की टीम ने इन मजदूरों को पीने के लिए पानी मुहैया कराया. वहीं स्थानीय लोगों की मदद से इन मजदूरों को शर्बत पिलाया गया. जिसके बाद पीसीआर की टीम ने इन मजदूरों को ट्रक में बैठाकर बिहार की ओर रवाना कर दिया.

मजदूरों ने बताया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए इन लोगों ने भी रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन ट्रेन में सफर की अनुमति नहीं मिली और जब पैसे खत्म हो गए. तो पैदल ही घर वापसी के सफर ये निकल पड़े. मजदूरों की माने तो ओडिशा की सरकार से इन्हें काफी मदद मिली. विशाखापत्तनम से पैदल चले, ये मजदूर जब झारखंड के चाईबासा पहुंचे, तो इन मजदूरों को चाईबासा से बसों के जरिए कोडरमा लाकर छोड़ दिया गया. अब ये मजदूर आगे कैसे जाएंगे इन्हें कुछ भी नहीं पता.

अलग-अलग जिलों से है मजदूर

सारे मजदूर बिहार के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं और विशाखापत्तनम में कोई सेंट्रिंग मिस्त्री का काम करता है तो कोई भवन निर्माण में मजदूरी का काम करता था तो कई मजदूर अलग-अलग प्लांट से भी जुड़े थे. बहरहाल लॉकडॉउन में सभी मजदूरों की एक ही परेशानी थी इसलिए एक साथ घर वापसी के सफर पर ये मजदूर पैदल ही निकल पड़े.

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