कोडरमा: झारखंड टूरिस्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की ओर से कोडरमा के उरवां में संचालित झील रेस्टोरेंट को संरक्षित करने के लिए जिला प्रशासन ने अधिग्रहित कर लिया है. दरअसल जिस एजेंसी को इस झील रेस्टोरेंट के संचालन करने का कॉन्ट्रैक्ट 3 सालों के लिए दिया गया था, वह एजेंसी पहले ही साल में झील रेस्टोरेंट में अनैतिक देह व्यापार का कार्य करने में लिप्त पाई गई थी.
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आपको बता दें कि पिछले साल 16 अगस्त को उरवां के झील रेस्टुरेंट में छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक स्थिति में कई लड़कियां और लड़के पकड़े गए थे, जिसके बाद उक्त एजेंसी का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया गया और नए कॉन्ट्रैक्ट निकाले जाने तक झील रिस्ट्रेंट की प्रॉपर्टी को संरक्षित करने के लिए झारखंड टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के द्वारा जिला प्रशासन को झील रेस्टुरेंट की प्रॉपर्टी को अधिग्रहित करने का निर्देश दिया गया. इस दिशा में डीडीसी ऋतुराज के नेतृत्व में एनएच के किनारे अवस्थित तकरीबन 10 एकड़ के भू-भाग में फैले झील रेस्टोरेंट का बैंक्वेट हॉल, मैरिज हॉल, होटल परिसर और रेस्टोरेंट को जिला प्रशासन ने अधिग्रहित कर लिया है.
उपायुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि प्रकृति के बीच खूबसूरत इलाके में इस झील रेस्टोरेंट का इस्तेमाल बृहद पैमाने पर पर्यटकों के आवभगत के लिए किया जा सकता था, लेकिन उसका इस्तेमाल अनैतिक कार्यों के लिए हो रहा था. ऐसे में एजेंसी का टेंडर रद्द होने के बाद नए कॉन्ट्रैक्ट होने तक जिला प्रशासन वहां की प्रॉपर्टी को सुरक्षित और यथावत रखने के लिए अधिग्रहित कर सील कर दिया है.
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बताते चलें की हजारीबाग के चौपारण के रहने वाले तपेश्वर साव के नाम से इस झील रेस्टोरेंट का टेंडर हुआ था और 3 सालों का कॉन्ट्रैक्ट उसे दिया गया था, लेकिन तपेश्वर साव के नाम पर प्रफुल्ल सिंह के द्वारा इस झील रेस्टोरेंट का इस्तेमाल अनैतिक देह व्यापार के लिए किया जा रहा था. साथ ही इस झील रेस्टुरेंट में का इस्तेमाल अफीम और गांजा तस्करी के लिए भी किया जाता था.