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स्कूल प्रबंधन की लापरवाही, डोर-टू-डोर मध्याह्न भोजन पहुंचाने की जगह स्कूल में ही बांटा गया राशन

कोरोना वायरस को लेकर सरकार ने सभी स्कूलो में छुट्टी घोषित कर दिया है और खासकर छोटे बच्चों के बाहर निकलने पर कड़ी पाबंदी है. इसके बावजूद सरकारी स्कूल खोले गए और मध्याह्न भोजन का सूखा राशन छात्र छात्राओं के बीच चावल बांटा गया.

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Published : Mar 30, 2020, 9:08 PM IST

Mid-day meal distributed in government school during corona lockdown
राशन ले जाते हुए बच्चें

कोडरमा: जिले के झुमरी तिलैया में कोरोना लॉकडाउन के दौरान सरकारी स्कूल खोले गए. जहां स्कूली छात्र छात्राओं को चावल बांटा गया. एक ओर जहां छात्र-छात्राओं ने सरकार की इस पहल को सराहा तो वहीं, दूसरी ओर स्कूल प्रबंधक की लापरवाही नजर आई कि डोर टू डोर मध्याह्न भोजन पहुंचाने के बजाय स्कूल में ही छात्रों को मध्याह्न भोजन का राशन बाटा गया.

देखें पूरी खबर

हालांकि इस दौरान स्कूल के शिक्षकों ने छात्र- छात्राओं से सोशल डिस्टेंस भी मेंटेन करवाया, लेकिन चावल लेने के बाद छात्र अपने सहपाठियों के साथ सोशल डिस्टेसिंग का मजाक उड़ाते हुए चले गए.

वहीं, छात्र आर्यन ने सरकार के इस पहल को सराहते हुए कहा कि जो स्कूल में खाना खाते हैं, वह स्कूल में छुट्टी होने के कारण बर्बाद नहीं हो, इसलिए कच्चा राशन दिया जा रहा है.

ये भी देखें- दुमकाः कोरोना पॉजिटिव होने का फैला रहे थे अफवाह, पुलिस ने दर्ज की FIR

इधर स्कूल के प्रधानाध्यापक ने बताया कि कक्षा 1 से लेकर 5 तक के बच्चों को 2 किलो और उससे ऊपर के बच्चों को 3 किलो चावल का वितरण किया गया है. उन्होंने कहा कि यह सरकार के एमडीएम योजना के तहत दिया जा रहा हैं. बहरहाल लॉकडाउन के दौरान छात्र-छात्राओं को मिलने वाला यह चावल न सिर्फ छात्र-छात्राओं को बल्कि उनके परिजनों के भी काम आएगा.

कोडरमा: जिले के झुमरी तिलैया में कोरोना लॉकडाउन के दौरान सरकारी स्कूल खोले गए. जहां स्कूली छात्र छात्राओं को चावल बांटा गया. एक ओर जहां छात्र-छात्राओं ने सरकार की इस पहल को सराहा तो वहीं, दूसरी ओर स्कूल प्रबंधक की लापरवाही नजर आई कि डोर टू डोर मध्याह्न भोजन पहुंचाने के बजाय स्कूल में ही छात्रों को मध्याह्न भोजन का राशन बाटा गया.

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हालांकि इस दौरान स्कूल के शिक्षकों ने छात्र- छात्राओं से सोशल डिस्टेंस भी मेंटेन करवाया, लेकिन चावल लेने के बाद छात्र अपने सहपाठियों के साथ सोशल डिस्टेसिंग का मजाक उड़ाते हुए चले गए.

वहीं, छात्र आर्यन ने सरकार के इस पहल को सराहते हुए कहा कि जो स्कूल में खाना खाते हैं, वह स्कूल में छुट्टी होने के कारण बर्बाद नहीं हो, इसलिए कच्चा राशन दिया जा रहा है.

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इधर स्कूल के प्रधानाध्यापक ने बताया कि कक्षा 1 से लेकर 5 तक के बच्चों को 2 किलो और उससे ऊपर के बच्चों को 3 किलो चावल का वितरण किया गया है. उन्होंने कहा कि यह सरकार के एमडीएम योजना के तहत दिया जा रहा हैं. बहरहाल लॉकडाउन के दौरान छात्र-छात्राओं को मिलने वाला यह चावल न सिर्फ छात्र-छात्राओं को बल्कि उनके परिजनों के भी काम आएगा.

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