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कोडरमा में CWC ने चार बाल मजदूरों को कराया मुक्त, सभी बिहार के निवासी - झारखंड न्यूज

कोडरमा के बाल कल्याण समिति ने टाउन हॉल निर्माण कार्य में लगे चार नाबालिग को मुक्त कराया. अब चारों की काउंसलिंग समिति के द्वारा की जाएगी. Koderma CWC freed four child labourers

Koderma CWC freed four child labourers
कोडरमा में CWC ने चार बाल मजदूरों को कराया मुक्त
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 12, 2023, 8:01 AM IST

Updated : Oct 12, 2023, 9:50 AM IST

जानकारी देते बाल कल्याण समिति सदस्य अनिल सिंह

कोडरमा: बाल मजदूरी की रोकथाम के लिए सरकार लगातार प्रयासरत दिखती है. बावजूद इसके ऐसे मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला कोडरमा जिला मुख्यालय से सटे नवनिर्मित टाउन हॉल का है. जहां निर्माण कार्य में लगे चार बाल मजदूरों को बाल संरक्षण पदाधिकारी के द्वारा रेस्क्यू कर मुक्त कराया गया हैं.

ये भी पढ़ें: विशेष बच्चे को थर्ड डिग्री! संस्था या क्रूर यातनाओं की काल कोठरी

बच्चों के बारे में मिली थी सूचना: गौरतलब है कि कोडरमा नगर पंचायत के संवेदक के द्वारा कोडरमा जिला मुख्यालय से सटे टाउन हॉल का निर्माण कराया जा रहा था. जहां निर्माण कार्य में बाल मजदूरों को लगाया गया था. जिसकी सूचना बाल संरक्षण पदाधिकारी को मिली और योजनाबद्ध तरीके से निर्माण कार्य में लगे चार बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया.

बच्चों की होगी काउंसलिंग: जिले के बाल संरक्षण पदाधिकारी को सूचना मिली थी कि टाउन हॉल के निर्माण कार्य में नाबालिग बच्चों से काम लिया जा रहा है. इसके बाद डीपीओ नरेंद्र सिंह और चाइल्ड सेवा की टीम मौके पर पहुंची और निर्माण कार्य में लगे चार नाबालिगों का रेस्क्यू किया. रेस्क्यू किए गए चारों नाबालिग बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष काउंसलिंग के लिए भेजा गया हैं.

समिति के सदस्य ने क्या कहा: मामले की जानकारी देते हुए बाल कल्याण समिति के सदस्य अनिल सिंह ने बताया कि बाल मजदूरी करवाना कानूनन जुर्म है. यह एक दंडनीय अपराध भी है. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू किए गए सभी बच्चे पड़ोसी राज्य बिहार के रहने वाले हैं. जिनकी काउंसलिंग की जा रही है. जिसके बाद इन बच्चों को उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा. गौरतलब है कि जिले में बाल मजदूरी की समस्या अक्सर होटलों या निर्माण कार्यों में देखी जाती है.

जानकारी देते बाल कल्याण समिति सदस्य अनिल सिंह

कोडरमा: बाल मजदूरी की रोकथाम के लिए सरकार लगातार प्रयासरत दिखती है. बावजूद इसके ऐसे मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला कोडरमा जिला मुख्यालय से सटे नवनिर्मित टाउन हॉल का है. जहां निर्माण कार्य में लगे चार बाल मजदूरों को बाल संरक्षण पदाधिकारी के द्वारा रेस्क्यू कर मुक्त कराया गया हैं.

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बच्चों के बारे में मिली थी सूचना: गौरतलब है कि कोडरमा नगर पंचायत के संवेदक के द्वारा कोडरमा जिला मुख्यालय से सटे टाउन हॉल का निर्माण कराया जा रहा था. जहां निर्माण कार्य में बाल मजदूरों को लगाया गया था. जिसकी सूचना बाल संरक्षण पदाधिकारी को मिली और योजनाबद्ध तरीके से निर्माण कार्य में लगे चार बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया.

बच्चों की होगी काउंसलिंग: जिले के बाल संरक्षण पदाधिकारी को सूचना मिली थी कि टाउन हॉल के निर्माण कार्य में नाबालिग बच्चों से काम लिया जा रहा है. इसके बाद डीपीओ नरेंद्र सिंह और चाइल्ड सेवा की टीम मौके पर पहुंची और निर्माण कार्य में लगे चार नाबालिगों का रेस्क्यू किया. रेस्क्यू किए गए चारों नाबालिग बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष काउंसलिंग के लिए भेजा गया हैं.

समिति के सदस्य ने क्या कहा: मामले की जानकारी देते हुए बाल कल्याण समिति के सदस्य अनिल सिंह ने बताया कि बाल मजदूरी करवाना कानूनन जुर्म है. यह एक दंडनीय अपराध भी है. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू किए गए सभी बच्चे पड़ोसी राज्य बिहार के रहने वाले हैं. जिनकी काउंसलिंग की जा रही है. जिसके बाद इन बच्चों को उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा. गौरतलब है कि जिले में बाल मजदूरी की समस्या अक्सर होटलों या निर्माण कार्यों में देखी जाती है.

Last Updated : Oct 12, 2023, 9:50 AM IST
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